Mahila Rojgar Yojana: बिहार की महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ी और खुशखबरी सामने आई है! राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में नीतीश सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है, और इसी महीने यानी सितंबर से महिलाओं के बैंक खातों में ₹10,000 की पहली किस्त आना शुरू हो जाएगी। यह योजना न केवल महिलाओं को अपना खुद का रोजगार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करेगी, बल्कि उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता की ओर एक मजबूत कदम बढ़ाने में भी मदद करेगी।
नीतीश सरकार का बड़ा तोहफा: खाते में आएंगे ₹10,000, ऑनलाइन पोर्टल हुआ लॉन्च
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया का शुभारंभ किया। इसके साथ ही, शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया गया है, ताकि वे आसानी से घर बैठे आवेदन कर सकें। योजना की सबसे खास बात यह है कि आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद, इसी महीने से लाभार्थी महिलाओं के बैंक खातों में सीधे ₹10,000 की राशि भेज दी जाएगी।
राज्य सरकार ने इस योजना के लिए ₹20,000 करोड़ का भारी-भरकम बजट मंजूर किया है, जो यह दर्शाता है कि सरकार महिला सशक्तिकरण को लेकर कितनी गंभीर है। मुख्यमंत्री ने रविवार को एक अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में योजना से संबंधित आवेदन प्रपत्र का भी विमोचन किया और योजना के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 250 जागरूकता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
सिर्फ ₹10,000 ही नहीं, मिलेंगे ₹2 लाख तक!
आपको बता दें कि यह योजना सिर्फ ₹10,000 तक ही सीमित नहीं है। राज्य कैबिनेट ने 29 अगस्त को इस योजना को मंजूरी देते हुए यह स्पष्ट किया था कि ₹10,000 की यह राशि पहली किस्त के रूप में दी जाएगी, ताकि महिलाएं अपनी पसंद का कोई छोटा-मोटा रोजगार शुरू कर सकें।
- पहली किस्त: ₹10,000 (रोजगार शुरू करने के लिए)
- अतिरिक्त वित्तीय सहायता: महिलाओं द्वारा रोजगार शुरू किए जाने के बाद, सरकार उनके काम का आकलन करेगी और आवश्यकतानुसार ₹2 लाख तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में नीतीश सरकार के प्रयास
इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने याद दिलाया कि:
- 2006 और 2007 में पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया।
- विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों (SHGs) का विस्तार किया गया, जिससे आज 11 लाख से अधिक समूहों से 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं।
- 2024 में शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह बनाए गए, जिससे अब तक 3 लाख 85 हजार महिलाएं जुड़ी हैं।
- 2013 में पुलिस बहाली में और 2016 में सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया गया।
- महिलाओं की मांग पर ही राज्य में शराबबंदी लागू की गई।
कौन होंगी इस योजना की लाभार्थी? जानें पात्रता की शर्तें
यह जानना बहुत जरूरी है कि इस योजना का लाभ किन महिलाओं को मिलेगा। योजना के लिए पात्रता की शर्तें इस प्रकार हैं:
- जीविका दीदी होना अनिवार्य: योजना का लाभ मुख्य रूप से जीविका दीदियों को मिलेगा। जो महिलाएं अभी तक सदस्य नहीं हैं, उन्हें पहले जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ना अनिवार्य होगा।
- समूह से जुड़ने की प्रक्रिया: समूह से जुड़ने के लिए संबंधित ग्राम संगठन में एक स्वघोषणा पत्र और आवेदन देना होगा।
- आयु सीमा: आवेदिका की उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आयकर दाता न हों: आवेदिका या उनके पति आयकर दाता (Income Tax Payer) की श्रेणी में नहीं आने चाहिए।
- सरकारी नौकरी में न हों: आवेदिका स्वयं या उनके पति किसी भी प्रकार की सरकारी सेवा (नियमित या संविदा) में कार्यरत नहीं होने चाहिए।
यह योजना निश्चित रूप से बिहार की महिलाओं के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी, जो उन्हें न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी बल्कि समाज में उनकी भागीदारी को भी बढ़ाएगी।