कन्नड़ फिल्म उद्योग (Kannada Film Industry) के ‘चैलेंजिंग स्टार’ कहे जाने वाले सुपरस्टार दर्शन थूगुदीपा (Darshan Thoogudeepa) के लिए आज का दिन एक बहुत बड़ा और करारा झटका लेकर आया है। रेणुकास्वामी मर्डर केस (Renukaswamy murder case) में सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता दर्शन, उनकी गर्लफ्रेंड पवित्रा गौड़ा (Pavithra Gowda) और पांच अन्य आरोपियों की जमानत रद्द कर दी है और उनकी तत्काल गिरफ्तारी (immediate arrest) के आदेश दिए हैं।
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला (J.B. Pardiwala) और जस्टिस आर महादेवन (R Mahadevan) की बेंच ने कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा दिए गए जमानत के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि यह कई तरह की त्रुटियों (infirmities) से ग्रस्त है। सुप्रीम कोर्ट की यह सख्त टिप्पणी दर्शाती है कि वह इस हाई-प्रोफाइल मामले को कितनी गंभीरता से ले रहा है।
क्यों रद्द हुई जमानत? सुप्रीम कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए अपने आदेश में कई गंभीर टिप्पणियां कीं।
- “मैकेनिकल एक्सरसाइज जैसा था फैसला”: बेंच ने कहा, “हमने जमानत देने और उसे रद्द करने के सभी पहलुओं पर विचार किया। यह स्पष्ट है कि हाईकोर्ट के आदेश में गंभीर खामियां हैं, बल्कि यह एक यांत्रिक अभ्यास (mechanical exercise) को दर्शाता है, और इससे भी अधिक, हाईकोर्ट ने प्री-ट्रायल स्टेज पर ही मामले की जांच कर ली।”
- “ट्रायल कोर्ट ही सही मंच”: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले की विस्तृत सुनवाई और साक्ष्यों का मूल्यांकन करने का अधिकार सिर्फ ट्रायल कोर्ट को है, न कि हाईकोर्ट को जमानत की सुनवाई के दौरान।
- सबूतों की अनदेखी: कोर्ट ने कहा, “सुस्थापित आरोपों (well-founded allegations), फोरेंसिक सबूतों के साथ मिलकर, जमानत को रद्द करने को पुष्ट करते हैं। याचिकाकर्ताओं को दी गई जमानत रद्द की जाती है।”
क्या है यह सनसनीखेज रेणुकास्वामी हत्याकांड?
यह पूरा मामला जून 2024 का है, और इसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। दर्शन समेत 17 लोगों को उनके 33 वर्षीय प्रशंसक, एस. रेणुकास्वामी के अपहरण, यातना और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
- मौत की वजह: पुलिस के अनुसार, रेणुकास्वामी ने कथित तौर पर दर्शन की प्रेमिका, अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा को अश्लील संदेश (obscene messages) भेजे थे। इसी से नाराज होकर इस पूरी वारदात को अंजाम दिया गया।
- तीन दिन की हैवानियत: पुलिस का कहना है कि पीड़ित को बेंगलुरु के एक शेड में तीन दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया था, उसे बेरहमी से प्रताड़ित (tortured) किया गया, और बाद में उसका शव एक नाले से बरामद किया गया।
इस मामले में दर्शन को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर गिरफ्तार किया गया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने पहले आरोपियों को जमानत दे दी थी, जिसके खिलाफ रेणुकास्वामी के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित परिवार को एक बड़ी राहत और न्याय की उम्मीद जगी है। अब दर्शन और अन्य आरोपियों को फिर से जेल जाना होगा, और यह मामला कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा धब्बा बन गया है।







