महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को एक ऐसा ऐतिहासिक और भावुक पल देखने को मिला, जिसका पूरे राज्य को कई सालों से इंतजार था। मनसे प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray), अपने चचेरे भाई और शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को उनके जन्मदिन की बधाई देने के लिए कई सालों के बाद उनके आवास ‘मातोश्री‘ पहुंचे। राज ठाकरे का ‘मातोश्री’ जाना महाराष्ट्र की भावी राजनीति की दिशा तय करने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण माना जा रहा है।
बिना किसी पूर्व सूचना के ‘मातोश्री’ पहुंचे राज ठाकरे
राज ठाकरे आज सुबह किसी को कोई पूर्व सूचना दिए बिना अचानक अपने घर से निकले और ‘मातोश्री’ की ओर रवाना हो गए। राज ठाकरे पिछले कुछ सालों में कुछ चुनिंदा मौकों को छोड़कर ‘मातोश्री’ नहीं गए थे। शिवसेना से अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बनाने के बाद दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक दूरियां काफी बढ़ गई थीं। इसलिए, आज राज ठाकरे का ‘मातोश्री’ पहुंचना एक ऐतिहासिक और अप्रत्याशित घटना थी। राज ठाकरे, मनसे नेता बाला नांदगांवकर के साथ ‘मातोश्री’ पहुंचे। जैसे ही उनकी गाड़ी ‘मातोश्री’ के गेट पर पहुंची, वहां मौजूद ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला और उन्होंने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी।
उद्धव ने गले लगाया, कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न
जब राज ठाकरे गाड़ी से उतरे, तो ‘मातोश्री’ के गेट पर उन्हें लेने के लिए ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत मौजूद थे। इसके बाद संजय राउत, राज ठाकरे को अंदर ले गए। इस दौरान उनके चारों ओर अनगिनत कार्यकर्ताओं का हुजूम था।
आमतौर पर, उद्धव ठाकरे ‘मातोश्री’ में किसी के आने पर उन्हें लेने के लिए गेट तक नहीं जाते हैं। लेकिन, आज जब राज ठाकरे आए, तो उद्धव ठाकरे खुद ‘मातोश्री’ के गेट पर ही खड़े थे। राज ठाकरे के पहुंचते ही उद्धव ठाकरे ने आगे बढ़कर उन्हें गले से लगा लिया (गळाभेट घेतली)। इस भावुक दृश्य को देखकर उपस्थित कार्यकर्ताओं ने जोरदार जयघोष किया। वर्ली के ‘मराठी विजयी मेळावा’ के बाद, ठाकरे बंधु एक बार फिर से सार्वजनिक रूप से एक साथ दिखाई दिए हैं।
राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को गुलाब का एक गुलदस्ता भेंट किया। ‘मातोश्री’ में बनाए गए मंच पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने एक साथ खड़े होकर कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार किया और फिर दोनों अंदर चले गए।
सिर्फ 20 मिनट चली मुलाकात
सबकी नजरें इस बात पर टिकी थीं कि ‘मातोश्री’ के अंदर दोनों भाइयों के बीच क्या बातचीत होगी और क्या महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए समीकरण की शुरुआत होगी। हालांकि, राज ठाकरे केवल 15 से 20 मिनट में ही ‘मातोश्री’ से बाहर आ गए और वापस अपने घर के लिए रवाना हो गए। इस संक्षिप्त मुलाकात ने राजनीतिक अटकलों को और भी तेज कर दिया है।
बाद में, उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की कि “मुझे बहुत खुशी हुई।” इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा गर्म है कि क्या यह सिर्फ एक पारिवारिक भेंट थी या फिर आने वाले चुनावों से पहले एक नई राजनीतिक खिचड़ी पक रही है।