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PNB Scam: नीरव मोदी का भाई निहाल मोदी अमेरिका में गिरफ्तार, 17 जुलाई को प्रत्यर्पण पर सुनवाई

Published On: July 5, 2025
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PNB Scam: नीरव मोदी का भाई निहाल मोदी अमेरिका में गिरफ्तार, 17 जुलाई को प्रत्यर्पण पर सुनवाई
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PNB Scam: भगोड़े व्यवसायी नीरव मोदी (Nirav Modi) के छोटे भाई नीहाल मोदी (Nehal Modi) को भारतीय एजेंसियों (Indian Agencies) के ‘प्रत्यर्पण अनुरोध’ (Extradition Request) के बाद अमेरिकी अधिकारियों (US Authorities) ने गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है. यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (United States Department of Justice) के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation – CBI) द्वारा संयुक्त रूप से उनके ‘प्रत्यर्पण का अनुरोध’ (Requested His Extradition) किए जाने के बाद 4 जुलाई को उनकी गिरफ्तारी हुई. यह ‘पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले’ (Punjab National Bank – PNB Scam) से जुड़े मामले में एक ‘महत्वपूर्ण विकास’ (Significant Development) है, जो भारत के सबसे बड़े ‘बैंकिंग धोखाधड़ी’ (Banking Frauds) में से एक है.

अधिकारी उन्हें दो आरोपों पर ‘हिरासत’ (Custody) में लेने की मांग कर रहे हैं: एक ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ (Money Laundering) के तहत ‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (Prevention of Money Laundering Act – PMLA) 2002 के तहत, और दूसरा ‘भारतीय दंड संहिता’ (Indian Penal Code – IPC) के तहत ‘आपराधिक साजिश’ (Criminal Conspiracy) का. उन पर देश के इतिहास में सबसे बड़े ‘बैंकिंग घोटालों’ में से एक, कथित ₹13,000 करोड़ (Rs 13,000 Crore) के PNB घोटाले में ‘प्रमुख भूमिका’ (Major Role) निभाने का आरोप है. यह ‘आर्थिक अपराधी’ (Economic Offenders) को न्याय के कटघरे में लाने के भारत के प्रयासों में एक ‘बड़ी सफलता’ (Major Success) है.

नीरव मोदी के भाई नीहाल मोदी कौन हैं और PNB घोटाले से उनके क्या संबंध हैं?

नीहाल दीपक मोदी (Nehal Deepak Modi) का जन्म बेल्जियम (Belgium) के ‘एंटवर्प’ (Antwerp) में हुआ और वहीं पले-बढ़े, वह अंग्रेजी (English), गुजराती (Gujarati) और हिंदी (Hindi) में ‘पारंगत’ (Fluent) हैं. 46 वर्षीय नीहाल, अपने भाई नीरव मोदी और उनके चाचा मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के साथ PNB घोटाले में एक ‘मुख्य आरोपी’ (Key Accused) हैं. जांचकर्ताओं (Investigators) ने कहा कि नीहाल ने नीरव को ‘फर्जी कंपनियों’ (Fake Companies) और ‘विदेशी लेनदेन’ (Overseas Transactions) के माध्यम से ‘अवैध धन’ (Illegal Money) की ‘बड़ी मात्रा’ (Large Amounts) को स्थानांतरित करने और छिपाने में मदद की.

इस घोटाले में, नीहाल ने अपनी कंपनियों के माध्यम से बैंक से लगभग ₹6,498 करोड़ (Rs 6,498 Crore) की धोखाधड़ी (Fraudulently Obtaining) से ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ (Letters of Undertaking – LoUs) प्राप्त करके गबन किया, जबकि उनके चाचा ने शेष राशि का गबन करने के लिए इसी तरह की विधि का उपयोग किया. यह ‘बड़ा बैंकिंग घोटाला’ (Mega Banking Scam) भारतीय वित्तीय प्रणाली (Indian Financial System) के लिए एक ‘बड़ी चुनौती’ (Major Challenge) बना हुआ है.

