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Shiv Sena: MLA ने कैंटीन स्टाफ को मारा, बासी दाल-चावल पर मचा बवाल, ‘मुझे उल्टी आ गई’

Published On: July 9, 2025
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Shiv Sena: MLA ने कैंटीन स्टाफ को मारा, बासी दाल-चावल पर मचा बवाल, 'मुझे उल्टी आ गई'
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Shiv Sena: शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ (Sanjay Gaikwad) एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। मुंबई के कोलाबा स्थित आकाशवाणी विधायक छात्रावास (Akashwani MLA Hostel) की कैंटीन (Canteen) में उन्हें कर्मचारियों (Workers) पर हमला (Assaulting) करते हुए दिखाने वाला एक वीडियो (Video) सामने आने के बाद यह विवाद शुरू हुआ है। घटना तब हुई जब कथित तौर पर गायकवाड़ को अपने कमरे में बासी दाल और चावल (Stale Dal and Rice) परोसा गया था। यह घटना मुंबई की राजनीति (Mumbai Politics) और कैंटीन सेवाओं (Canteen Services) से जुड़े मुद्दों को उजागर करती है। महाराष्ट्र में राजनीतिक विवाद (Political Controversy in Maharashtra) लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं।

वायरल वीडियो (Viral Video) में, गायकवाड़ — जो एक बनियान पहने हुए दिखाई दे रहे हैं — को एक कैंटीन कर्मचारी को भोजन को सूँघने के लिए मजबूर करने के बाद बार-बार थप्पड़ मारते (Slapping) हुए दिखाया गया है। उन्हें दाल का एक पैकेट (Packet of the Dal) लिए हुए अन्य कर्मचारियों को पंच मारते (Punching) और धकेलते (Pushing) हुए भी देखा गया है। यह घटना सोशल मीडिया (Social Media) पर तेजी से फैल गई है और इस पर तीखी प्रतिक्रिया (Sharp Reaction) आ रही है।

गायकवाड़ ने दी सफाई: ‘लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं!’

हालांकि कैंटीन के कर्मचारी माफी मांगते (Apologising) और यह स्वीकार करते (Admitting) हुए दिखाई दे रहे हैं कि भोजन बासी था, विधायक (MLA) शारीरिक हमला (Physical Assault) जारी रखते हैं। मीडिया से बात करते हुए, गायकवाड़ (Gaikwad) ने कहा, “मैं हमेशा घर पर खाना खाता हूं। मैंने अपने कमरे में दाल और चावल का ऑर्डर दिया था। मैंने थोड़ा सा खाया और मुझे खराब लगा। जब मैंने दूसरा निवाला लिया, तो मुझे उल्टी (Puked) हो गई।” उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने कैंटीन स्टाफ का सामना किया, जिन्होंने स्वीकार किया कि भोजन खाने लायक (Unfit to Eat) नहीं था।

अपनी कार्रवाइयों को उचित ठहराते (Justifying his Actions) हुए, उन्होंने बाल ठाकरे (Balasaheb Thackeray) की शिक्षाओं (Teachings) का हवाला देते हुए कहा, “वे बासी खाना परोसकर लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं। मैं एक विधायक हूं लेकिन मैं एक फाइटर (Fighter) भी हूं।” यह बयान राजनीतिक नेताओं के व्यवहार (Behaviour of Political Leaders) और उनके सार्वजनिक जीवन में जवाबदेही (Accountability in Public Life) पर सवाल उठाता है।

कैंटीन कॉन्ट्रैक्टर पर आरोप और FD अधिकारियों से शिकायत

गायकवाड़ (Gaikwad) ने आगे आरोप लगाया कि कैंटीन कॉन्ट्रैक्टर (Canteen Contractor) का घटिया गुणवत्ता (Poor-Quality Food) का भोजन परोसने का इतिहास रहा है, दावा करते हुए कहा, “वे चार दिन पुरानी दाल (Four Days Old Dal) और 10 दिन से अधिक पुराना चिकन (Over 10 Days Old Chicken) परोसते हैं। बार-बार शिकायत (Repeated Complaints) करने के बावजूद, उन्होंने नहीं सुनी, इसलिए मुझे उन्हें अपने ही अंदाज में जवाब देना पड़ा।” उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को एफडीए अधिकारियों (FDA Authorities) और विधानसभा (Legislative Assembly) में उठाएंगे। यह बताता है कि भोजन की गुणवत्ता (Food Quality) और जन शिकायतें (Public Complaints) कैसे एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकती हैं।

विवादों का पुराना रिश्ता: राहुल गांधी और देवेंद्र फडणवीस से जुड़ा इतिहास

यह पहली बार नहीं है कि बुलढाणा (Buldhana) के इस विधायक ने आलोचना (Criticism) को आकर्षित किया है। पिछले ही सप्ताह, हिंदी थोपने (Hindi Imposition) के विवाद के बीच, गायकवाड़ ने rhetorically यह पूछकर एक बहस छेड़ दी थी कि क्या छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) और अन्य “मूर्ख” (Stupid) थे क्योंकि उन्होंने कई भाषाएं (Multiple Languages) सीखी थीं। यह बयान भाषा नीति (Language Policy) और सांस्कृतिक पहचान (Cultural Identity) पर बहस को दर्शाता है।

सितंबर 2024 में, उन्होंने आरक्षण प्रणाली (Reservation System) पर टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सांसद (Congress MP) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की जीभ काटने वाले (Chop Off Tongue) को ₹11 लाख का इनाम (Reward) देने की पेशकश की थी। अप्रैल 2021 में, गायकवाड़ (Gaikwad) ने यह कहकर भी सुर्खियां बटोरी थीं कि वह “देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के गले में कोरोनावायरस (Coronavirus) ठूंसना (Shove Down Throat) चाहते थे”, तत्कालीन विपक्ष के नेता (Opposition Leader) पर महामारी (Pandemic) का राजनीतिकरण (Politicizing) करने का आरोप लगाया था। इस बयान से बुलढाणा (Buldhana) में शिवसेना (Sena) और भाजपा (BJP) कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प (Violent Clash) हुई थी। यह घटनाएं गायकवाड़ की राजनीतिक शैली (Political Style) और उनके विवादों से गहरे जुड़ाव को दर्शाती हैं।

यह घटना जन प्रतिनिधियों के व्यवहार (Behavior of Public Representatives)सेवा प्रदाताओं की जवाबदेही (Accountability of Service Providers) और सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) के मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ती है।


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