झारखंड की राजनीति के एक दिग्गज और झामुमो (JMM) के संस्थापक संरक्षक, शिबू सोरेन (Shibu Soren) का सोमवार सुबह दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में 81 साल की उम्र में निधन हो गया। वे एक प्रमुख आदिवासी नेता के रूप में जाने जाते थे और उन्हें स्नेह से ‘दिशोम गुरु’ (Dishom Guru) कहा जाता था। उनके निधन से झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि, हेमंत सोरेन को सांत्वना:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल पहुंचकर शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए और उन्हें भावुक होकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दुख की घड़ी में, पीएम मोदी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को ढांढस बंधाया। अस्पताल से सामने आई तस्वीरों में पीएम मोदी, भावुक हेमंत सोरेन के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें सांत्वना देते हुए दिखाई दिए। इस दौरान हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) भी उनके साथ थीं।
पीएम मोदी ने शिबू सोरेन को “जमीनी नेता” बताते हुए कहा कि उन्होंने जनसेवा में अपना जीवन समर्पित किया और विशेष रूप से आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए काम किया। उन्होंने कहा, “शिबू सोरेन के निधन से गहरा दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और चाहने वालों के साथ हैं।”
विपक्ष के नेताओं ने भी जताया शोक:
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोरेन को “झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और JMM के वरिष्ठ नेता” तथा “आदिवासी समाज की मजबूत आवाज” बताया। राहुल गांधी ने कहा कि सोरेन जी ने आदिवासी हक और अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया, और झारखंड के निर्माण में उनकी भूमिका को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने हेमंत सोरेन और पूरे सोरेन परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
अंतिम संस्कार मंगलवार को रांची में:
झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) के अनुसार, शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार मंगलवार को रांची में किया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी इस अवसर पर रांची में शामिल होने के लिए जाएंगे। उनका पार्थिव शरीर सोमवार शाम को रांची लाया जाएगा और मंगलवार सुबह रामगढ़ जिले के उनके पैतृक गांव नेमरा (Nemra) ले जाया जाएगा, जहां उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
शिबू सोरेन का निधन झारखंड की राजनीति और विशेष रूप से आदिवासी समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके जीवन भर के संघर्षों और समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा।







