Metro Protest: येलो लाइन (Yellow Line Metro) – आर.वी. रोड (R.V. Road) को बोम्मासंद्रा (Bommasandra) से सिल्क बोर्ड (Silk Board) जैसे महत्वपूर्ण ‘बॉटलनेक्स’ (Bottlenecks) के माध्यम से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण 19 किलोमीटर का कॉरिडोर (19-km Corridor) – मूल रूप से 2021 (Originally Scheduled in 2021) में खुलने वाला था. हालांकि, इसका उद्घाटन (Launch) कई बार टाला गया है, हाल ही में यह जून 2025 की डेडलाइन (June 2025 Deadline) से भी चूक गया. यात्री (Commuters) कहते हैं कि ये देरी केवल ‘प्रशासनिक खामियां’ (Administrative Lapses) नहीं हैं, बल्कि उनके ‘दैनिक जीवन में व्यवधान’ (Daily Disruptions to Their Lives) हैं. यह ‘मेट्रो परियोजना’ (Metro Project) में ‘दीर्घकालिक विलंब’ (Long-term Delay) और उसके ‘नागरिकों पर प्रभाव’ (Impact on Citizens) को उजागर करता है.
बीटीएम लेआउट (BTM Layout) के निवासी और एक सिविल इंजीनियर (Civil Engineer) मंजूनाथ (Manjunath), जो रोज़ बोम्मासंद्रा (Bommasandra) यात्रा करते हैं, ने कहा, “यह विरोध ‘जवाबदेही’ के बारे में है. हर दिन, मैं सिल्क बोर्ड पार करने में कम से कम एक घंटा खर्च करता हूं. कल रात 12 बजे, मैं फिर वहीं फंसा हुआ था. यह लाइन तीन साल पहले तैयार होनी थी. यह हमारा टैक्स का पैसा है. फिर ‘कोई जल्दी’ (No Urgency) क्यों नहीं है?” यह सवाल ‘जनता के धन का उपयोग’ (Utilization of Public Funds) और ‘बुनियादी ढांचे के विकास’ (Infrastructure Development) पर सीधा हमला है.
कई निवासियों ने लाइन खुलने के बाद ‘समय और लागत दोनों में संभावित बचत’ (Potential Savings in Both Time and Cost) की बात की. ‘वर्तमान में’ (Currently) ‘भारी यातायात वाले कॉरिडोर’ (Traffic-heavy Corridors) से दैनिक यात्रा (Daily Commutes) में 90 मिनट से अधिक का समय लगता है, मेट्रो के खुलने से कई लोगों के लिए यह आधा हो जाने की उम्मीद है. येलो लाइन ‘प्रमुख रोजगार क्षेत्रों’ (Major Employment Zones) को भी जोड़ती है, और निवासी तर्क देते हैं कि यह शहर के ‘सबसे खराब हिस्सों’ (Worst Stretches) में से एक पर ‘भीड़ को कम’ (Ease Congestion) कर सकती है.
कुडलु गेट (Kudlu Gate) के निवासी सुनील बी. (Sunil B.), जो मान्यत टेक पार्क (Manyata Tech Park) में आते-जाते हैं, ने भी ऐसी ही ‘निराशाएं’ (Frustrations) साझा कीं. उन्होंने कहा, “हर महीने, एक नया वादा होता है – जून, फिर दिसंबर, फिर मार्च. मैं एक बस (Bus) लेता हूं जिसमें दो घंटे लगते हैं. अगर येलो लाइन खुल जाती है, तो मैं हर दिन कम से कम एक घंटा बचा लूंगा,” उन्होंने यह भी कहा कि उनके बुजुर्ग माता-पिता (Elderly Parents) भी सुविधाजनक पारगमन की कमी के कारण प्रभावित (Impacted) हो रहे हैं. यह ‘वृद्ध नागरिकों’ (Elderly Citizens) और ‘सुविधा की कमी’ (Lack of Convenience) का मुद्दा भी उठाता है.
