Haryana News: हरियाणा सरकार ने अपने राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात दी है। कर्मचारी कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई कर्मचारी-हितैषी प्रस्तावों पर मुहर लगा दी गई। इसमें सबसे बड़ा फैसला एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme – UPS) को मंजूरी देना है, जो लंबे समय से कर्मचारियों की मांग का एक हिस्सा रही है। प्रदेश सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा करते हुए यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
यह योजना 1 अगस्त, 2024 से प्रभावी होगी और इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को पेंशन का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 1 जनवरी, 2006 के बाद से नियुक्त हुए सभी नियमित कर्मचारियों को इस एकीकृत पेंशन योजना (UPS) का लाभ मिलेगा। अनुमान है कि इस निर्णय से प्रदेश के दो लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को सीधा फायदा पहुंचेगा। यूपीएस के तहत, जो कर्मचारी 25 साल की सेवा पूरी कर लेंगे, उन्हें उनके अंतिम 12 महीने के औसत मूल वेतन (Average Basic Pay) का 50 प्रतिशत पेंशन राशि के रूप में दिया जाएगा, जो कि एक परिभाषित और गारंटीशुदा लाभ है।
कर्मचारियों के पास चुनने का विकल्प: UPS या NPS
हरियाणा सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को कर्मचारियों के लिए अनिवार्य नहीं किया है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। कर्मचारियों को यह विकल्प दिया गया है कि वे या तो नई यूपीएस को अपनाएं या फिर मौजूदा नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System – NPS) के तहत ही पेंशन प्रक्रिया को जारी रखें। यह पूरी तरह से कर्मचारियों पर निर्भर करेगा कि वे UPS के तहत गारंटीशुदा पेंशन लाभ प्राप्त करना चाहते हैं अथवा बाजार आधारित एनपीएस को अपनाना चाह रहे हैं।
UPS और NPS में क्या है बड़ा अंतर?
यूपीएस और एनपीएस दोनों ही सेवानिवृत्ति योजनाएं हैं, लेकिन इनके बीच कुछ बुनियादी और महत्वपूर्ण अंतर हैं:
- एकीकृत पेंशन योजना (UPS): यह एक परिभाषित लाभ योजना (Defined Benefit Scheme) है। इसका मतलब है कि सेवानिवृत्ति पर एक निश्चित और पहले से निर्धारित पेंशन राशि की गारंटी दी जाती है। कर्मचारी को पता होता है कि उसे कितनी पेंशन मिलेगी।
- नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): यह एक परिभाषित अंशदान योजना (Defined Contribution Scheme) है। इसमें कर्मचारी और सरकार द्वारा एक निश्चित अंशदान किया जाता है, जिसे बाजार में निवेश किया जाता है। पेंशन की अंतिम राशि पूरी तरह से किए गए निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर निर्भर करती है, जिसकी कोई गारंटी नहीं होती।
नई पेंशन योजना (UPS) के मुख्य लाभ
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंत्रिमंडल के इस फैसले के बाद विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि एकीकृत पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मचारियों को कई महत्वपूर्ण लाभ सुनिश्चित किए गए हैं:
- न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन: यदि कोई कर्मचारी 10 वर्ष या उससे अधिक की सेवा पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होता है, तो उसे प्रति माह कम से कम ₹10,000 की न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
- न्यूनतम फैमिली पे-आउट: इसी तरह, 10 वर्ष की न्यूनतम सेवा पूरी होने पर कर्मचारी को 30 प्रतिशत का फैमिली पे-आउट (Family Pay-out) भी दिया जाएगा।
- पूर्ण पेंशन लाभ: सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पे-आउट का पूरा लाभ (अंतिम वेतन का 50%) 25 वर्ष की सेवा पूरी होने के उपरांत ही मिलेगा।
- पारिवारिक पेंशन (मृत्यु की स्थिति में): यदि सेवा के दौरान या सेवानिवृत्ति के बाद पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को अंतिम आहरित पेंशन राशि का 60% पारिवारिक पेंशन (Family Pension) के रूप में प्राप्त होगा।
- महंगाई राहत का लाभ: यह सुनिश्चित किया गया है कि पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत मिले। महंगाई राहत (Dearness Relief) सुनिश्चित पेंशन भुगतान और पारिवारिक पेंशन, दोनों पर लागू होगी। इसकी गणना सेवारत कर्मचारियों पर लागू होने वाले महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) के समान ही की जाएगी। हालांकि, महंगाई राहत का भुगतान तभी शुरू होगा जब पेंशन का भुगतान प्रारंभ हो जाएगा।
यह कदम हरियाणा सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने और उन्हें एक सम्मानजनक सेवानिवृत्त जीवन प्रदान करने की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।