Sarkari Yojana: आज के डिजिटल युग में, जहाँ सूचना उंगलियों पर उपलब्ध है, वहीं गलत और भ्रामक खबरों का खतरा भी तेजी से बढ़ा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, खासकर यूट्यूब और व्हाट्सएप पर, अक्सर ऐसी खबरें वायरल होती हैं जो पहली नजर में तो सच लगती हैं, लेकिन असल में वे पूरी तरह से झूठी होती हैं। हाल ही में, एक ऐसी ही खबर ने देश के लाखों बेरोजगार युवाओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार बेरोजगारी भत्ता योजना (Unemployment Allowance Scheme) के तहत सभी 10वीं पास बेरोजगारों को हर महीने ₹3500 देगी। आइए जानते हैं, इस वायरल दावे में कितनी सच्चाई है।
क्या है वायरल दावा? 10वीं पास को ₹3500 हर महीने?
वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर ‘@ManojSirJobs’ नाम के एक पेज ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसने सोशल मीडिया पर काफी हलचल मचा दी है। इस वीडियो के थंबनेल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है और बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है: “बेरोजगारी भत्ता योजना 2024-25 (नई योजना), ₹3500 प्रति महीना, रजिस्ट्रेशन शुरू।”
वीडियो के टाइटल में यह भी लिखा है, “सभी 10वीं पास को मिलेंगे ₹3500 महीना।” इस वीडियो को देखकर कई बेरोजगार युवा इस योजना के बारे में जानकारी जुटाने लगे और इसे सच मानने लगे। दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने 10वीं पास कर चुके सभी बेरोजगारों को आर्थिक सहायता देने के लिए यह नई योजना शुरू की है।
PIB फैक्ट चेक ने खोली पोल: क्या है सच्चाई?
जब यह दावा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा, तो सरकार की आधिकारिक फैक्ट-चेकिंग एजेंसी, पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने इस मामले का संज्ञान लिया। PIB ने इस दावे की गहनता से जांच-पड़ताल की और सच को देश के सामने लाकर रख दिया।
PIB फैक्ट चेक ने अपनी जांच में इस दावे को पूरी तरह से फर्जी और निराधार पाया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि:
- भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई भी “बेरोजगारी भत्ता योजना” नहीं चलाई जा रही है, जिसमें 10वीं पास युवाओं को ₹3500 प्रति माह दिए जा रहे हों।
- वीडियो के थंबनेल और टाइटल में किया गया दावा पूरी तरह से मनगढ़ंत और झूठा है।
- यह वीडियो लोगों को गुमराह करने के मकसद से बनाया गया है।
PIB ने नागरिकों से ऐसे भ्रामक दावों से सावधान रहने और किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने या अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचने की अपील की है।
फर्जी खबरों और यूट्यूब चैनलों से कैसे बचें?
यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी सरकारी योजना के नाम पर फर्जी खबर फैलाई गई हो। अक्सर, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुछ लोग ज्यादा व्यूज, लाइक्स और सब्सक्राइबर्स पाने के लिए इस तरह की झूठी और सनसनीखेज खबरें बनाते हैं। इन फर्जी खबरों के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं:
- सरकारी योजनाओं का प्रचार: हमेशा याद रखें कि सरकार जब भी कोई नई योजना शुरू करती है, तो उसकी घोषणा आधिकारिक चैनलों जैसे सरकारी वेबसाइटों, प्रेस विज्ञप्तियों, और प्रमुख समाचार पत्रों व टीवी चैनलों के माध्यम से की जाती है।
- क्लिकबेट थंबनेल: फर्जी वीडियो अक्सर आकर्षक थंबनेल और सनसनीखेज हेडलाइन का उपयोग करते हैं, जैसे “बड़ी खुशखबरी”, “अब सबको मिलेगा पैसा”, आदि।
- कोई आधिकारिक स्रोत नहीं: इन वीडियो में किए गए दावों का कोई भी विश्वसनीय या आधिकारिक स्रोत नहीं बताया जाता है।
इसलिए, किसी भी जानकारी पर भरोसा करने से पहले, उसकी सत्यता की जांच जरूर करें। सरकारी योजनाओं के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइटों या विश्वसनीय समाचार स्रोतों पर ही विश्वास करें।
यह स्पष्ट है कि 10वीं पास बेरोजगारों को ₹3500 प्रति माह देने का दावा एक अफवाह के अलावा और कुछ नहीं है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी फर्जी खबरों के झांसे में न आएं और दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करें।