“जब तक माता के दर्शन नहीं कर लेते, तब तक वापस नहीं जाएंगे!” – यह अटूट आस्था और दृढ़ संकल्प है उन हजारों श्रद्धालुओं का जो जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन (Landslides) के कारण कटरा में फंसे हुए हैं। माता वैष्णो देवी की पवित्र यात्रा (Vaishno Devi Yatra) शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी स्थगित रही, जिससे भक्तों को बेस कैंप कटरा में ही इंतजार करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
यह संकट जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश (incessant rainfall) के कारण पैदा हुआ है, जिसने यात्रा के मार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन को जन्म दिया। इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने 26 अगस्त को अधकुवारी (Adhkuwari) के पास हुए भूस्खलन के कारणों की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय तीन-सदस्यीय समिति के गठन का आदेश दिया है।
कटरा में फंसे श्रद्धालु, पर अटूट है विश्वास
भारत के विभिन्न हिस्सों से आए कई श्रद्धालु अभी भी कटरा में ही ठहरे हुए हैं, इस उम्मीद में कि यात्रा जल्द ही फिर से शुरू होगी और उन्हें माता के दर्शन करने का सौभाग्य मिलेगा।
- एक श्रद्धालु, सरोज सिंह ने ANI को बताया, “मुझे उम्मीद थी कि माता के दर्शन कर लूंगी, लेकिन मैं निराश हो रही हूं… मुझे उम्मीद है कि वह मेरी प्रार्थना सुनेंगी और मैं दर्शन कर पाऊंगी… मैं 2 से 4 दिन और रुकूंगी। जब तक मैं दर्शन नहीं कर लेती, मैं नहीं जाऊंगी। मैं बहुत आशान्वित हूं, मैं यहां पहली बार आई हूं।”
- एक अन्य भक्त, रमेश शर्मा ने कहा, “मैं यहां हर साल आता हूं… मुझे माता पर पूरा विश्वास है। जब तक मैं दर्शन नहीं कर लेता, मैं नहीं जाऊंगा… इस बार थोड़ी पीड़ा हुई। मैं प्रार्थना करता हूं कि माता जी उन लोगों को, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है, अपने चरणों में स्थान दें और जो घायल हुए हैं, उन्हें ठीक करें।”
LG ने दिए जांच के आदेश, कौन करेगा जांच?
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) के अध्यक्ष भी हैं, ने इस घटना को गंभीरता से लिया है।
- समिति के सदस्य: जम्मू-कश्मीर के जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा (Shaleen Kabra) इस समिति का नेतृत्व करेंगे, जिसमें संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक, जम्मू, भी शामिल हैं।
- क्या होगी जांच?:
- समिति घटना के पीछे के कारणों और वजहों की विस्तार से जांच करेगी और किसी भी चूक (lapses) को इंगित करेगी।
- यह बचाव और राहत उपायों के रूप में की गई प्रतिक्रियाओं का आकलन करेगी।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उपयुक्त SOPs और उपाय सुझाएगी।
- आधिकारिक आदेश के अनुसार, समिति को दो सप्ताह के भीतर एलजी सिन्हा को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
‘लापरवाही’ के आरोपों पर श्राइन बोर्ड की सफाई
शुक्रवार को, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने 26 अगस्त को हुई प्राकृतिक आपदा में तीर्थयात्रियों की जान जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया और भ्रामक मीडिया रिपोर्टों का खंडन करने के लिए तथ्यात्मक विवरण भी स्पष्ट किए।
- SMVDSB द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “कल से कुछ मीडिया रिपोर्टें चल रही हैं, जिनमें आरोप लगाया गया कि श्री माता वैष्णो देवी यात्रा को मौसम संबंधी सलाह की पूरी तरह से अवहेलना करते हुए और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा की कीमत पर आगे बढ़ने की अनुमति दी गई। बोर्ड इन आरोपों को झूठा और निराधार (false and baseless) बताकर स्पष्ट रूप से इनकार करता है।”
बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी आवश्यक सावधानियां बरती जा रही हैं।







