---Advertisement---

Youngest IAS Officer: 22 की उम्र में, पहले ही प्रयास में बनीं IAS, जानें सफलता की पूरी कहानी

Published On: June 30, 2025
Follow Us
Youngest IAS Officer: 22 की उम्र में, पहले ही प्रयास में बनीं IAS, जानें सफलता की पूरी कहानी
---Advertisement---

Youngest IAS Officer: पूरे भारत के युवाओं का सपना होता है कि वे कठिन परिश्रम के बल पर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रतिष्ठित परीक्षा उत्तीर्ण कर IAS या IPS अधिकारी बनें। यह परीक्षा न केवल ज्ञान की गहराई का परीक्षण करती है, बल्कि समर्पण, दृढ़ संकल्प और प्रभावी रणनीति की भी मांग करती है। आज हम आपको एक ऐसी ही असाधारण महिला अधिकारी की प्रेरणादायक जीवन यात्रा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने केवल 22 साल की उम्र में, अपने पहले ही प्रयास में, UPSC सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 28वीं रैंक हासिल करके IAS अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया। हम बात कर रहे हैं पंजाब की होनहार बेटी, IAS चंद्रज्योति सिंह की

पंजाब की IAS अधिकारी चंद्रज्योति सिंह का जन्म और पालन-पोषण एक सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार में हुआ। उनके पिता, दलभारा सिंह, भारतीय सेना में एक रिटायर्ड कर्नल हैं, और उनकी माँ, लेफ्टिनेंट कर्नल मीना सिंह, आर्मी में एक रेडियोलॉजिस्ट के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। माता-पिता के सेना में सेवा करने के कारण, चंद्रज्योति की स्कूली शिक्षा विभिन्न शहरों में हुई, जिससे उन्हें विभिन्न संस्कृतियों और परिवेशों को जानने का अनूठा अनुभव मिला।

अपनी शिक्षा की नींव को मजबूत करते हुए, चंद्रज्योति ने जालंधर के प्रतिष्ठित एपीजे स्कूल से अपनी 10वीं बोर्ड परीक्षा उत्कृष्ट अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद, चंडीगढ़ के एक प्रतिष्ठित स्कूल, भवन विद्यालय से उन्होंने 12वीं कक्षा की परीक्षा 95.4% अंकों के साथ सफलतापूर्वक पूरी की। उनकी अकादमिक प्रतिभा यहीं नहीं रुकी; 2018 में, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास (History) में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। अपनी शिक्षा को और विस्तारित करते हुए, उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से लोक प्रशासन (Public Administration) में स्नातकोत्तर (Masters) की डिग्री हासिल की, जो IAS परीक्षा के पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

शैक्षणिक उपलब्धियों को हासिल करने के बाद, चंद्रज्योति सिंह का IAS बनने का सपना और भी दृढ़ हो गया। उन्होंने पूरे समर्पण के साथ UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। अपनी UPSC परीक्षा की तैयारी के दौरान, चंद्रज्योति प्रतिदिन औसतन 6-8 घंटे गहन अध्ययन करती थीं। उनकी सफलता का मुख्य श्रेय उनकी निरंतरता, अनुशासित अध्ययन और विषयों की गहरी समझ को जाता है। 2019 में, अपने पहले ही प्रयास में, उन्होंने यह साबित कर दिया कि सही रणनीति और अथक प्रयास से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, जब उन्होंने UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया 28वीं रैंक हासिल की।

IAS चंद्रज्योति सिंह की सफलता की कहानी देश भर के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए जो सिविल सेवाओं में अपना करियर बनाना चाहती हैं। उनकी कहानी यह संदेश देती है कि कड़ी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के साथ, उम्र या प्रारंभिक कठिनाइयाँ सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकतीं।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now