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‘वोट चोरी’ के सबूत दो या फर्जी वोटरों के नाम बताओ, वरना माफी मांगो, BJP ने राहुल गांधी को घेरा

Published On: August 10, 2025
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'वोट चोरी' के सबूत दो या फर्जी वोटरों के नाम बताओ, वरना माफी मांगो, BJP ने राहुल गांधी को घेरा
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ (Vote Chori) के सनसनीखेज आरोपों के बाद देश का राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। मतदाता सूची में हेरफेर (voter list manipulation) के इन गंभीर आरोपों पर अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जोरदार पलटवार किया है। रविवार को बीजेपी ने राहुल गांधी को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि अगर उन्हें अपनी विश्वसनीयता की जरा भी परवाह है, तो वह उन सभी फर्जी मतदाताओं के नाम सार्वजनिक करें जिनके दम पर वह यह आरोप लगा रहे हैं।

यह पूरा राजनीतिक विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया था कि बीजेपी और चुनाव आयोग (Election Commission) की ‘मिलीभगत’ से चुनावों में ‘बहुत बड़ा आपराधिक फ्रॉड’ हुआ है। उन्होंने अपने दावे के समर्थन में पिछले साल कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची के विश्लेषण का हवाला दिया था।

BJP का तीखा पलटवार: अमित मालवीय ने दिया जवाब

राहुल गांधी के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए, बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) ने कांग्रेस नेता को कानून का पाठ पढ़ाया और सबूत पेश करने की चुनौती दी।
मालवीय ने कहा, “अगर राहुल गांधी को अपनी विश्वसनीयता की जरा भी परवाह है, तो उन्हें रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल्स, 1960 के नियम 20(3)(बी) के तहत, शपथपत्र (Declaration/Oath) के साथ उन सभी अयोग्य मतदाताओं के नाम जमा करने चाहिए, जिनके मतदाता सूची में होने का वह दावा कर रहे हैं।”

बीजेपी नेता ने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी ऐसा करने में विफल रहते हैं तो यह पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगा कि उनके पास कोई वास्तविक मामला नहीं है।

मालवीय ने कहा, “ऐसा न कर पाना यह बिल्कुल स्पष्ट कर देगा कि उनके पास कोई वास्तविक मामला नहीं है, और वह केवल एक राजनीतिक नौटंकी (political theatre) कर रहे थे — जिसका उद्देश्य तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करना, जनता के मन में संदेह पैदा करना, और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने वाली एक संवैधानिक संस्था (चुनाव आयोग) को बदनाम करना था। इस तरह का आचरण गैर-जिम्मेदाराना है और हमारे लोकतंत्र के लिए बेहद हानिकारक है।”

क्या है पूरा मामला और आगे क्या?

यह आरोप-प्रत्यारोप का दौर भारतीय राजनीति में एक नए टकराव की शुरुआत है, जहां चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर ही सीधे सवाल उठाए जा रहे हैं। बीजेपी के इस खुले चैलेंज के बाद अब गेंद पूरी तरह से कांग्रेस और राहुल गांधी के पाले में है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या कांग्रेस पार्टी फर्जी मतदाताओं की कोई सूची पेश करती है, या इस मामले को राजनीतिक बहस तक ही सीमित रखती है। इस कदम से न केवल राहुल गांधी की, बल्कि पूरे विपक्ष की विश्वसनीयता भी दांव पर लग गई है।

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