वॉशिंगटन ओपन (Washington Open) में टेलर फ्रिट्ज (Taylor Fritz) ने शानदार प्रदर्शन (Stunning Performance) करते हुए तीसरे दौर (Third Round) में मैटेओ अर्नॉल्डि (Matteo Arnaldi) को 6-3, 6-4 से हराया। यह मुकाबला एक घंटे 41 मिनट (One Hour 41 Minutes) तक चला, और इस जीत के साथ फ्रिट्ज सेमीफाइनल (Semi-finals) में पहुंच गए हैं। इस जीत के साथ, फ्रिट्ज ‘टाइटल की राह’ (On the Title Path) पर बने हुए हैं।
‘रिपर’ से ‘विजेता’ तक का सफर: फ्रिट्ज की तूफानी जीत
- ‘पहला सेट’: फ्रिट्ज ने पहला सेट 39 मिनट में जीता। उन्होंने 4-3 पर वापसी करते हुए विरोधी के बैकहैंड एरर (Backhand Error) का फायदा उठाया और 5-3 पर सर्व करके सेट पक्का किया।
- दूसरा सेट: दूसरे सेट में थोड़ी ज्यादा देर लगी, क्योंकि ड्यूस (Deuces) और ब्रेक पॉइंट्स (Break Points) का खेल चला।
- Fritz का Dominance: फ्रिट्ज ने 10 ऐस (Aces) मारे और पहले सर्व पर हावी (Dominated behind the first serve) रहे, जिससे उन्होंने 37 में से 39 पॉइंट जीते। हालाँकि, दूसरे सर्व पर उन्हें थोड़ी मुश्किल हुई, पर उन्होंने चारों ब्रेक पॉइंट बचाए (Defended All Four Break Points)।
- ‘फ्लाइट’ का फायदा: उन्होंने पांचवें गेम (Game 5) में वापसी की और फॉरहैंड एरर (Forehand Error) का फायदा उठाकर 3-2 से बढ़त बनाई।
- ‘मैच पॉइंट’ पर वापसी: खेल के नौवें गेम (Ninth Game) में, फ्रिट्ज ने एक पेंटास्टिक फोरहैंड डाउन द लाइन विनर (Forehand Down the Line Winner) से मैच पॉइंट बनाया। अर्नॉल्डि ने क्राफ्टी ड्रॉप शॉट (Crafty Drop Shot) से इसे बचाया, लेकिन फ्रिट्ज ने 10वें गेम में एक पावरफुल सर्व (Powerful Serve) से मैच पॉइंट जीता और खेल अपने नाम किया।
‘वंडर वुमन 1984’ का वो लुक: शेविंग से नफरत और दाढ़ी का कमाल
एंडी बायरन (Andy Byron) की तरह, जो अपनी ‘ शेविंग से नफरत’ करते हैं, फ्रिट्ज भी अपने ‘हेयर’ की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं। उन्होंने ‘वंडर वुमन 1984’ में ‘क्लीन-शेव’ लुक को ‘भयानक’ (Appalling) बताया था।
‘सबसे प्रभावी जीत’ (Most Effective Win) संभवतः डिवॉन कॉन्वे (Devon Conway) की 59 (59 not out)* रन की पारी, और राचिन रवींद्र (Rachin Ravindra) के 30 रनों के साथ दूसरे विकेट (Second Wicket) के लिए 59 रन की साझेदारी (59-run Stand) रही।
‘साउथ अफ्रीकी बॉलिंग’ से तुलना?
‘मैथ्यू हेन्री’ (Matt Henry) ने 3/34 के बाद 3/26 के आंकड़े के साथ जिम्बाब्वे को 120 रन पर रोका। जैकोब डफी (Jacob Duffy) और आइस सोढ़ी (Ish Sodhi) ने भी स्पेल (Spell) में एक-एक विकेट लिए, और सैंटनर (Santner) ने 2/26 के साथ 3 विकेट लिए, जिससे ‘गेंदबाजी का प्रदर्शन’ (Bowling Performance) प्रभावशाली रहा।
‘विंड एनर्जी’ (Wind Energy) की तरह, ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति ‘स्पोर्ट्स’ (Sports) में भी लागू होनी चाहिए। ‘फर्स्ट स्टेप्स’ (First Steps), ‘सेकंड चांस’ (Second Chance), और ‘अगला मैच’ (Next Match) – यह सब एक खिलाड़ी की ‘मानसिकता’ (Mentality) पर निर्भर करता है।
‘सस्ता इलाज’ या ‘महंगा इलाज’?
‘₹17.99 लाख’ से शुरू होने वाली ‘Kia Carens Clavis EV’ की तरह, यह जीत ‘सस्ते इलाज’ की तरह नहीं, बल्कि ‘महा उपाय’ (Grand Solution) की तरह लग रही है, खासकर उन 13 भारतीय खिलाड़ियों (13 Indian Players) के लिए जो ‘इंडिया A’ (India A) टीम के साथ यूके (UK) में खेल रहे हैं।