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RBI: अरबों-खरबों का खजाना, 3 ‘तिजोरियां’ और 3 ‘पहरेदार’,कौन रखता है आपके टैक्स के हर पैसे का हिसाब?

Published On: October 18, 2025
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RBI: अरबों-खरबों का खजाना, 3 'तिजोरियां' और 3 'पहरेदार',कौन रखता है आपके टैक्स के हर पैसे का हिसाब?
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RBI:हम और आप जो टैक्स भरते हैं, सरकार जो कर्ज लेती है या विदेशों से जो आर्थिक मदद मिलती है, वह सब मिलकर एक विशाल खजाना बनता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सरकार की इस विशाल तिजोरी का हिसाब-किताब आखिर कौन रखता है? बजट से लेकर खर्च की जांच तक, कई शक्तिशाली संस्थाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि जनता के हर एक रुपये का हिसाब रखा जाए और उसका इस्तेमाल देश के कल्याण के लिए ही हो। आइए जानते हैं कि इस पूरे लेखा-जोखा के पीछे कौन-से तीन सबसे बड़े ‘पहरेदार’ हैं।

यह तीन संस्थाएं रखती हैं पूरा हिसाब

भारत सरकार के धन के प्रबंधन, खर्च और जांच की जिम्मेदारी मुख्य रूप से तीन स्तंभों पर टिकी है: वित्त मंत्रालयभारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG), और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)। ये तीनों मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि देश की आर्थिक गाड़ी पटरी पर बनी रहे।

1. वित्त मंत्रालय (The Master Planner)

वित्त मंत्रालय देश के वित्तीय प्रबंधन का सबसे बड़ा खिलाड़ी है। इसे सरकार का ‘दिमाग’ भी कह सकते हैं जो पैसे से जुड़े सारे बड़े फैसले लेता है।

  • बजट तैयार करना: वित्त मंत्रालय ही हर साल देश का केंद्रीय बजट तैयार करता है, जिसमें पूरे साल की अनुमानित आय (कमाई) और व्यय (खर्च) का पूरा ब्योरा होता है।
  • पैसों का बंटवारा: मंत्रालय यह सुनिश्चित करता है कि अलग-अलग विभागों, मंत्रालयों और कल्याणकारी योजनाओं (जैसे सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य) में धन को सावधानी से बांटा जाए।
  • खर्चों पर नजर: यह सिर्फ पैसा बांटकर चुप नहीं बैठता, बल्कि इस बात पर भी कड़ी नजर रखता है कि दिया गया पैसा सही तरीके से खर्च हो रहा है या नहीं।
  • टैक्स वसूलना और कर्ज का प्रबंधन: अपने विभिन्न विभागों, जैसे- आर्थिक मामले, व्यय, राजस्व और वित्तीय सेवाओं के माध्यम से, मंत्रालय आर्थिक नीतियां बनाता है, टैक्स इकट्ठा करता है और सरकार के कर्ज का प्रबंधन भी करता है।

2. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक – CAG (The Ultimate Watchdog)

अगर वित्त मंत्रालय सरकार का ‘दिमाग’ है, तो CAG सरकार की ‘आंखें और कान’ हैं, जो हमेशा चौकन्ना रहता है।

  • निष्पक्ष जांच: CAG एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है, यानी इस पर सरकार का कोई दबाव नहीं होता। इसका एकमात्र काम यह सुनिश्चित करना है कि सरकार ने जो भी पैसा खर्च किया है, वह नियमों के अनुसार और सही जगह पर हुआ है या नहीं।
  • सबका हिसाब: यह मंत्रालयों, सरकारी विभागों और सरकारी कंपनियों (PSUs) सहित सरकार की हर कमाई और हर खर्च का लेखा-जोखा रखता है और उसकी जांच (ऑडिट) करता है।
  • घोटालों का पर्दाफाश: अगर जांच में कोई भी गड़बड़ी, फिजूलखर्ची या भ्रष्टाचार पाया जाता है, तो CAG एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करता है और उसे सीधे संसद के सामने पेश करता है। देश के कई बड़े घोटाले CAG की रिपोर्ट से ही सामने आए हैं।

3. भारतीय रिजर्व बैंक – RBI (The Government’s Banker)

RBI सिर्फ देश का केंद्रीय बैंक ही नहीं, बल्कि सरकार का अपना बैंक भी है।

  • सरकार के खाते संभालना: RBI सरकार के सभी बैंक खातों को संभालता है। सरकार को जब भी कोई भुगतान करना होता है या कोई पैसा मिलता है, तो यह सब RBI के माध्यम से ही होता है।
  • कर्ज का प्रबंधन: यह सरकार के सार्वजनिक ऋण का प्रबंधन करता है।
  • लेन-देन की सुविधा: यह सरकार के सभी वित्तीय लेन-देन को आसान और सुरक्षित बनाता है।

लोकतंत्र की ताकत और जवाबदेही

भारत का लोकतांत्रिक ढांचा यह पक्का करता है कि सरकारी खर्च हमेशा जनता की निगरानी में रहे। CAG की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती हैं, जिससे संसद, मीडिया और देश के आम नागरिक सरकार से सवाल पूछ सकते हैं और उसे जवाबदेह ठहरा सकते हैं। यदि घोटालों या भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं, तो CAG के निष्कर्षों के आधार पर आगे की जांच की जाती है। यह पूरी व्यवस्था ही लोकतंत्र की खूबसूरती है, जो सुनिश्चित करती है कि जनता का पैसा, जनता के लिए ही इस्तेमाल हो।

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