भारत के कॉरपोरेट जगत से एक बहुत बड़ी खबर सामने आई है, जिसने अडानी ग्रुप (Adani Group) के भविष्य की दिशा को और स्पष्ट कर दिया है। इंफ्रास्ट्रक्चर किंग और दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) ने अपने समूह की सबसे मूल्यवान और प्रमुख कंपनी, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports and SEZ), में अपनी कार्यकारी भूमिका (Executive Position) से हटने का फैसला किया है। अब वह कंपनी में एक प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्ति (Key Managerial Figure) के रूप में काम नहीं करेंगे।
इस बड़े संगठनात्मक बदलाव के तहत, 63 वर्षीय गौतम अडानी अब कंपनी में गैर-कार्यकारी अध्यक्ष (Non-Executive Chairman) की भूमिका निभाएंगे। यह कदम एक सुनियोजित उत्तराधिकार योजना (succession plan) का हिस्सा है, क्योंकि उनके बड़े बेटे, 38 वर्षीय करण अडानी (Karan Adani), पहले से ही बंदरगाह संचालन (Port Operations) का प्रबंधन प्रबंध निदेशक (Managing Director) के रूप में प्रभावी ढंग से कर रहे हैं।
क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला? कंपनी कानून बना वजह
गौतम अडानी द्वारा अपनी कार्यकारी भूमिका छोड़ने का यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया है, बल्कि यह कंपनी कानून के प्रावधानों का पालन करने के लिए एक रणनीतिक कदम है। इस बदलाव के पीछे कंपनी अधिनियम की धारा 203, उप-धारा 3 (Companies Act – Section 203, sub-section 3) है। यह कानून एक ही व्यक्ति को एक साथ एक से अधिक कंपनियों में प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्ति (Key Managerial Person – KMP) या पूर्णकालिक निदेशक (Whole-time Director – WTD) जैसे कार्यकारी पदों पर रहने से रोकता है।
कॉरपोरेट गवर्नेंस (corporate governance) के मानकों को मजबूत करने और नेतृत्व की जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से बांटने के लिए यह नियम बनाया गया है। इस कानून का पालन करते हुए, गौतम अडानी ने अपनी भूमिका को संशोधित किया है।
अब क्या होगी गौतम अडानी की भूमिका?
मंगलवार के इस घटनाक्रम के बाद, गौतम अडानी अब अपने समूह की सात प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों में गैर-कार्यकारी अध्यक्ष बन गए हैं। इस भूमिका में वह केवल रणनीतिक मार्गदर्शन और सलाह देंगे, लेकिन दिन-प्रतिदिन के कार्यों में सीधे तौर पर शामिल नहीं होंगे। इन कंपनियों में शामिल हैं:
- अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन
- अंबुजा सीमेंट्स
- अडानी ग्रीन एनर्जी
- अडानी ग्रीन सॉल्यूशंस
- अडानी पावर
- अडानी टोटल गैस
- अडानी इंफ्रा (इंडिया)
सिर्फ एक कंपनी में संभालेंगे कार्यकारी पद
अब गौतम अडानी सिर्फ एक ही कंपनी, अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में कार्यकारी अध्यक्ष (Executive Chairman) के रूप में अपनी भूमिका जारी रखेंगे। अडानी एंटरप्राइजेज को समूह का “इनक्यूबेटर” माना जाता है, जो एयरपोर्ट, डेटा सेंटर और कॉपर मेटल जैसे नए व्यवसायों को जन्म देता है और उन्हें विकसित करता है। इस भूमिका में बने रहने का मतलब है कि गौतम अडानी का मुख्य ध्यान अब समूह के लिए नए विकास के रास्ते तलाशने और भविष्य के व्यवसायों को खड़ा करने पर रहेगा।
करण अडानी के लिए साफ हुआ रास्ता
यह बदलाव गौतम अडानी को चेयरमैन और एमडी से कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के एक साल और सात महीने बाद आया है, जिस कदम ने करण अडानी के लिए प्रबंध निदेशक बनने का मार्ग प्रशस्त किया था। गौतम अडानी 1998 में अडानी पोर्ट्स के बोर्ड में शामिल हुए थे, और उनके नेतृत्व में यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी निजी पोर्ट ऑपरेटर बनी। अब करण अडानी के नेतृत्व में कंपनी विकास के अगले चरण के लिए तैयार है।







