---Advertisement---

Noida Expressway Development: नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे को मिलेंगे दो नए अंडरपास, यात्रा होगी सुगम और तेज

Published On: July 1, 2025
Follow Us
Noida Expressway Development: नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे को मिलेंगे दो नए अंडरपास, यात्रा होगी सुगम और तेज
---Advertisement---

Noida Expressway Development: नोएडा प्राधिकरण द्वारा नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात की सुगम व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। प्राधिकरण एक्सप्रेसवे पर दो बिल्कुल नए और आधुनिक अंडरपास का निर्माण करने जा रहा है। पहला अंडरपास झट्टा (16.900 किमी चेनज) के पास और दूसरा सुल्तानपुर गांव (6.10 किमी चेनज) के निकट बनाया जाएगा। इन दोनों महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए कुल पांच-पांच कंपनियों ने अपनी बोलियां प्रस्तुत की थीं, और अंतिम रूप से ‘छात्र शक्ति’ नामक कंपनी का चयन किया गया है। हालांकि, इस चयनित कंपनी को कार्य शुरू करने की औपचारिक अनुमति अभी सीईओ, डॉ. लोकेश एम. से प्राप्त होनी बाकी है

सुरक्षा और गुणवत्ता सर्वोपरि: नए अंडरपास में होगी बेहतर तकनीक का प्रयोग

सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने इस परियोजना की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि पिछले तीन अंडरपास के निर्माण के दौरान सामने आई तकनीकी खामियों को इस बार बिल्कुल भी दोहराया नहीं जाना चाहिए। इसी उद्देश्य से, एक विशेषज्ञ परामर्श कंपनी द्वारा इन नए अंडरपास स्थलों का विस्तृत निरीक्षण किया जा रहा है। उनकी रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही चयनित कंपनी को निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दी जाएगी, ताकि गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा जा सके।

निर्माण कार्य का विवरण और समयावधि: कब होगा पूरा?

चयनित कंपनी, ‘छात्र शक्ति’, इस परियोजना को लगभग डेढ़ साल की समयावधि में पूरा करने का लक्ष्य रखती है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की अनुमानित लागत 181 करोड़ रुपये है। उल्लेखनीय है कि इसी कंपनी ने पूर्व में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के पुनर्निर्माण का कार्य भी सफलतापूर्वक संपन्न किया है, जिससे उनके अनुभव पर विश्वास बढ़ता है।

सीधा एक्सप्रेसवे संपर्क और क्षेत्रीय विकास का मार्ग प्रशस्त

बारिश का मौसम समाप्त होते ही इस महत्वपूर्ण निर्माण कार्य को प्राथमिकता के आधार पर शुरू कर दिया जाएगा। शेष पेड़ों को हटाने और अन्य आवश्यक सफाई संबंधी कार्यों को पूरा करने के लिए पुरस्कार (award) प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इन नए अंडरपास के निर्माण से एक्सप्रेसवे से सीधा संपर्क स्थापित होगा, जिससे लगभग 20 गांवों और 38 से अधिक विभिन्न क्षेत्रों के निवासियों को सीधा लाभ मिलेगा। यह कनेक्टिविटी एक्सप्रेसवे के माध्यम से उनकी यात्रा को अत्यंत सुगम और तेज बनाएगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

यातायात व्यवस्था: निर्माण के दौरान हो सकती है कुछ असुविधा

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अंडरपास निर्माण के दौरान, खासकर जब दीवारों को जमीन के अंदर डाला जाएगा, कई दिनों तक वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो सकती है। प्राधिकरण इस दौरान यातायात को सुचारू रखने के लिए वैकल्पिक मार्ग और आवश्यक व्यवस्थाएं करेगा ताकि यात्रियों को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े।

नई डायाफ्राम तकनीक: पिछली कमियों को दूर करने का प्रयास

इस बार, दोनों नए अंडरपास का निर्माण डायाफ्राम तकनीक (Diaphragm Technology) पर आधारित होगा, जो कि पूर्व में इस्तेमाल की गई ‘बॉक्स पुशिंग’ तकनीक से भिन्न है। वर्ष 2020 के बाद एक्सप्रेसवे पर बने कोंडली, एडवेंट और सेक्टर-96 अंडरपास इसी बॉक्स पुशिंग तकनीक से बने थे, जिसके कारण एक्सप्रेसवे पर यातायात बाधित होने की समस्याएं अक्सर उत्पन्न होती थीं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, प्राधिकरण ने अब डायाफ्राम तकनीक को अंडरपास निर्माण के लिए चुना है।

सिविल विभाग के उप महाप्रबंधक विजय कुमार रावल ने डायाफ्राम तकनीक की प्रक्रिया को समझाते हुए कहा कि इस तकनीक में, अंडरपास की दीवारें बिना अधिक जमीन की खुदाई के ही डाली जाएंगी। यह दीवारें जमीन के अंदर दोनों तरफ बनाई जाएंगी, और अंडरपास की छत इनके ऊपर ढलान के सहारे बनाई जाएगी। बाद में, इन दो दीवारों और नीचे की छत के बीच की मिट्टी को सुरक्षित रूप से खोदा जाएगा। यह विधि न केवल अधिक सुरक्षित है, बल्कि एक्सप्रेसवे पर यातायात के कम से कम व्यवधान के साथ कार्य को पूरा करने में भी सहायक है। प्राधिकरण दोनों लेन के निर्माण कार्य को इसी नई तकनीक से करेगा।

पहले अंडरपास का विवरण:

एक्सप्रेसवे पर 16.900 किलोमीटर की चेनज पर, सेक्टर-145, 146, 155 और 159 के बीच बनने वाले इस अंडरपास की कुल लंबाई 800 मीटर होगी। इसके निर्माण पर 99.74 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस अंडरपास के बन जाने से नव विकसित औद्योगिक क्षेत्रों जैसे सेक्टर-151, 153, 154, 155, 156, 157, 158, 159, 162 और आसपास के 9 गांवों के निवासियों को सीधा और सुगम रास्ता मिलेगा।

दूसरे अंडरपास का विवरण:

सुल्तानपुर गांव के पास, एक्सप्रेसवे पर 6.10 किलोमीटर की चेनज पर, सेक्टर-128, 129, 132 और 108 के बीच दूसरा अंडरपास बनाया जाएगा। इसकी लंबाई 731 मीटर होगी और इसके निर्माण पर अनुमानित 81.61 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस अंडरपास के निर्माण से सेक्टर-104, 105, 106, 107, 108, 110, 80, 81, 82, 83, 127, 128, 129, 130, 131, 132, 133, 134, 135, फेज-2, एनएसईजेड और 11 अन्य गांवों के निवासियों को सीधे एक्सप्रेसवे से जुड़ने का लाभ मिलेगा। यह परियोजना नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगी।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now