उन पर सबूतों को नष्ट (Destroying Evidence) करने और नीरव मोदी की “जानबूझकर और इरादतन” (Knowingly and Intentionally) मदद करने का भी आरोप लगाया गया है, जब यह घोटाला उजागर हुआ था. सीबीआई (CBI) ने नीहाल मोदी पर दुबई (Dubai) में ‘शैल कंपनियों’ (Shell Companies) के निदेशकों (Directors) को धमकी (Threatening) देने और उन पर दबाव डालने का आरोप लगाया, जिनका उपयोग नीरव मोदी द्वारा ‘धोखाधड़ी वाले व्यापारिक सौदों’ (Fraudulent Trade Dealings) को वैध (Legitimate) दिखाने के लिए किया गया था.

ईडी (ED) ने दावा किया कि घोटाला सामने आने के बाद, नीहाल ने, नीरव मोदी के ‘करीबी विश्वासपात्र’ (Close Confidante) मिहिर आर. भंसाली (Mihir R Bhansali) के साथ मिलकर 50 किलोग्राम सोना (50 kg of gold) और “काफी नकद” (Substantial Cash) दुबई से पहुंचाया.

उन्होंने ‘डमी निदेशकों’ (Dummy Directors) को आगे निर्देश दिया कि वे ‘जांच अधिकारियों’ (Investigating Authorities) को उनकी पहचान उजागर न करें. नीहाल को सीबीआई (CBI) द्वारा दायर एक ‘पूरक आरोपपत्र’ (Supplementary Chargesheet) में 27वें आरोपी (Accused No. 27) के रूप में नामित किया गया है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने ‘संदिग्ध आपराधिक साजिश’ (Suspected Criminal Conspiracy) को छिपाने में मदद करने के लिए दुबई में सबूत नष्ट किए. जांचकर्ताओं के अनुसार, नीरव मोदी की कंपनियों के इन व्यक्तियों, कर्मचारियों को दुबई से काहिरा (Cairo) स्थानांतरित होने के लिए मजबूर किया गया, जहां उनके फोन (Phones), लैपटॉप (Laptops) और कंप्यूटर सर्वर (Computer Servers) को ‘सबूत मिटाने’ (Eliminate Evidence) के लिए नष्ट कर दिया गया.

उन पर ‘झूठी घोषणाओं’ (False Declarations) पर हस्ताक्षर करने का आरोप भी लगाया गया, जिसमें दावा किया गया कि वे दुबई और ‘हांगकांग-आधारित फर्मों’ (Hong Kong-based Firms) के ‘वास्तविक मालिक’ (Actual Owners) हैं. इन शैल कंपनियों को नीरव मोदी की तीन फर्मों (Firms) के साथ ‘वास्तविक निर्यात-आयात व्यवसाय’ (Genuine Export-Import Business) करते हुए दिखाया गया था: डायमंड्स आर अस (Diamonds R Us), सोलर एक्सपोर्ट्स (Solar Exports), और स्टेलर डायमंड्स (Stellar Diamonds). इन संस्थाओं पर विदेशी बैंकों (Foreign Banks) से ‘गलत तरीके से खरीदार क्रेडिट’ (Wrongfully Receiving Buyer’s Credit) प्राप्त करने का आरोप है, जिसे मुंबई में PNB की ‘ब्राडी हाउस शाखा’ (Brady House Branch) द्वारा ‘बैंक के अंदरूनी सूत्रों’ (Bank Insiders) की मदद से ‘धोखाधड़ी से जारी किए गए नकली लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ (Fake LoUs Fraudulently Issued) का समर्थन प्राप्त था. यह ‘कॉर्पोरेट धोखाधड़ी’ (Corporate Fraud) और ‘बैंकिंग धोखाधड़ी’ का एक ‘जटिल जाल’ (Complex Web) था.

प्रत्यर्पण सुनवाई (Extradition Hearing) 17 जुलाई 2025 (July 17, 2025) के लिए निर्धारित है, जब एक ‘स्टेटस कॉन्फ्रेंस’ (Status Conference) आयोजित की जाएगी. नीहाल इस सत्र के दौरान ‘जमानत’ (Bail) के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन अमेरिकी अभियोजकों (US Prosecutors) ने पहले ही कहा है कि वे इसका विरोध (Oppose It) करेंगे. यह ‘कानूनी लड़ाई’ (Legal Battle) भारतीय न्याय (Indian Justice) के लिए ‘एक लंबा रास्ता’ (Long Way) तय करने वाली है.


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