अमेरिका के सबसे कुख्यात और हाई-प्रोफाइल यौन शोषण मामलों में से एक, जेफरी एपस्टीन (Jeffrey Epstein) और घिसलेन मैक्सवेल (Ghislaine Maxwell) केस, में एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला आया है। सोमवार को एक संघीय जज (Federal Judge) ने अमेरिकी सरकार के उस अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसमें घिसलेन मैक्सवेल की जांच से जुड़ी ग्रैंड ज्यूरी (Grand Jury) की खुफिया कार्यवाही के दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग की गई थी।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump), जेफरी एपस्टीन और उसके शक्तिशाली मित्रों के सर्कल को लेकर अपने ही समर्थकों के बीच चल रही आलोचना और साजिश की थ्योरीज़ (conspiracy theories) को दबाने के लिए इन दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का भारी दबाव बना रहे थे।
क्यों किया जज ने इनकार? जानें ग्रैंड ज्यूरी की गोपनीयता का नियम
नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और तस्करी के मामले में जेफरी एपस्टीन की मदद करने के लिए 20 साल की जेल की सजा काट रही घिसलेन मैक्सवेल के मामले की निगरानी कर रहे जज, पॉल ए. एंगेलमेयर (Paul A. Engelmayer), ने अपने फैसले में लिखा कि इन दस्तावेजों को खोलना (unseal) ग्रैंड ज्यूरी की गोपनीयता के नियम का उल्लंघन होगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रैंड ज्यूरी की कार्यवाही को गोपनीय रखना अमेरिकी न्याय प्रणाली का एक मूलभूत सिद्धांत है। इन दस्तावेजों को तभी सार्वजनिक किया जा सकता है जब “विशेष परिस्थितियां” (“special circumstances”) मौजूद हों। जज एंगेलमेयर ने अपने फैसले में लिखा कि सरकार यह साबित करने में विफल रही कि इस मामले में ऐसी कोई ‘विशेष परिस्थिति’ मौजूद है जो इस दशकों पुराने नियम को तोड़ने को सही ठहरा सके।
क्यों चाहते थे ट्रंप इन दस्तावेजों को सार्वजनिक करना?
यह पूरा मामला तब और दिलचस्प हो जाता है जब इसके पीछे की राजनीति को समझा जाए। डोनाल्ड ट्रंप इन दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के लिए जोर-शोर से पैरवी कर रहे थे। इसके पीछे का कारण यह था कि जेफरी एपस्टीन के शक्तिशाली और अमीर दोस्तों की लिस्ट में कई बड़े नामों के शामिल होने की अटकलें लगाई जाती रही हैं, और ट्रंप के विरोधी अक्सर इस मामले से उनके जुड़ाव को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।
इन दस्तावेजों को सार्वजनिक करवाकर, ट्रंप अपने ऊपर लगे आरोपों और साजिश की थ्योरीज़ का खंडन करना चाहते थे और यह दिखाना चाहते थे कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, जज के इस फैसले ने फिलहाल उनकी इस कोशिश पर पानी फेर दिया है।
क्या है जेफरी एपस्टीन और घिसलेन मैक्सवेल का मामला?
यह मामला अमेरिका के इतिहास के सबसे बड़े सेक्स ट्रैफिकिंग घोटालों में से एक है। फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन पर दशकों तक नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करने और उन्हें अपने शक्तिशाली दोस्तों के सामने परोसने का आरोप था। 2019 में जेल में उसकी मौत हो गई थी, जिसे आत्महत्या बताया गया था।
घिसलेन मैक्सवेल, एपस्टीन की लंबे समय तक सहयोगी और प्रेमिका रही, इस पूरे अपराध में उसकी मुख्य मददगार थी। उसे नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर एपस्टीन के पास लाने, उन्हें तैयार करने और यौन शोषण में मदद करने का दोषी पाया गया था, जिसके लिए वह वर्तमान में 20 साल की जेल की सजा काट रही है।
जज के इस फैसले ने फिलहाल उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है कि ग्रैंड ज्यूरी के दस्तावेजों से कौन से ‘बड़े नाम’ बाहर आ सकते थे। यह अमेरिकी न्याय प्रणाली में ग्रैंड ज्यूरी की गोपनीयता के महत्व को भी रेखांकित करता है, भले ही इस पर कितना भी बड़ा राजनीतिक दबाव क्यों न हो।