Agniveer Policy: हरियाणा, जो देश की सेना में अपने वीर जवानों को भेजने के लिए जाना जाता है, से इस वक्त की एक बड़ी और दिल जीतने वाली खबर सामने आ रही है। प्रदेश की नायब सिंह सैनी सरकार (Nayab Singh Saini Government) ने अग्निवीर योजना (Agniveer Scheme) को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला किया है, जो युवाओं का सेना के प्रति उत्साह और भी बढ़ा देगा। सरकार ने ऐलान किया है कि अब युद्ध और शांति काल में वीरता का परिचय देने वाले अग्निवीरों को भी नियमित सैनिकों की तरह ही वीरता पुरस्कारों पर करोड़ों रुपये का नकद सम्मान दिया जाएगा।
शहीद अग्निवीरों के परिवारों को सबसे बड़ा संबल
सरकार ने सबसे बड़ा ऐलान शहीद अग्निवीरों के परिवारों के लिए किया है। अगर देश की सेवा करते हुए युद्ध, किसी आतंकवादी हमले या उग्रवादी झड़पों में कोई अग्निवीर शहीद (Agniveer Martyr) होता है, तो हरियाणा सरकार उनके परिवार को संबल प्रदान करने के लिए एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि देगी। यह कदम उन परिवारों को आर्थिक रूप से सुरक्षित करेगा जो देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देते हैं।
वीरता पुरस्कारों पर होगी धनवर्षा
हरियाणा सरकार पहले से ही नियमित सैनिकों को वीरता पुरस्कारों पर नकद राशि देती आ रही है, अब इस नीति में अग्निवीरों को भी शामिल कर लिया गया है, जो एक स्वागत योग्य कदम है। नई नीति के तहत दिए जाने वाले पुरस्कार इस प्रकार हैं:
- परमवीर चक्र: ₹ 2 करोड़
- महावीर चक्र: ₹ 1 करोड़
- कीर्ति चक्र (शांति काल): ₹ 1.01 करोड़
- अशोक चक्र (शांति काल): ₹ 1 करोड़
- वीर चक्र: ₹ 50 लाख
- शौर्य चक्र (शांति काल): ₹ 31 लाख
- सेना पदक (वीरता): ₹ 21 लाख
शांति काल में भी मिलेगा पूरा सम्मान
सिर्फ युद्ध ही नहीं, बल्कि शांति के समय में भी असाधारण साहस का प्रदर्शन करने वाले अग्निवीरों को सरकार सम्मानित करेगी। सैनिक व अर्ध सैनिक कल्याण विभाग ने इन एकमुश्त नकद पुरस्कारों के नियमों को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित कर दिया है। इसके तहत कीर्ति चक्र विजेता को 51 लाख, शौर्य चक्र विजेता को 31 लाख, और सेना पदक (वीरता) विजेता को दस लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा।
सम्मान राशि के बंटवारे के लिए स्पष्ट नियम
सरकार ने शहीद अग्निवीर के परिवार को मिलने वाली ₹1 करोड़ की राशि के बंटवारे के लिए भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि किसी भी तरह का पारिवारिक विवाद न हो:
- विवाहित शहीद: कुल राशि का 35% हिस्सा शहीद की पत्नी (भले ही उसने पुनर्विवाह किया हो) को, 35% बच्चों को और 30% माता-पिता को मिलेगा। माता-पिता को यह राशि उन पर आश्रित न होने पर भी दी जाएगी।
- संतान न होने पर: 50% पत्नी को और 50% माता-पिता को मिलेगा।
- अविवाहित शहीद: 100% राशि माता-पिता में 50-50% बांटी जाएगी।
- अविवाहित शहीद (माता-पिता जीवित नहीं): राशि उन भाई-बहनों को मिलेगी जो शहीद पर आश्रित थे।
यह फैसला दिखाता है कि सरकार न केवल अग्निवीरों की वीरता का सम्मान करती है, बल्कि उनके परिवार की देखभाल के लिए भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस घोषणा के बाद हरियाणा के युवाओं में सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का जज्बा और मजबूत होने की उम्मीद है।