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Ravi River: रावी का रौद्र रूप, दीनानगर में जलस्तर बढ़ने से कई गांव दुनिया से कटे, नाव सेवा भी ठप

Published On: June 26, 2025
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Ravi River: रावी का रौद्र रूप, दीनानगर में जलस्तर बढ़ने से कई गांव दुनिया से कटे, नाव सेवा भी ठप
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Ravi River: पंजाब (Punjab) के दीनानगर (Dinanagar) क्षेत्र से एक चिंताजनक खबर सामने आ रही है, जो विशेष रूप से रावी नदी के किनारे बसे गांवों के निवासियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, दीनानगर के अंतर्गत आने वाले महत्वपूर्ण मकੌड़ा पत्तन (Makora Pattan) के पास रावी दरिया (Ravi River) में जल स्तर अप्रत्याशित रूप से काफी बढ़ गया है, जिससे नदी रौद्र रूप धारण करती दिख रही है। यह स्थिति क्षेत्र के लोगों के लिए गंभीर चुनौतियाँ खड़ी कर रही है।

पहाड़ों में बारिश, मैदानों में आफत

विशेषज्ञों और स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी इलाकों, विशेषकर रावी नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में, लगातार और मूसलाधार बारिश (Heavy Rainfall in Hills) हो रही है। इसी अनवरत वर्षा के कारण रावी नदी में पानी का बहाव एकाएक और तीव्रता से बढ़ गया है। पहाड़ों से उतरता पानी अपने साथ गाद और मलबा भी ला रहा है, जिससे नदी का वेग और भी खतरनाक हो गया है। रावी नदी का जलस्तर (Ravi River Water Level) बढ़ने की यह घटना मानसून के मौसम में अक्सर देखी जाती है, लेकिन इस बार पानी की मात्रा अधिक बताई जा रही है

प्रभावित गांव और कटा संपर्क

रावी नदी में आए इस उफान के कारण, नदी के किनारे बसे कई गांव जैसे तूर (Toor), चेबे (Chebe), भरियाल (Bharial), मम्मी चक्रांजा (Mammi Chakranja), लास्यान (Lasyan) आदि का संपर्क बाहरी दुनिया से पूरी तरह से कट गया है। इन गांवों के निवासियों की आवाजाही का एकमात्र साधन, जो कि कुछ समय के लिए एक पल्टून पुल (Pontoon Bridge / Temporary Bridge) था, उसे बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव को देखते हुए कुछ दिन पहले ही एहतियातन हटा दिया गया था ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे और पुल को भी नुकसान से बचाया जा सके।

पल्टून पुल हटने के बाद, ग्रामीणों के पास नदी पार करने के लिए केवल नावों का सहारा (Boat Service) बचा था। लेकिन आज सुबह, जब नदी में पानी का स्तर अचानक और भी खतरनाक ढंग से बढ़ गया, तो सुरक्षा कारणों से नाव सेवा को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया। अब स्थिति इतनी विकट हो गई है कि इन गांवों के लोगों को, जिन्हें अपने रोजमर्रा के कामों, जैसे खेती-बाड़ी, पशुओं के लिए चारा लाना, बाजार से सामान लाना, या फिर स्कूल-कॉलेज और दफ्तर जाना होता है, उन्हें नदी के किनारे बैठकर घंटों पानी कम होने का इंतजार करना पड़ रहा है। वे बस इसी आस में हैं कि कब जलस्तर थोड़ा घटे, तो वे नाव के माध्यम से नदी पार कर सकें और अपने ज़रूरी काम निपटा सकें। इस अप्रत्याशबित संकट ने उनकी दिनचर्या को पूरी तरह से ठप कर दिया है।

विभाग का क्या कहना है?

इस गंभीर स्थिति के संबंध में जब संबंधित विभाग के एक अनुभवी नाविक (Boatman), श्री नछत्तर सिंह से संपर्क किया गया, तो उन्होंने मौजूदा हालात पर जानकारी देते हुए कहा कि “जैसे ही नदी का जल स्तर (Water Level) थोड़ा भी कम होगा और बहाव सामान्य होगा, नाव सेवा को तुरंत पहले की तरह बहाल कर दिया जाएगा। हम स्थिति पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं।” उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में पानी का प्रवाह बहुत तेज (Strong Water Current) है, जिसके कारण नाव चलाना न केवल मुश्किल है, बल्कि अत्यंत खतरनाक भी साबित हो सकता है, और किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं लिया जा सकता। श्री नछत्तर सिंह ने यह भी पुष्टि की कि नदी के दोनों किनारों पर काफी संख्या में लोग पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं, और जैसे ही स्थिति थोड़ी भी अनुकूल होती है, उन्हें सुरक्षित रूप से नाव द्वारा पार करवाया जाएगा। प्रशासन भी स्थिति पर नजर रखे हुए है और पंजाब में बाढ़ की स्थिति (Flood situation in Punjab) की लगातार निगरानी कर रहा है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। दीनानगर प्रशासन (Dinanagar Administration) और गुरदासपुर जिला प्रशासन (Gurdaspur District Administration) संभावित राहत कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दे सकते हैं यदि जलस्तर और बढ़ता है। इस क्षेत्र के निवासी हर साल मानसून के दौरान इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं (Natural Calamities) का सामना करने को विवश होते हैं।

फिलहाल, ग्रामीणों की निगाहें आसमान और नदी के घटते जलस्तर पर टिकी हैं, और वे जल्द से जल्द स्थिति सामान्य होने की प्रार्थना कर रहे हैं ताकि उनका जीवन पटरी पर लौट सके।


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