SUV: भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार के लिए अगस्त 2025 का महीना किसी बुरे सपने जैसा साबित हुआ, खासकर मिडसाइज SUV सेगमेंट के लिए। सड़कों पर राज करने वाली महिंद्रा, टाटा, एमजी मोटर और जीप जैसी बड़ी कंपनियों की सबसे लोकप्रिय SUVs की मांग में सालाना आधार पर एक बड़ी और चिंताजनक गिरावट देखी गई। यह गिरावट दिखाती है कि ग्राहकों की पसंद अब बदल रही है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि किस SUV को कितना बड़ा झटका लगा।
महिंद्रा स्कॉर्पियो: ‘किंग’ की बिक्री में 29% की गिरावट
महिंद्रा की वो SUV जिसे ‘किंग ऑफ द रोड’ कहा जाता है, यानी स्कॉर्पियो-एन और स्कॉर्पियो क्लासिक, उसकी बिक्री में भी भारी गिरावट आई है। अगस्त 2025 में इन दोनों मॉडलों की कुल मिलाकर सिर्फ 9,840 यूनिट्स ही बिक पाईं। जबकि पिछले साल अगस्त 2024 में यह आंकड़ा 13,787 यूनिट्स का था। यानी स्कॉर्पियो की बिक्री में सीधे-सीधे 29% की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, इस गिरावट के बावजूद, मिडसाइज SUV सेगमेंट में स्कॉर्पियो का दबदबा अब भी कायम है और इसका मार्केट शेयर लगभग 42% है।
महिंद्रा XUV700: 45% की भारी-भरकम गिरावट
स्कॉर्पियो अकेली नहीं थी जिसे झटका लगा। महिंद्रा की एक और बेहद लोकप्रिय और फीचर-लोडेड SUV, XUV700, की बिक्री में तो और भी बड़ी गिरावट देखी गई। अगस्त 2025 में इसकी केवल 4,956 यूनिट्स बिकीं, जबकि पिछले साल इसी महीने में कंपनी ने 9,007 यूनिट्स की बिक्री की थी। इसका मतलब है कि XUV700 की मांग में 45% की भारी-भरकम गिरावट आई है, जो कंपनी के लिए एक बड़ा चिंता का विषय है।
टाटा सफारी: 24% घटी ‘शेर’ की दहाड़
अपनी दमदार रोड प्रेजेंस और प्रीमियम फीचर्स के लिए मशहूर टाटा सफारी भी इस गिरावट के बवंडर से बच नहीं पाई। अगस्त 2025 में टाटा ने सफारी की केवल 1,489 यूनिट्स बेचीं, जबकि पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 1,951 यूनिट्स था। यानी सालाना आधार पर सफारी की बिक्री में 23.68% की कमी आई है।
MG Hector और Hector Plus का सबसे बुरा हाल
लेकिन सबसे बड़ा झटका एमजी मोटर इंडिया को लगा। कंपनी की सबसे पॉपुलर SUV हेक्टर और हेक्टर प्लस की मांग अगस्त 2025 में बुरी तरह से धराशायी हो गई। यकीन करना मुश्किल है, लेकिन इस महीने इन SUVs की केवल 379 यूनिट्स बिकीं, जबकि पिछले साल अगस्त में यह संख्या 1,814 यूनिट्स थी। इसका मतलब है कि इसकी बिक्री में 79% की सुनामी जैसी गिरावट आई है, जो इस पूरे SUV सेगमेंट में सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है।
Jeep Compass की बिक्री 65% लुढ़की
प्रीमियम मिडसाइज SUV सेगमेंट की धाकड़ SUV, जीप कंपास, भी बिक्री के इस सूखे से नहीं बच सकी। अगस्त 2025 में इसकी मात्र 97 यूनिट्स बिकीं, जबकि पिछले साल अगस्त में कंपनी ने 280 यूनिट्स बेची थीं। इस तरह, सालाना आधार पर इसमें 65% की भारी गिरावट दर्ज की गई।
आखिर क्यों गिरी SUVs की बिक्री? ये हैं 3 बड़ी वजहें
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बड़ी गिरावट के पीछे कई कारण हैं:
- बढ़ता कॉम्पिटिशन: बाजार में नए-नए मॉडल्स की एंट्री ने ग्राहकों को कई विकल्प दे दिए हैं, जिससे पुरानी और स्थापित SUVs का मार्केट शेयर बंट गया है।
- इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बढ़ती मांग: ग्राहक अब पेट्रोल-डीजल के खर्च से आगे बढ़कर इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EVs) के लॉन्ग-टर्म फायदों को देख रहे हैं। बेहतर रेंज और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ EVs अब एक आकर्षक विकल्प बन गई हैं।
- कॉम्पैक्ट SUVs की ओर झुकाव: बढ़ती महंगाई और शहरों में ट्रैफिक की समस्या के कारण ग्राहक अब बड़ी मिडसाइज SUVs की जगह कॉम्पैक्ट और बजट-फ्रेंडली SUVs को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, जो कम कीमत में लगभग वैसे ही फीचर्स देती हैं।
कुल मिलाकर, अगस्त 2025 भारतीय SUV बाजार के लिए एक वेक-अप कॉल की तरह रहा, जो दिखाता है कि अब कंपनियों को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने की जरूरत है।