Uttarakhand: समाज में दिव्यांगजनों (Disabled Persons) के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिव्यांगजनों से विवाह करने वाले जोड़ों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को दोगुना करने का ऐलान किया है। यह फैसला न केवल दिव्यांग व्यक्तियों के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि समाज में व्याप्त संकीर्ण मानसिकता को बदलने में भी एक मील का पत्थर साबित होगा।
खुशखबरी! दिव्यांग से शादी करने पर अब मिलेंगे ₹50,000, धामी सरकार का बड़ा ऐलान
उत्तराखंड में अब दिव्यांग महिला या पुरुष से विवाह करने पर सरकार की ओर से ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पहले इस योजना के तहत ₹25,000 की आर्थिक मदद मिलती थी, जिसे अब सीधे दोगुना कर दिया गया है। यह घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में समाज कल्याण योजनाओं के तहत पेंशन राशि ट्रांसफर करने के दौरान की।
यह योजना राज्य के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती है और इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के विवाह को प्रोत्साहित करना है ताकि वे एक सम्मानजनक और खुशहाल वैवाहिक जीवन जी सकें।
सिर्फ यही नहीं, दिव्यांग छात्रों को भी मिला तोहफा
दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन राशि को दोगुना करने के साथ-
साथ, सरकार ने दिव्यांग छात्रों के हित में भी एक बड़ा फैसला लिया है। अब कक्षा 1 से 8वीं तक पढ़ने वाले दिव्यांग छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप (छात्रवृत्ति) के लिए आय सीमा की शर्त को पूरी तरह से हटा दिया गया है। इसका मतलब है कि अब परिवार की आय चाहे कितनी भी हो, इन कक्षाओं में पढ़ने वाले हर दिव्यांग छात्र को स्कॉलरशिप का लाभ मिलेगा। यह कदम दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
कौन उठा सकता है विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ? जानें पात्रता और शर्तें
यदि आप भी इस सरकारी योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ पात्रता और शर्तें निर्धारित की गई हैं, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है:
- दिव्यांगता का प्रतिशत: योजना का लाभ उठाने के लिए पति या पत्नी में से किसी एक का 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग होना अनिवार्य है। यदि पति और पत्नी दोनों ही इस श्रेणी में आते हैं, तो भी उन्हें प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
- उत्तराखंड का निवासी: आवेदक (पति या पत्नी में से कोई एक) का कम से कम 5 वर्षों से उत्तराखंड का स्थायी नागरिक होना आवश्यक है।
- आयकर दाता न हों: यदि पति या पत्नी में से कोई भी इनकम टैक्स (Income Tax) भरता है, तो वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
- अविवाहित होना: योजना का लाभ केवल उन्हीं जोड़ों को मिलेगा जिनकी यह पहली शादी हो। दोनों में से कोई भी पहले से शादीशुदा नहीं होना चाहिए।
- आपराधिक रिकॉर्ड: आवेदक के खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए।
- आयु सीमा: विवाह के समय लड़के की उम्र 21 से 45 वर्ष के बीच और लड़की की उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
कैसे करें आवेदन? जानें पूरी प्रक्रिया
इस योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया काफी सरल है।
- आवेदन फॉर्म प्राप्त करें: आवेदन करने के लिए आपको उत्तराखंड सरकार के समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) के ऑफिशियल पोर्टल पर जाना होगा, जहां से आप आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं।
- दस्तावेज संलग्न करें: फॉर्म को ध्यान से भरें और मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों (जैसे- दिव्यांगता प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र आदि) की प्रतियां संलग्न करें।
- फॉर्म जमा करें: भरे हुए फॉर्म को सभी दस्तावेजों के साथ अपने जिले के सहायक समाज कल्याण अधिकारी (Assistant Social Welfare Officer) के कार्यालय में जमा करा दें।
सरकार का यह कदम निश्चित रूप से एक प्रगतिशील समाज के निर्माण में सहायक होगा, जहाँ दिव्यांगजनों को बराबरी का दर्जा और सम्मान मिलेगा।