पवित्र सावन मास (Sawan Month) के आगमन के साथ ही शहर के सर्राफा बाजारों में एक अलग ही रौनक देखने को मिल रही है। धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व के कारण चांदी, तांबा और पीतल से बनी वस्तुओं की मांग में भारी इजाफा हुआ है। विशेष रूप से, 29 जुलाई को आने वाली नाग पंचमी (Nag Panchami) के पर्व के कारण चांदी के नाग-नागिन के जोड़े, बिल्वपत्र, त्रिशूल और भगवान शिव के श्रृंगार की वस्तुओं की मांग अपने चरम पर है।
महंगाई पर आस्था भारी, खूब बिक रहे नाग-नागिन के जोड़े
इस साल सावन के महीने में चांदी की कीमतों में अच्छी-खासी तेजी देखने को मिली है, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था पर इस महंगाई का कोई असर नहीं दिख रहा है। लोग अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार खरीदारी कर रहे हैं। बाजार में 5 से 10 ग्राम तक के नाग-नागिन के जोड़े सबसे ज्यादा खरीदे जा रहे हैं।
एक स्थानीय सर्राफा व्यापारी विनय अग्रवाल ने बताया कि कीमतों में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, “पिछले साल जो चांदी के नाग-नागिन का छोटा जोड़ा 300 रुपये में मिलता था, वह अब 350 से 400 रुपये का हो गया है, और जो जोड़ा 1200 रुपये का था, वह इस साल 1350 रुपये तक में बिक रहा है।” इसके अलावा, अपनी मन्नत पूरी होने पर या विशेष अनुष्ठानों के लिए लोग भारी वजन के नाग-नागिन के जोड़े भी खरीद रहे हैं।
क्यों है नाग-नागिन के जोड़े का इतना महत्व?
नाग-नागिन मंदिर के पुजारी मुकुट शर्मा ने इसके पीछे की धार्मिक मान्यता के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “शास्त्रों के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के पावन दिन पर शिवलिंग पर चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा अर्पित करने से कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष और पितृ दोष जैसे गंभीर दोषों का निवारण होता है और व्यक्ति को इनसे मुक्ति मिलती है।“
इसी मान्यता के कारण, कोटा के नाग-नागिन मंदिर में अभी से ही काल सर्प दोष निवारण पूजन शुरू हो गया है। लोगों ने नाग पंचमी के दिन विशेष पूजा-अनुष्ठान के लिए एक महीने पहले से ही अपनी बुकिंग करवा रखी है। इसके अलावा, जो महिलाएं 16 सोमवार व्रत का उद्यापन करती हैं, वे भी अपनी पूजा के समापन पर चांदी के नाग-नागिन के जोड़े भगवान शिव को अर्पित करती हैं।
मंदिरों में विशेष तैयारी, चढ़ाया जाएगा सोने-चांदी का कवच
नाग पंचमी के दिन मंदिरों में भी विशेष तैयारियां की जा रही हैं। सुबह 5 बजे से ही नाग देवता का दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक शुरू हो जाएगा। कोटा स्थित नाग-नागिन मंदिर में इस दिन हैदराबाद के एक भक्त द्वारा दान दिए गए 10 तोला सोना और सवा किलो चांदी से बने कवच को नाग-नागिन देवता को चढ़ाया जाएगा, जो इस साल के पूजन का मुख्य आकर्षण होगा। दिन भर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है, जिसके लिए प्रशासन और मंदिर समितियां तैयारियों में जुटी हुई हैं।







