हाल ही में अमेरिकी वित्तीय बाज़ार में दो ऐसी महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं हैं जिन्होंने निवेशकों के बीच चिंता और अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है। पहला, फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) की गवर्नर एड्रियाना कुग्लर (Adriana Kugler) का 8 अगस्त से प्रभावी इस्तीफ़ा, और दूसरा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) द्वारा यू.एस. ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स (U.S. Bureau of Labor Statistics – BLS) की कमिश्नर एरिका एल. मैसेंटरफर (Erika L. McEntarfer) की बर्खास्तगी। ये घटनाएँ अमेरिकी अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण आंकड़ों की सटीकता और आने वाली नीतियों पर सवालिया निशान लगा रही हैं।
एड्रियाना कुग्लर का इस्तीफा: फेडरल रिजर्व की स्वायत्तता पर चिंता
फेडरल रिजर्व की गवर्नर एड्रियाना कुग्लर का इस्तीफा, विशेष रूप से तब जब उन्होंने हाल की बैठकों में मतदान नहीं किया था, इस बात की ओर संकेत देता है कि फेडरल रिजर्व पर राष्ट्रपति ट्रम्प का दबाव बढ़ रहा है। SAM STOVALL, CFRA Research के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, बताते हैं कि यदि राष्ट्रपति किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करते हैं जो उनकी नीतियों का समर्थक हो, तो वॉल स्ट्रीट उस डेटा को विश्वसनीय नहीं मानेगा जो सरकार की नीतियों का समर्थन करने के लिए “विकृत” (skewed) प्रतीत हो। यह अमेरिका की “असाधारणता” (exceptionalism) की धारणा पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है, क्योंकि अमेरिका अपने डेटा की सटीकता के लिए जाना जाता है। JAMIE COX, हैरिस फाइनेंशियल ग्रुप के मैनेजिंग पार्टनर, का मानना है कि कुग्लर का इस्तीफा फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) को राष्ट्रपति की छवि के अनुरूप आकार देने का अवसर प्रदान करता है, और हो सकता है कि किसी ‘केविन’ को उम्मीद से पहले बोर्ड में जगह मिल जाए। STEVE SOSNICK, इंटरैक्टिव ब्रोकर्स के चीफ मार्केट एनालिस्ट, को लगता है कि यह एक व्यक्तिगत कारण से हो सकता है, लेकिन उनके इस्तीफे का समय भी “अजीब” है।
BLS कमिश्नर की बर्खास्तगी: डेटा पर विश्वास का संकट?
एक अलग घटनाक्रम में, राष्ट्रपति ट्रम्प ने BLS कमिश्नर एरिका एल. मैसेंटरफर को “पिछली नौकरी सृजन (employment growth) के आंकड़ों के अपेक्षा से कम रहने” के कारण बर्खास्त करने का आदेश दिया। यह कदम अमेरिकी राजनीति में एक अभूतपूर्व कदम है, क्योंकि आम तौर पर किसी अधिकारी को केवल इसलिए बर्खास्त नहीं किया जाता क्योंकि डेटा प्रशासन की नीतियों का समर्थन नहीं करता।
- सटीकता पर सवाल: SAM STOVALL चिंता व्यक्त करते हैं कि यह अमेरिकी डेटा की सटीकता पर सवाल उठाता है। PETER ANDERSEN, ANDERSEN CAPITAL MANAGEMENT के संस्थापक, का कहना है कि यह बाज़ार में तनाव (tension) को बढ़ाता है और निवेशकों के लिए आगे की राह तय करना मुश्किल बनाता है।
- अभूतपूर्व कदम: STEVE SOSNICK इसे ‘अभूतपूर्व’ (unprecedented) मानते हैं, क्योंकि राष्ट्रपति को डेटा पसंद न आने पर बिना जांच के किसी को फायर करना एक ‘अच्छा संकेत नहीं’ है। यह प्रश्न उठाता है कि क्या इस प्रकार की जानकारी पर भरोसा किया जा सकता है और क्या यह निष्पक्ष (unbiased) रहेगी। यदि डेटा संग्राहक राजनीतिक नखरों (political whims) के अधीन हैं, तो डेटा की सत्यता (veracity) पर सवाल उठना लाजिमी है।
- ‘संदेशवाहक को मारना’: PETER TUZ, चेस इन्वेस्टमेंट काउंसिल के अध्यक्ष, इसे “अवांछित” (upsetting) बताते हैं, जहाँ डेटा की व्याख्या करने वाले को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, बजाय इसके कि डेटा स्वयं क्या कहता है।
- Dictatorship vs Democracy: ART HOGAN, B. Riley Wealth के चीफ मार्केट स्ट्रेटजिस्ट, का कहना है कि यह ‘तानाशाही’ (dictatorships) में होने वाली चीजें हैं, ‘लोकतंत्र’ (democracies) में नहीं।
बाज़ार की प्रतिक्रिया और चिंताएँ:
इन घटनाओं ने बाज़ार में हलचल मचा दी है।
- PETER ANDERSEN के अनुसार, ये घटनाएँ तनाव बढ़ाती हैं और निवेशकों को आगे बढ़ने का मार्ग तय करने में कठिनाई पैदा करती हैं।
- JAMIE COX इसे ‘बाजारों के लिए कठिन’ (difficult for the markets) मानते हैं, और कहते हैं कि यह केवल जटिलता (complexity) जोड़ता है।
- PETER TUZ का मानना है कि यह ट्रम्प प्रशासन को पसंदीदा दर-नीति (dovish interest rate views) वाले व्यक्तियों को फेड बोर्ड में नियुक्त करने का अधिक अवसर देता है।
- JUAN PEREZ, Monex USA के सीनियर डायरेक्टर, का मानना है कि बाज़ार इन ‘पलायनों’ (departures) को डॉलर-के लिए नकारात्मक रूप में देखेंगे, क्योंकि फेड की स्वायत्तता और अधिकारिता डॉलर को मजबूत रखती है।
आने वाले समय पर प्रभाव:
CHRISTOPHER HODGE, Natixis के चीफ US Economist, मानते हैं कि हालांकि फेडरल रिजर्व का अंतरिम प्रमुख (interim BLS Chief) योग्य लग रहा है, यदि डेटा की fidelity (सटीकता) से समझौता किया जाता है, तो यह बाज़ारों और फेड को एक ‘नाज़ुक स्थिति’ (precarious position) में डाल देगा। वह फेड को ‘बेज बुक’ (Beige Book) से एकत्रित उपाख्यानों (anecdotes) पर अधिक निर्भर रहने की उम्मीद करते हैं।
‘कल का रिपोर्ट संभवतः अंतिम विश्वसनीय था’: AFL-CIO की चिंता
JODY CALEMINE, AFL-CIO की डायरेक्टर ऑफ एडवोकेसी, ने इस पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा, “आज शायद हमने नौकरियों की रिपोर्ट का अंतिम विश्वसनीय संस्करण देखा। यह किसी के लिए भी अच्छा नहीं है जो अर्थव्यवस्था को समझना चाहता है, न केवल श्रमिकों के लिए बल्कि आम तौर पर व्यापार समुदाय के लिए भी।” उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि राष्ट्रपति ने ‘नौकरियों की रिपोर्ट को सिर्फ इसलिए बर्खास्त कर दिया क्योंकि उन्हें वह पसंद नहीं आई’।
यह स्थितियां अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अनिश्चितता का माहौल पैदा कर रही हैं, और निवेशक बाज़ार की प्रतिक्रिया पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं।







