कर्नाटक के चर्चित और सनसनीखेज धर्मस्थल मामले (Dharmasthala Case) की जांच में एक बड़ा और निर्णायक मोड़ आया है। विशेष जांच दल (Special Investigation Team – SIT) ने दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलथांगडी तालुक के धर्मस्थल गांव में कथित कब्रगाहों पर दफन शवों को निकालने (Exhumation) की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह कार्रवाई उस व्हिसलब्लोअर (शिकायतकर्ता) की निशानदेही पर की जा रही है, जिसने दावा किया था कि उसे कथित बलात्कार और हत्याओं के पीड़ितों के शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। मजदूरों को नेत्रावती स्नान घाट के बगल में शिकायतकर्ता द्वारा पहचानी गई पहली जगह पर ले जाया गया, जहाँ खुदाई का काम शुरू हो चुका है।
SIT, फॉरेंसिक टीम और ड्रोन की निगरानी में हो रही खुदाई
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, शिकायतकर्ता को SIT के अधिकारियों द्वारा मौके पर ले जाया गया, जिसमें मामले के जांच अधिकारी, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग के एसपी जितेंद्र कुमार दायमा, पुत्तूर के सहायक आयुक्त स्टेला वर्गीज, और बेलथांगडी के तहसीलदार पृथ्वी सनिकम शामिल थे।
इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया में सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) और सीन-ऑफ-क्राइम (SOCO) के अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं। SIT के जासूस पूरी शवोत्खनन प्रक्रिया का वीडियो भी बना रहे हैं। खुदाई शुरू करने से पहले, बेलथांगडी में SIT कार्यालय में डीआईजी एम.एन. अनुचेथ के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की गई।
13 स्थलों की हुई पहचान
SIT से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हम पहले स्थान पर मिले नतीजों के आधार पर ही उसके दावों की सत्यता की जांच करेंगे। यदि यहां कुछ नहीं मिलता है, तो भी हम खुदाई जारी रखेंगे क्योंकि हमने 13 स्थलों की पहचान की है।“
इस मामले की जांच 28 जुलाई को तब महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर गई थी, जब SIT ने जमीनी काम शुरू किया और गवाह-शिकायतकर्ता ने उन 13 स्थलों की पहचान की, जहाँ उसने शवों को दफनाने या दाह संस्कार करने का दावा किया है। इन जगहों में नेत्रावती नदी के किनारे स्थित बंगलेगुड्डे और हाईवे के किनारे की जगहें शामिल हैं। इन सभी 13 कथित दफन स्थलों को चिह्नित कर घेराबंदी कर दी गई है और प्रत्येक स्थान पर दो एंटी-नक्सल फोर्स (ANF) के जवानों को तैनात किया गया है। कथित स्थलों का वीडियो डॉक्यूमेंटेशन करने के लिए एक ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया।
क्या है यह पूरा मामला?
यह पूरा मामला तब सामने आया जब एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने 3 जुलाई को एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसे कथित बलात्कार और हत्याओं के पीड़ितों के शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। उसकी शिकायत के आधार पर, धर्मस्थल पुलिस ने 4 जुलाई को मामला दर्ज किया और मामले की गंभीरता को देखते हुए 19 जुलाई को एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था।
SIT के सूत्रों ने बताया कि गवाह-शिकायतकर्ता को अभी उस स्थान को दिखाना बाकी है, जहां उसने खुद कंकाल के अवशेषों को निकालने का दावा किया है। इस खुदाई के बाद, कर्नाटक के सबसे चर्चित मामलों में से एक के रहस्य से पर्दा उठने की उम्मीद है।







