Rupee Strong Against Dollar Today: भारतीय रुपये (Indian Rupee) के लिए आज का दिन अच्छी खबर लेकर आया है। अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले भारतीय मुद्रा में आज एक बार फिर जबरदस्त उछाल देखने को मिला है, जिससे रुपये ने अपनी पुरानी मजबूती की लय फिर से पकड़ ली है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही रुपए की इस बढ़त पर सोमवार को एक मामूली ब्रेक लगा था, लेकिन मंगलवार को एक बार फिर से इसमें उल्लेखनीय तेजी दर्ज की गई है।
महीने की शुरुआत, यानी 1 जुलाई से ही, डॉलर में आई कमजोरी और कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में गिरावट का सीधा सकारात्मक प्रभाव भारतीय करेंसी पर देखने को मिला है। इस वजह से रुपये को मजबूती मिली है और आज यह और भी मजबूत होकर कारोबार कर रहा है।
रुपया हुआ 42 पैसे मजबूत: जानिए क्या हैं कारण
आज मंगलवार को भारतीय करेंसी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 42 पैसे मजबूत होकर 85.34 के स्तर पर पहुंच गया है। इस मजबूती के पीछे मुख्य रूप से दो बड़े कारण माने जा रहे हैं:
- मजबूत घरेलू शेयर बाजार: भारतीय शेयर बाजारों में आज सुबह से ही सकारात्मक रुझान देखने को मिला है। मजबूत घरेलू शेयर बाजारों से विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश को प्रोत्साहित करता है। विदेशी मुद्रा की आवक बढ़ने से रुपये को मजबूती मिलती है।
- कमजोर अमेरिकी डॉलर: वहीं, दूसरी तरफ, अमेरिकी करेंसी डॉलर में लगातार कमजोरी देखी जा रही है। डॉलर इंडेक्स (Dollar Index), जो डॉलर की ताकत को विभिन्न प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले मापता है, कई महीनों के निचले स्तर, 96.61 पर कारोबार कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कदम और वैश्विक अनिश्चितता का असर
अमेरिकी डॉलर में जारी इस कमजोरी का एक बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) को बदलने पर विचार करने की खबरें हैं। इस तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंका से वैश्विक निवेशों में एक तरह की घबराहट पैदा हो गई है। निवेशक अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिरता को लेकर आशंकित हैं और अपना पैसा अन्य सुरक्षित माने जाने वाले बाजारों की ओर स्थानांतरित कर रहे हैं। इस वैश्विक अनिश्चितता का सीधा लाभ उन उभरते बाजारों की मुद्राओं को मिल रहा है, जिनमें भारतीय रुपया भी शामिल है। चूंकि डॉलर कमजोर हो रहा है, इसलिए रुपये को उसके मुकाबले मजबूती मिल रही है।
निवेशकों के लिए संकेत:
यह डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती भारतीय आयातकों के लिए जहां थोड़ी राहत लाती है (क्योंकि उन्हें अब डॉलर खरीदने के लिए कम रुपये खर्च करने होंगे), वहीं निर्यातकों के लिए यह एक चिंता का विषय हो सकता है। हालांकि, लंबी अवधि में रुपये की स्थिरता और मजबूती देश की आर्थिक सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है।