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Sleeping Prince: सोते हुए शहजादे का निधन, 20 साल कोमा में रहने के बाद आखिरी सांस

Published On: July 21, 2025
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Saudi Prince: सोते हुए शहजादे का निधन, 20 साल कोमा में रहने के बाद आखिरी सांस
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Saudi Royal Family को एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि ‘सोते हुए शहजादे’ (Sleeping Prince) के नाम से मशहूर शहजादा अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद (Prince Al Waleed bin Khaled bin Talal Al Saud) का 36 वर्ष की आयु में निधन हो गया। यह दुखद खबर उनके जीवन के लगभग 20 साल कोमा (Coma) में बिताने के बाद आई, जो 2005 में लंदन (London) में हुए एक कार दुर्घटना (Car Accident) का परिणाम था।

15 साल की उम्र में दुर्घटना और 20 साल कोमा में:

शहजादा अल-वलीद का जन्म अप्रैल 1990 में हुआ था। वह शहजादा खालिद बिन तलाल अल सऊद (Prince Khaled bin Talal Al Saud) के सबसे बड़े बेटे थे, जो एक प्रमुख सऊदी शाही (Prominent Saudi Royal) और अरबपति शहजादा अल-वलीद बिन तलाल (Billionaire Prince Al Waleed bin Talal) के भतीजे थे। 15 साल की कम उम्र में, जब वे यूनाइटेड किंगडम (UK) में एक सैन्य कॉलेज (Military College) में पढ़ रहे थे, इस युवा शहजादे ने एक दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटना (Tragic Road Accident) का सामना किया, जिसके कारण उन्हें गंभीर मस्तिष्क की चोटें (Severe Brain Injuries) आईं और आंतरिक रक्तस्राव (Internal Bleeding) हुआ।

लगातार चिकित्सा और जीवन रक्षक प्रणाली (Life Support) पर:

तत्काल चिकित्सा हस्तक्षेप (Urgent Medical Intervention) और संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) व स्पेन (Spain) के विशेषज्ञ चिकित्सकों (Specialist Physicians) के प्रयासों के बावजूद, वे कभी भी पूरी तरह से होश में नहीं आ सके। दुर्घटना के बाद, उन्हें रियाद (Riyadh) के किंग अब्दुलअज़ीज़ मेडिकल सिटी (King Abdulaziz Medical City) में स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ वे लगभग दो दशकों तक लगातार चिकित्सा देखभाल (Continuous Medical Care) के तहत जीवन रक्षक प्रणाली (Life Support) पर रहे।

‘स्लीपिंग प्रिंस’ की पुकार और पारिवारिक आशा:

उनके पिता, शहजादा खालिद बिन तलाल (Prince Khaled bin Talal) ने जीवन रक्षक प्रणाली को बंद करने के सभी सुझावों का सार्वजनिक रूप से विरोध (Publicly Opposed) किया, और दिव्य उपचार (Divine Healing) की आशा को बनाए रखा। वर्षों से, शहजादे को ‘स्लीपिंग प्रिंस’ (Sleeping Prince) के नाम से जाना जाने लगा, क्योंकि ऑनलाइन कभी-कभी उनके न्यूनतम शारीरिक हलचल (Minimal Movement) के वीडियो सामने आते थे, जैसे कि उनकी उंगलियों का थोड़ा हिलना, जिसने उनके परिवार और समर्थकों को क्षणिक आशा (Fleeting Hope) दी।

शाही परिवार और वैश्विक इमाम परिषद का शोक:

उनकी मृत्यु की पुष्टि करते हुए, शहजादा खालिद ने एक बयान में कहा, “अल्लाह की मर्जी और किस्मत में हमारे विश्वास से भरे दिलों के साथ, और गहरे दुःख और अफसोस के साथ, हम अपने प्यारे बेटे शहजादा अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद का मातम मनाते हैं, अल्लाह उन पर रहम करे, जो आज एक दुखद दुर्घटना के बाद लगभग बीस साल के लंबे संघर्ष के बाद अल्लाह की मेहरबानी में चले गए।”

वैश्विक इमाम परिषद (Global Imams Council) ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “वैश्विक इमाम परिषद… महामहिम क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और सम्मानित शाही परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना और हार्दिक सहानुभूति व्यक्त करती है, शहजादा अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद के निधन पर, जिनका दुखद दुर्घटना के बाद लगभग बीस साल के लंबे संघर्ष के बाद आज निधन हो गया।”

अंतिम संस्कार और भविष्य की आशाएं:

रियाद के इमाम तुर्की बिन अब्दुल्ला मस्जिद (Imam Turki bin Abdullah Mosque) में आस्र नमाज़ (Asr Prayer) के बाद रविवार, 20 जुलाई को जनाज़े की नमाज़ (Funeral Prayers) अदा की जाएगी। यह घटना उनके परिवार और दुनिया भर के उनके अनुयायियों के लिए एक दुखद क्षण है।

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