Rajasthan Weather Alert: राजस्थान में मौसम (Rajasthan Weather) का मिजाज पिछले कुछ दिनों से काफी तल्ख बना हुआ है। प्रदेश के विभिन्न इलाकों में हो रही लगातार और भारी बारिश (continuous and heavy rainfall) के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य की कई प्रमुख नदियाँ और नाले उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात (flood-like situation) पैदा हो गए हैं। बारिश के कारण कई संपर्क सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है और कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है। ऐसी विकट स्थिति को देखते हुए प्रभावित जिलों का जिला प्रशासन (District Administration) पूरी तरह से हाई अलर्ट पर है और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
पार्वती नदी के टापू पर फंसे भेड़पालक, चला सफल रेस्क्यू ऑपरेशन
बारां जिले की ग्राम पंचायत ख्यावदा की सीमा पर स्थित ग्राम पीतामपुरा व रामपुरा के मध्य चारागाह भूमि पर रुके हुए, विभिन्न जिलों – पाली, ब्यावर, अजमेर, भीलवाड़ा व प्रतापगढ़ – से आए भेड़पालक परिवार (shepherd families) अचानक पार्वती नदी (Parvati River) के बढ़ते जलस्तर के कारण नदी के बीच बने एक टापू (द्वीप) में फंस गए। उनके साथ उनके हजारों मवेशी भी थे। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और तत्काल बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF – National Disaster Response Force) की एक विशेष टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया। राजस्थान राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF – State Disaster Response Force) की टीम भी बचाव अभियान में शामिल हुई।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम), पुलिस अधीक्षक (एसपी) और अन्य वरिष्ठ जिला अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। प्रशासनिक दल किसी तरह दोगनी पुलिया के रास्ते से उस स्थान तक पहुंचा, जहां ये भेड़पालक फंसे हुए थे। वहां कुल 21 पुरुष, 8 महिलाएं और बच्चे, मिलाकर कुल 29 लोग (total 29 people, including men, women, and children) फंसे हुए पाए गए। उनके साथ लगभग 2450 भेड़ें (2450 sheep), 31 ऊंट, 1 खच्चर, और 9 कुत्ते भी बाढ़ के पानी में घिरे हुए थे। यह राजस्थान में बाढ़ (flood in Rajasthan) की एक गंभीर स्थिति थी।
SDRF और स्थानीय लोगों की मदद से सभी सुरक्षित निकाले गए
एसडीआरएफ (SDRF) और स्थानीय ग्रामीणों की साहसिक और अथक मदद से, कई घंटों तक चले बचाव अभियान (rescue operation) के बाद सभी फंसे हुए लोगों और उनके अधिकांश मवेशियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बचाए गए सभी लोगों को पास के गांव रामपुरा सुंद के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए अस्थायी राहत शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहां उनके लिए भोजन और पानी (food and water) की पर्याप्त व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा की गई है। सौभाग्य से, इस पूरी घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि (loss of life) नहीं हुई, जो प्रशासन और बचाव दलों के लिए एक बड़ी राहत की बात है। जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक देर रात तक मौके पर मौजूद रहकर बचाव कार्यों का स्वयं जायजा लेते रहे। राजस्थान आपदा प्रबंधन (Rajasthan disaster management) टीम ने सराहनीय कार्य किया।
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे जलमग्न क्षेत्रों और उफनती नदियों के पास जाने से बचें और प्रशासन के दिशानिर्देशों (administration’s guidelines) का सख्ती से पालन करें।
बाढ़ नियंत्रण और राहत कार्यों के लिए प्रशासन मुस्तैद
जिला प्रशासन ने जिले भर में बाढ़ नियंत्रण (flood control) और राहत कार्यों (relief operations) के लिए विशेष टीमों को तैनात किया है। सभी संबंधित अधिकारियों को बाढ़ संभावित क्षेत्रों में निरंतर चौकसी बढ़ाने और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सहायता प्रदान करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा स्थिति की लगातार निगरानी (constant monitoring by district administration) की जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय पर और प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। राजस्थान मौसम विभाग (Rajasthan Meteorological Department) ने अभी कुछ और दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना जताई है।
कलेक्टर-एसपी ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सघन दौरा
मंगलवार सुबह, स्थिति का जायजा लेने के लिए जिला कलेक्टर श्री रोहिताश्व सिंह तोमर (District Collector Rohitashva Singh Tomar) और पुलिस अधीक्षक श्री राजकुमार चौधरी (Superintendent of Police Rajkumar Chaudhary) ने एडीएम श्री जबर सिंह, तहसीलदार श्री अभय राज और अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ ऊनी, केलवाड़ा, भंवरगढ़, किशनगंज और विशेष रूप से दोगनी पुलिया क्षेत्र का सघन दौरा किया और बाढ़ की स्थिति (flood situation) का आकलन किया। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को हर समय सतर्कता बरतने, जलभराव वाले क्षेत्रों में निरंतर निगरानी बढ़ाने और आमजन को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। यह राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) की तरफ से आपदा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिए जाने का संकेत है।