Uttar Pradesh: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की युवा सांसद इकरा हसन (Iqra Hasan) एक बेहद गंभीर मामले का शिकार हुई हैं। उत्तर प्रदेश की कैराना सीट से सांसद इकरा हसन का एक आपत्तिजनक डीपफेक वीडियो (objectionable deepfake video) बनाकर इंटरनेट पर वायरल कर दिया गया है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके बनाया गया था, जिसने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है।
घटना का खुलासा और आरोपियों की पहचान:
जानकारी के अनुसार, दो नाबालिग बच्चों ने एक फर्जी फेसबुक अकाउंट (fake Facebook account) बनाया था, जिसका नाम ‘इकरा हसन चौधरी एमपी’ (Iqra Hasan Choudhary MP) रखा गया था। इसी फेक अकाउंट पर इस आपत्तिजनक वीडियो को अपलोड किया गया था। इस हरकत से इकरा हसन के समर्थकों में भारी गुस्सा फैल गया और उन्होंने तुरंत कड़ी कार्रवाई की मांग की।
यूपी पुलिस की तत्पर कार्रवाई:
इकरा हसन के एक सांसद समर्थक इमरान नदवी (Imran Nadvi) ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर वीडियो से कुछ फोटो निकालकर उत्तर प्रदेश पुलिस को टैग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उत्तर प्रदेश डीजीपी (UP DGP) के आदेश के बाद, शामली पुलिस ने मामले की जिम्मेदारी साइबर सेल (Cyber Cell) को सौंप दी है और जांच शुरू हो गई है। ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों की पहचान भी कर ली गई है।
नूंह से जुड़ा कनेक्शन और बच्चों की माफी:
जांच के दौरान यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि इस फर्जी वीडियो को अपलोड करने वाले हरियाणा के नूंह (Nuh) जिले के फिरोजपुर के आमका गांव (Amka village) के दो नाबालिग बच्चे हैं। सांसद इकरा हसन ने नूंह में अपनी एक करीबी, कांग्रेस की महिला जिला अध्यक्ष रज़िया बानो (Razia Bano) से संपर्क कर मामले की पड़ताल करवाई। पता चलने पर, आमका गांव में एक पंचायत (Panchayat) बुलाई गई, जहाँ दोनों बच्चों ने स्वीकार किया कि उन्होंने यह वीडियो फॉलोअर्स बढ़ाने की सोच से AI का इस्तेमाल करके बनाया और अपलोड किया था। पंचायत ने दोनों बच्चों से कान पकड़कर माफी मंगवाई। रिपोर्ट के अनुसार, रज़िया बानो ने बच्चों को थप्पड़ भी मारे, हालांकि सांसद इकरा हसन ने इस मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की बात कही है।
यह घटना डीपफेकिंग और AI के दुरुपयोग (deepfaking and misuse of AI) के बढ़ते खतरों को उजागर करती है, खासकर सार्वजनिक हस्तियों और राजनेताओं को निशाना बनाने में। ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।