केंद्र सरकार ने विदेशी भारतीय नागरिकों (Overseas Citizens of India – OCI) के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7D में एक महत्वपूर्ण और कड़ा संशोधन किया है, जिससे OCI कार्डधारकों (OCI cardholders) के लिए नियमों को और सख्त बना दिया गया है। गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs – MHA) द्वारा अधिसूचित नवीनतम बदलावों के अनुसार, अब किसी भी OCI कार्डधारक को यदि दो साल या उससे अधिक की जेल की सजा सुनाई जाती है, तो उसका OCI कार्ड रद्द किया जा सकता है।
इतना ही नहीं, एक और बड़ा बदलाव यह किया गया है कि यदि किसी OCI कार्डधारक पर किसी ऐसे अपराध के लिए आरोप पत्र (chargesheet) दायर किया जाता है, जिसमें सात साल या उससे अधिक की कैद की सजा हो सकती है, तो भी उसका OCI कार्ड रद्द करने की कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
क्या बदला है पुराने कानून में?
यह नया नियम पुराने प्रावधानों की तुलना में काफी सख्त है।
- पुराना नियम: मूल खंड के तहत, किसी OCI कार्डधारक का कार्ड केवल पंजीकरण (registration) के पांच साल के भीतर ही रद्द किया जा सकता था, बशर्ते कार्डधारक को दो साल से कम की जेल की सजा न हुई हो।
- नया बदलाव:
- अब, OCI कार्ड को रद्द करने के लिए पांच साल की समय सीमा को पूरी तरह से हटा दिया गया है। इसका मतलब है कि यह कार्रवाई पंजीकरण के कितने भी साल बाद की जा सकती है।
- इसके अलावा, किसी भी OCI कार्डधारक पर 7 साल या उससे अधिक की जेल की सजा वाले अपराध के लिए आरोप पत्र (chargesheet) दायर होना भी अब कार्ड रद्द करने का एक नया और मजबूत आधार बना दिया गया है।
क्यों उठाया गया यह कड़ा कदम? NRI शादियों में धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम!
दिलचस्प बात यह है कि यह अधिसूचना (notification) गृह मंत्रालय के महिला सुरक्षा प्रभाग (women safety division) द्वारा जारी की गई है। इससे यह संभावना जताई जा रही है कि इस कदम उन भारतीय मूल के व्यक्तियों पर नकेल कसना है जो विदेशों में रहते हुए भारत में गंभीर अपराधों में वांछित हैं।
इसमें विशेष रूप से उन मामलों को लक्षित किया गया है, जो जबरन एनआरआई शादियों (forced NRI marriages) से संबंधित हैं, जिनमें अक्सर शारीरिक शोषण, दहेज के लिए उत्पीड़न और महिलाओं को विदेश में अकेला छोड़ देने जैसे जघन्य अपराध शामिल होते हैं। नया कानून अब भारतीय एजेंसियों को ऐसे भगोड़े OCI कार्डधारकों के खिलाफ एक मजबूत हथियार देगा, जो कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए अपने विदेशी नागरिकता का फायदा उठाते हैं।
यह संशोधन OCI कार्ड की पवित्रता को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि इस विशेष दर्जे का दुरुपयोग आपराधिक गतिविधियों से बचने के लिए न किया जाए। यह दुनिया भर में फैले OCI समुदाय को एक स्पष्ट संदेश भी देता है कि भारत अपने कानूनों और अपने नागरिकों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है।







