---Advertisement---

Rajasthan News: राजस्थान में स्कूली बच्चों की बल्ले-बल्ले, मिड-डे मील में अब दूध, अंडे, फल और केक भी

Published On: June 24, 2025
Follow Us
Rajasthan News: राजस्थान में स्कूली बच्चों की बल्ले-बल्ले, मिड-डे मील में अब दूध, अंडे, फल और केक भी
---Advertisement---

Rajasthan News:  राजस्थान सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme) में एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य बदलाव किया है। अब स्कूली बच्चे केवल पारंपरिक थाली में परोसे जाने वाले भोजन तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि उनके समग्र पोषण, विकास और मौसमी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मिड-डे मील मेनू (Mid-Day Meal Menu) में कई नए, स्वादिष्ट और पौष्टिक खाद्य पदार्थ (nutritious food items) जोड़े जा रहे हैं। इस ऐतिहासिक पहल के संबंध में राज्य सरकार ने सभी जिलों के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।

सप्ताहिक मेनू में विविधता और पोषण का खजाना

इस नई व्यवस्था के तहत, अब सप्ताह के अलग-अलग दिनों में सरकारी स्कूलों में बच्चों को दूध, बिस्कुट, अंडे, केक, मौसमी फल और अन्य स्वास्थ्यवर्धक पोषण संबंधी वस्तुएं नियमित रूप से परोसी जाएंगी। यह कदम न केवल बच्चों की खाने में रुचि बढ़ाएगा, बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी उल्लेखनीय सुधार लाएगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य बच्चों के पोषण स्तर (children’s nutritional levels) को बेहतर बनाना और उन्हें कुपोषण से बचाना है।

‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’ का प्रभावी पुनर्सुधार

इस व्यापक बदलाव के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में, राज्य की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना’ (Mukhyamantri Bal Gopal Yojana) को और भी अधिक प्रभावी तरीके से पुनः लागू किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत, सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों (students from class 1 to 8) को सप्ताह में कम से कम दो दिन गर्म दूध, पौष्टिक बिस्कुट और प्रोटीन से भरपूर अंडे दिए जाएंगे। सरकार ने उन बच्चों का भी ध्यान रखा है जो अंडे का सेवन नहीं करते हैं; ऐसे बच्चों को केले या अन्य मौसमी फल जैसे वैकल्पिक पौष्टिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि कोई भी बच्चा अतिरिक्त पोषण से वंचित न रहे। राजस्थान में बच्चों के लिए सरकारी योजनाएं (government schemes for children in Rajasthan) में यह एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

मौसम और स्थानीयता का रखा जाएगा विशेष ध्यान

मध्याह्न भोजन में बदलाव (changes in mid-day meal) की इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने से पहले विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठकें की गई हैं। अब इस योजना को क्षेत्र-वार प्रभावी ढंग से लागू करने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। राजस्थान शिक्षा विभाग (Rajasthan Education Department) की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि भोजन तैयार करते समय स्थानीय जलवायु, मौसम की उपलब्धता और बच्चों की पसंद का विशेष ध्यान रखा जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों को ठंडी या गर्म तासीर वाली चीजें संतुलित मात्रा में मिल सकें और किसी भी प्रकार की मौसमी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना न करना पड़े। बच्चों का स्वास्थ्य (children’s health) सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

गुणवत्ता, स्वाद और स्कूलों में बढ़ती उपस्थिति की उम्मीद

इस पहल के तहत सिर्फ नए आइटम ही नहीं जोड़े जा रहे, बल्कि थाली में पहले से परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता और स्वाद (quality and taste of food) पर भी विशेष जोर दिया जाएगा। पैकेज्ड केक (सुनिश्चित गुणवत्ता वाले), विभिन्न प्रकार के मौसमी फल, और फोर्टिफाइड दूध (fortified milk) जैसी पोषण युक्त वस्तुएं (nutrient-rich items) अब नियमित रूप से मध्याह्न भोजन का अभिन्न हिस्सा होंगी।

सरकार का मानना है कि इस अभिनव पहल से न केवल बच्चों को अधिक पौष्टिक और संतुलित आहार (nutritious and balanced diet) मिलेगा, बल्कि स्कूलों में उनकी उपस्थिति (attendance in schools) भी बढ़ेगी। जब बच्चों को स्कूल में स्वादिष्ट और सेहतमंद भोजन मिलेगा, तो वे अधिक उत्साह के साथ स्कूल आएंगे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता (quality of education) में भी स्वाभाविक रूप से सुधार होगा। यह कदम राजस्थान में शिक्षा (education in Rajasthan) के स्तर को और ऊंचा उठाने में सहायक सिद्ध होगा। कुल मिलाकर, यह योजना राजस्थान के स्कूली बच्चों के भविष्य (future of school children in Rajasthan) को उज्ज्वल बनाने की दिशा में एक सकारात्मक और दूरगामी कदम है।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now