BMRCL को सौंपे गए पांच मुद्दे: क्या सरकार करेगी कार्रवाई?
श्री सूर्या ने बीएमआरसीएल (BMRCL) के प्रबंध निदेशक (Managing Director) एम. महेश्वर राव (M. Maheshwar Rao) को पांच मुद्दों से संबंधित एक याचिका (Petition) सौंपी. ये पांच मुद्दे हैं:
- येलो लाइन का कमीशनिंग (Commissioning of Yellow Line) – इसका शीघ्र परिचालन सबसे महत्वपूर्ण मांग है.
- किराया निर्धारण समिति (Fare Fixation Committee – FFC) रिपोर्ट का खुलासा न करना (Non-disclosure of FFC report) – यह ‘पारदर्शिता की कमी’ (Lack of Transparency) को दर्शाता है.
- नम्मा मेट्रो (Namma Metro) के चरण 3 (Phase 3) के कार्यान्वयन में देरी (Delay in Phase 3 implementation) – शहर के ‘दीर्घकालिक विकास’ (Long-term Development) पर प्रभाव डालता है.
- हेब्बल – सर्जापुर मेट्रो (Hebbal – Sarjapur Metro) और टनल रोड (Tunnel Road) संघर्ष (Hebbal – Sarjapur metro and Tunnel Road conflict) – ‘योजना संबंधी चुनौतियाँ’ (Planning Challenges).
- व्यापक गतिशीलता योजना (Comprehensive Mobility Plan – CMP) 2020 मेट्रो नीतियों (Metro Policies) की अनदेखी (Ignoring CMP 2020 metro policies) – ‘भविष्य की योजना’ (Future Planning) की ‘अनुपस्थिति’ (Absence) का सवाल.
श्री सूर्या ने प्रदर्शनकारियों से कहा, “हमने पर्याप्त धैर्य (Patient Enough) रखा है. नागरिकों को बेहतर सुविधाएं (Citizens Deserve Better) मिलनी चाहिए. यदि बीएमआरसीएल प्रतिबद्ध नहीं हो सकता है, तो हम सभी मेट्रो स्टेशनों पर विरोध प्रदर्शनों (Intensify Protests) को तेज करेंगे.” नागरिकों ने मांग की कि लाइन को ‘अधिकतम 15 अगस्त’ (August 15 at the latest) तक खोल दिया जाए. ‘बेंगलुरु मेट्रो विस्तार’ (Bengaluru Metro Expansion) पर यह ‘नागरिक आंदोलन’ (Citizen Movement) दबाव बना रहा है.
बेंगलुरु मेट्रो और उपनगरीय रेल यात्री संघ (Bangalore Metro and Suburban Rail Passengers’ Association) के अध्यक्ष प्रकाश मांडोत (Prakash Mandoth) ने कहा, “हम ‘दोषारोपण का खेल’ (Blame Games) नहीं चाहते हैं. हम चाहते हैं कि ‘समय-सीमा’ (Deadlines) का सम्मान किया जाए. 15 अगस्त एक ‘यथार्थवादी उद्घाटन लक्ष्य’ (Realistic Opening Target) है.” श्री राव (Mr. Rao) विरोध स्थल (Protest Site) पर पहुंचे और याचिका प्राप्त की.
बाद में, उन्होंने मीडियाकर्मियों (Mediaperson) से कहा कि ठेकेदार एजेंसियों (Contracted Agencies) द्वारा वर्षों से सामना की जा रही ‘शुरुआती समस्याएं’ (Teething Troubles) सभी हल कर ली गई हैं. उन्होंने कहा, “हम जल्द ही ‘सक्षम प्राधिकारी’ (Competent Authority) से संपर्क करेंगे. हम लाइन को ‘जितनी जल्दी हो सके’ (As Fast as Possible) खोलने की पूरी कोशिश करेंगे.” यह ‘सरकारी प्रतिक्रिया’ (Government Response) अब देखना होगा कि ‘मेट्रो कब शुरू होगी’ (When Metro will Start).