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Netflix, Prime Video यूजर्स सावधान, अब सब्सक्रिप्शन रद्द करना पड़ेगा सिरदर्द, जानिए क्यों

Published On: July 14, 2025
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Netflix, Prime Video यूजर्स सावधान, अब सब्सक्रिप्शन रद्द करना पड़ेगा सिरदर्द, जानिए क्यों
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Netflix, Prime Video, Disney Plus, और HBO Max का इस्तेमाल करते हैं? अगर हां, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अमेरिका से आ रही एक ऐसी रिपोर्ट है जो इन सेवाओं के सब्सक्रिप्शन को रद्द करने (Cancel Subscription) की प्रक्रिया को लेकर है। अमेरिकी संघीय अपीलीय अदालत (US Federal Appeals Court) ने हाल ही में एक प्रमुख उपभोक्ता संरक्षण नियम को रद्द कर दिया है, जो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स को अपने कैंसिलेशन (रद्दीकरण) की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए मजबूर करता। इस नियम को “क्लिक टू कैंसिल” (Click to Cancel) नियम के नाम से जाना जाता था और इसे अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) द्वारा प्रस्तावित किया गया था। यह नियम 14 जुलाई 2025 से प्रभावी होने वाला था, लेकिन अब अदालत के फैसले के कारण यह अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया है।

‘क्लिक टू कैंसल’ नियम क्या था?

इस नियम का उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिए डिजिटल सब्सक्रिप्शन (Digital Subscriptions) को रद्द करना उतना ही आसान बनाना था जितना कि उन्हें साइन-अप करना। इसके तहत, नेटफ्लिक्स, अमेज़ॅन प्राइम वीडियो, डिज़्नी प्लस, एचबीओ मैक्स जैसी कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होता कि उपयोगकर्ता आसानी से कुछ क्लिक्स में ही अपनी सदस्यता समाप्त कर सकें। इसके अतिरिक्त, यह नियम पारदर्शिता (Transparency) बढ़ाने और फ्री ट्रायल (Free Trials) को भुगतान वाले प्लान में बदलने से पहले स्पष्ट सहमति (Clear Consent) प्राप्त करने को भी अनिवार्य बनाता। यह जो बाइडन प्रशासन (Biden Administration) की उपभोक्ताओं के लिए सुविधाओं को आसान बनाने और डिजिटल सेवाओं को बेहतर बनाने की व्यापक पहल का हिस्सा था।

क्यों रद्द हुआ यह नियम?

अपीलीय अदालत ने यह कहते हुए इस नियम को निलंबित कर दिया कि FTC ने नियम को लागू करने से पहले आवश्यक आर्थिक प्रभाव विश्लेषण (Economic Impact Analysis) करने में विफल रही। नतीजतन, अब स्ट्रीमिंग कंपनियों पर उपयोगकर्ता के अनुकूल (User-Friendly) कैंसिलेशन विधियों को बनाए रखने के लिए कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। इसका सीधा मतलब है कि सब्सक्रिप्शन रद्द करना पहले से कहीं अधिक मुश्किल हो सकता है।

सब्सक्राइबर्स के लिए लचीलेपन का जोखिम

हालांकि वर्तमान में कई स्ट्रीमिंग सेवाएं अपने ग्राहकों को कुछ ही क्लिक्स में सब्सक्रिप्शन रद्द करने की अनुमति देती हैं, उद्योग के पर्यवेक्षकों (Industry Observers) का मानना है कि नियामक निगरानी के बिना यह स्थिति तेजी से बदल सकती है। प्लेटफॉर्म्स अपनी कैंसिलेशन प्रक्रिया को जटिल बनाने का विकल्प चुन सकते हैं। वे कैंसिलेशन विकल्प को सेटिंग में गहराई तक छिपा सकते हैं, या ग्राहकों को ग्राहक सेवा को कॉल करने के लिए मजबूर कर सकते हैं।

इस तरह की युक्तियां पहले से ही देखी जा रही हैं। उदाहरण के लिए, 2023 में एक जांच में पाया गया कि अमेज़ॅन प्राइम वीडियो को रद्द करने के लिए उपयोगकर्ताओं को चार अलग-अलग पेजों से गुजरना पड़ा, छह क्लिक करने पड़े और 15 अलग-अलग प्रॉम्प्ट्स (Prompts) का जवाब देना पड़ा। एफटीसी ने बाद में अमेज़ॅन पर इसी मुद्दे को लेकर मुकदमा दायर किया था, और वह कानूनी लड़ाई अभी भी जारी है।

भारतीय ग्राहकों को क्यों ध्यान देना चाहिए?

हालांकि यह अदालत का फैसला केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में लागू होता है, लेकिन यह वैश्विक प्रथाओं (Global Practices), जिसमें भारत (India) भी शामिल है, को प्रभावित कर सकता है। कई ग्राहकों के लिए, विशेष रूप से कीमत-संवेदनशील बाजारों (Price-sensitive Markets) में, आसानी से रद्द करने और फिर से सदस्यता लेने की क्षमता बढ़ती स्ट्रीमिंग लागत (Rising Streaming Costs) को प्रबंधित करने के लिए आवश्यक है।

डेलॉइट (Deloitte) के अनुमान के अनुसार, औसत अमेरिकी परिवार अब स्ट्रीमिंग सेवाओं पर लगभग $61 (लगभग ₹5,000) प्रति माह खर्च करता है। यह प्रवृत्ति अन्य प्रमुख बाजारों में भी देखी जा रही है।

यदि कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में अधिक जटिल कैंसिलेशन प्रक्रियाओं को मानकीकृत करने का निर्णय लेती हैं, तो भारतीय उपयोगकर्ताओं को भी जल्द ही उन प्लेटफॉर्म्स से बाहर निकलने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है जिनका वे अब उपयोग नहीं करते हैं, जिससे संभावित रूप से मासिक व्यय (Monthly Expenditures) में वृद्धि हो सकती है।

जैसे-जैसे कानूनी और नियामक परिदृश्य विकसित हो रहा है, उपभोक्ता अधिकार के हिमायती दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं से आग्रह कर रहे हैं कि वे डिजिटल सब्सक्रिप्शन से संबंधित नियमों और शर्तों के बारे में सूचित रहें और सतर्क रहें (Stay Vigilant)। भविष्य में, अपने सब्सक्रिप्शन को प्रबंधित करने के लिए अधिक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना समझदारी का काम होगा।

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