“अगर आपको अपनी कंपनी को जमीन से आसमान पर ले जाना है, तो आपको हफ्ते में 90 घंटे काम करना होगा।” यह चौंकाने वाला लेकिन सीधा-सादा मंत्र है 30 वर्षीय अरबपति और टेक्नोलॉजी की दुनिया की नई सनसनी, लूसी गुओ (Lucy Guo) का, जिन्होंने कड़ी मेहनत और जुनून के दम पर वह मुकाम हासिल कर लिया है, जिसका पीछा उद्यमी अपनी पूरी जिंदगी करते रहते हैं – अरबपति का दर्जा (billionaire status)।
इस साल की शुरुआत में, पॉप आइकन टेलर स्विफ्ट (Taylor Swift) को पछाड़कर लूसी दुनिया की सबसे कम उम्र की सेल्फ-मेड महिला अरबपति (youngest self-made woman billionaire) बन गईं। उनकी नेट वर्थ 1.3 बिलियन डॉलर को पार कर गई, जब उनकी को-फाउंडेड कंपनी, स्केल एआई (Scale AI), में मेटा (Meta) के निवेश के बाद उसका मूल्यांकन 25 बिलियन डॉलर हो गया। लेकिन उनकी कहानी जल्दी रिटायरमेंट और ऐशो-आराम की नहीं है। इसके बजाय, लूसी गुओ ने सिलिकॉन वैली (Silicon Valley) की ‘हसल कल्चर’ को और भी मजबूती से अपना लिया है और नए स्टार्टअप संस्थापकों से एक विवादास्पद मांग कर रही हैं।
सुबह 5:30 बजे उठना, लंच छोड़ना, और देर रात तक काम!
लूसी की दैनिक दिनचर्या जितनी सख्त है, उतनी ही intense भी है।
- सुबह 5:30 बजे: वह सुबह साढ़े पांच बजे उठती हैं, सीधे बैरी के बूटकैंप में लगातार दो वर्कआउट के लिए जाती हैं, और फिर सीधे काम में जुट जाती हैं।
- नो लंच ब्रेक: लंच शायद ही कभी उनके दिन में एक ठहराव के रूप में आता है; इसके बजाय, वह मोमेंटम को तोड़ने से बचने के लिए बैठकों के दौरान ही कुछ स्नैक्स खा लेती हैं।
- बर्बाद होने वाले समय को काटें: उन्होंने CNBC को बताया, “मुझे लगता है कि ज्यादातर लोग काम-जीवन का संतुलन (work-life balance) बना सकते हैं यदि वे उस चीज को काट दें जिस पर वे काम के बाद समय बर्बाद करते हैं – जैसे कि सोशल मीडिया पर बेकार की स्क्रॉलिंग (doom scrolling) या टीवी देखना।”
सप्ताहांत भी काम के नाम!
वीकेंड भी पूरी तरह से छुट्टियों के लिए नहीं होते। लूसी खुद को एक सप्ताहांत के दिन दोपहर से शाम 6 बजे तक का एक छोटा सा समय दोस्तों के साथ बिताने के लिए देती हैं, लेकिन बाकी समय काम में ही व्यतीत होता है।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मेरे पास एक दिन में अधिक घंटे होते हैं क्योंकि मुझे ज्यादा नींद की जरूरत नहीं है,” यह देखते हुए कि वह आधी रात तक काम कर सकती हैं, 2 बजे तक सामूहीकरण कर सकती हैं, और फिर भी सुबह 6 बजे के वर्कआउट के लिए उठ सकती हैं।
कोडिंग करने वाली किशोरी से अरबपति बनने तक का सफर
- बचपन: चीनी अप्रवासी माता-पिता द्वारा कैलिफोर्निया में पली-बढ़ी, लूसी किशोरावस्था में ही कोड लिख रही थीं।
- थिएल फेलोशिप: उन्होंने कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की, लेकिन बाद में थिएल फेलोशिप (Thiel Fellowship) से सम्मानित होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी, जो युवा इनोवेटर्स को पारंपरिक शिक्षा को छोड़कर उद्यमिता को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
- बड़ी कंपनियों में अनुभव: उनके करियर में फेसबुक में इंटर्नशिप, स्नैपचैट में एक डिजाइन भूमिका (जहां उन्होंने स्नैप मैप्स पर काम किया), और क्वोरा में एक कार्यकाल शामिल है, जहां उनकी मुलाकात अपने स्केल एआई के सह-संस्थापक, अलेक्जेंडर वांग से हुई।
90 घंटे की कार्य-सप्ताह की विवादास्पद फिलॉसफी
लूसी का यह ऐलान कि नए संस्थापकों को 90-घंटे के सप्ताह के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए, चीन के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के कुछ हिस्सों में हावी विवादास्पद “996” कल्चर – सप्ताह में छह दिन सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक काम करना – की प्रतिध्वनि है।
- आलोचकों का तर्क: आलोचकों का तर्क है कि थकावट का महिमामंडन उत्पादकता (productivity) को कम करता है और बर्नआउट (burnout) को तेज करता है।
- स्मार्ट वर्क, नॉट ओवरवर्क: वेंचर कैपिटलिस्ट सुरंगा चंद्रतिलके ने इसे “स्मार्ट काम के बजाय ओवरवर्क का एक अंधानुकरण” के रूप में खारिज कर दिया।
एक बड़ी बहस का हिस्सा
लूसी का यह रुख स्टार्टअप दुनिया में एक व्यापक, चल रही बहस का हिस्सा है। क्या सफलता घंटों के लॉग से मिलती है, या होशियार, अधिक टिकाऊ काम से? एक ओर जहां हसल कल्चर है, वहीं दूसरी ओर चार-दिवसीय कार्य-सप्ताह जैसा एक समानांतर आंदोलन विपरीत दिशा में जोर दे रहा है, जो उत्पादकता और स्वस्थ जीवन के लिए कम घंटों का तर्क देता है। यह विभाजन एक पीढ़ीगत पुनर्विचार को उजागर करता है: हसल बनाम सामंजस्य (hustle versus harmony)।







