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Sawan Shivratri: 300 साल बाद बन रहा ये शुभ योग, 4 पहर की पूजा, जानिए किसको मिलेगा किस्मत का साथ

Published On: July 21, 2025
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Sawan Shivratri: 300 साल बाद बन रहा ये शुभ योग, 4 पहर की पूजा, जानिए किसको मिलेगा किस्मत का साथ
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Sawan Shivratri: सावन का महीना, भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित माना जाता है, और इस महीने की सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का विशेष महत्व है। इस वर्ष, 23 जुलाई, बुधवार को मनाई जाने वाली सावन शिवरात्रि पर ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है, जो इसे और भी विशेष बनाता है।

शुभ संयोग और 5 भाग्यशाली राशियाँ:

पंचांग (Panchang) के अनुसार, इस वर्ष सावन शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvarth Siddhi Yog), गजकेसरी योग (Gajakesari Yog), और नवपंचम राजयोग (Navpancham Rajyog) जैसे शुभ योग बन रहे हैं। इसके अलावा, भद्रावास योग (Bhadravas Yoga) भी रहेगा।

ज्योतिषीय स्थिति:

  • गुरु (Jupiter): मिथुन राशि (Gemini) में।
  • सूर्य (Sun): कर्क राशि (Cancer) में।
  • शनि (Saturn): मीन राशि (Pisces) में।
  • शुक्र (Venus): कर्क राशि (Cancer) में।

इन ग्रहों की युति (Conjunction) और संयोग (Combination) से बनने वाले ये योग तुला (Libra) सहित 5 राशियों के लिए विशेष रूप से भाग्यशाली (Fortunate) सिद्ध होंगे। इन राशियों को किस्मत का साथ (Support of Luck) मिलेगा और उनके अटके हुए काम (Stalled Works) में भी तेज़ी आएगी। इसके साथ ही, उनके परिवार में सुख-समृद्धि (Happiness and Prosperity in Family) का वास रहेगा और शांति (Peace) बनी रहेगी।

सावन शिवरात्रि की तिथियाँ और मुहूर्त:

  • सावन शिवरात्रि का पर्व: सावन महीने की चतुर्दशी तिथि (Chaturdashi Tithi) को मनाया जाता है।
  • शुभता का समय: ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) पर जल अर्पित (Offer Water) करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं (All Wishes) पूरी होती हैं।
  • इस वर्ष की शिवरात्रि: 23 जुलाई, बुधवार को मनाई जाएगी।
  • शिवरात्रि की शुरुआत: 23 जुलाई को सुबह 4:39 बजे से।
  • शिवरात्रि का समापन: 24 जुलाई की मध्यरात्रि 2:24 बजे तक।

चार पहर की पूजा (Four Pahar Puja):

ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की चार पहर पूजा (Four Pahar Puja) करने से वे प्रसन्न होते हैं। इस पूजा में जलाभिषेक (Jalabhishek) और रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) विशेष रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

  • प्रथम पहर: शाम 7:17 बजे से रात्रि 9:53 बजे तक।
  • द्वितीय पहर: रात्रि 9:53 बजे से 12:28 बजे तक।
  • तृतीय पहर: रात्रि 12:28 बजे से रात्रि 3:03 बजे तक।
  • चतुर्थ पहर: रात्रि 3:03 बजे से प्रातः 5:38 बजे तक।

शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व:

इस दिन कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) भी समाप्त होती है, जहाँ श्रद्धालु भोले बाबा को जल अर्पित करने के लिए यात्रा करते हैं। इस बार के शुभ योगों के कारण, तुला सहित ये 5 राशियाँ न केवल किस्मत का सहयोग पाएंगी, बल्कि उन्हें अतिरिक्त धन लाभ (Additional Financial Gain) भी हो सकता है।

राशि के अनुसार उपाय (Remedies for Zodiac Signs):

  • वृषभ (Taurus): भगवान शिव को मौसमी फल चढ़ाएं और मां पार्वती (Maa Parvati) को चुनरी ओढ़ाएं। रुद्राक्ष माला से 108 बार शिव गायत्री मंत्र का जाप शुभ रहेगा।
  • मिथुन (Gemini): एकादशी का व्रत (Ekadashi Fast) रखें और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को गुड़ और चने की दाल (Jaggery and Gram Dal) का दान करें। शिवलिंग पर जल भी अर्पित करें।
  • सिंह (Leo): स्नान आदि के बाद मंदिर में घी का दीपक (Ghee Lamp) जलाएं और शिवजी को सूखा नारियल (Dry Coconut) चढ़ाएं। ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र (Om Namah Shivaya Mantra) का जाप बाधाओं को दूर करेगा।
  • तुला (Libra): शिवलिंग पर सफेद चंदन (White Sandalwood) से ‘ॐ’ बनाएं और शिव महिम्न स्तोत्र (Shiva Mahimna Stotra) का पाठ करें। माथे पर सफेद चंदन का टीका लगाएं।
  • कुंभ (Aquarius): आपको परिवार और दोस्तों का साथ मिलेगा, जिससे आत्मबल बढ़ेगा। अप्रत्याशित धन लाभ (Unexpected Financial Gain) के आसार हैं। वाहन सुख (Vehicle Fortune) भी मिल सकता है।

यह पवित्र दिन ज्योतिषीय (Astrological) और धार्मिक (Religious) दोनों ही दृष्टियों से बहुत महत्वपूर्ण है।

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