जम्मू-कश्मीर से आतंक के सफाए के लिए चलाए जा रहे अभियानों में सुरक्षाबलों को एक और बड़ी और ऐतिहासिक कामयाबी हाथ लगी है। भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने एक संयुक्त और खुफिया अभियान ‘ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev)‘ चलाकर तीन खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया है। इन आतंकियों में पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और 20 लाख का इनामी, लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर हाशिम मूसा (Hashim Musa) भी शामिल है।
आपको बता दें कि अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) चलाकर पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी कैंप तबाह किए थे और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया था। अब, ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत इस हमले के मुख्य साजिशकर्ता को ढेर करके सेना ने आतंक पर एक और जोरदार प्रहार किया है।
कहां और कैसे चला यह मुश्किल ऑपरेशन?
‘ऑपरेशन महादेव’ की योजना सेना की रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चिनार कॉर्प्स (Chinar Corps) द्वारा बनाई गई थी और इसे जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के पास लिडवास इलाके में अंजाम दिया गया। यह इलाका घने जंगलों, ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों और दुर्गम घाटियों से घिरा हुआ है, जो आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह माना जाता था। आतंकियों ने यहां चट्टानों के बीच अस्थायी बंकर बना रखे थे।
सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन की नींव दो दिन पहले रखी गई जब दाचीगाम के जंगलों में आतंकियों के बीच हो रही एक संदिग्ध बातचीत को खुफिया एजेंसियों ने इंटरसेप्ट किया। इनपुट मिला कि यह गतिविधि पहलगाम हमले से जुड़े किसी आतंकी मॉड्यूल से संबंधित हो सकती है।
कैसे हुई पहचान और सटीक ट्रैकिंग?
इस खुफिया इनपुट के आधार पर, स्थानीय मुखबिरों और इलाके में गश्त कर रही सैन्य यूनिटों की मदद से आतंकवादियों के संभावित ठिकानों की पुष्टि की गई। इसके बाद, इलाके में सेना की 24 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) और 4 पैरा (SF) की स्पेशल यूनिट्स को तैनात किया गया। इन कमांडो ने अत्यंत गोपनीयता बरतते हुए इलाके को घेर लिया।
लगातार दो दिनों तक घने जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलता रहा। आखिरकार, सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ शुरू हो गई। सेना ने चुपचाप और तेजी से आतंकियों को चारों तरफ से घेर लिया था, ताकि उन्हें भागने या जवाबी कार्रवाई समझने का मौका ही न मिले। करीब एक घंटे तक चली भीषण गोलीबारी के बाद, दोपहर 12:37 बजे ड्रोन फुटेज से पुष्टि हुई कि तीनों आतंकवादियों को मार गिराया गया है।
कौन था 20 लाख का इनामी आतंकी हाशिम मूसा?
मारे गए आतंकियों में हाशिम मूसा भी शामिल है, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक संयुक्त मॉड्यूल का हिस्सा और कश्मीर घाटी में लश्कर का एक टॉप कमांडर था। वह 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए उस भीषण आतंकवादी हमले का मुख्य साजिशकर्ता था, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। इस बर्बर घटना के बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उस पर 20 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
‘ऑपरेशन महादेव’ अभी खत्म नहीं हुआ
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद ‘ऑपरेशन महादेव’ की सफलता भारतीय सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक जीत है। इसने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत अब आतंकवादियों और उनके आकाओं को उनके किसी भी ठिकाने पर नहीं बख्शेगा।
सूत्रों के अनुसार, ‘ऑपरेशन महादेव’ अभी समाप्त नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि इस मॉड्यूल के बाकी बचे 2-4 आतंकियों की तलाश लिडवास और आसपास के जंगलों में अभी भी जारी है, और सेना जल्द ही उनका भी सफाया कर देगी।