स्वच्छ सर्वेक्षण 2025′ (Swachh Survekshan 2025) के नतीजों ने बेंगलुरु (Bengaluru) की प्रतिष्ठा को झटका दिया है, क्योंकि इसे भारत के 5 सबसे गंदे शहरों (5 Dirtiest Cities) में से एक करार दिया गया है। इस रैंकिंग ने प्रमुख हस्तियों (Prominent Figures), जिनमें पूर्व इंफोसिस सीएफओ टी.वी. मोहनदास पाई (Former Infosys CFO TV Mohandas Pai) भी शामिल हैं, के बीच तीखी आलोचना (Sharp Rebuke) को जन्म दिया है।
मोहनदास पाई का गुस्सा: ‘शर्म की बात’, ‘भयानक शासन’!
मोहनदास पाई ने बेंगलुरु के नागरिक मुद्दों (Civic Issues of Bengaluru) पर खुलकर अपनी बात रखी है। हालिया सर्वेक्षण पर अपनी टिप्पणी में, उन्होंने बेंगलुरु की स्वच्छता की स्थिति (State of Cleanliness in Bengaluru) पर गहरा खेद (Regret) व्यक्त किया और इसे शहर और कर्नाटक दोनों के लिए ‘बड़ी शर्मिंदगी’ (Big Shame) बताया।
उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स (X) पर लिखा, “बेंगलुरु और कर्नाटक के लिए एक बड़ी शर्म की बात है। हमारे पास एक शहर निगम (@BBMPCOMM @BBMPofficial) और सरकार (Govt @CMofKarnataka @siddaramaiah @DKShivakumar) है जो शहर को साफ भी नहीं रख सकती! भयानक शासन (Terrible Governance)।”** उनके इस बयान ने नागरिक उदासीनता (Civic Apathy) पर एक नई चर्चा छेड़ दी है।
2015 में 15वां स्थान, अब 5वां गंदा!
एक उपयोगकर्ता ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “2015 में हम देश के 15वें सबसे साफ शहर थे। हम महसूस कर सकते हैं कि यह अब कहाँ खड़ा है, इसलिए ये नतीजे कोई आश्चर्य की बात नहीं हैं।” एक अन्य ने टिप्पणी की, “पूरा शहर कचरे का ढेर बन गया है।” यह स्थिति 10 साल के शासन (10 Years of Governance) में शहर की गिरती स्वच्छता मानकों को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
अन्य स्वच्छ शहर: इंदौर, सूरत और नवी मुंबई का सराहनीय प्रयास:
जहां बेंगलुरु की प्रतिष्ठा को नुकसान (Reputation Took a Hit) हुआ, वहीं अहमदाबाद (Ahmedabad), भोपाल (Bhopal), लखनऊ (Lucknow), रायपुर (Raipur), और जबलपुर (Jabalpur) जैसे अन्य शहर अपनी स्वच्छता उपलब्धियों (Sanitation Achievements) के लिए उभरे हैं। इंदौर (Indore), सूरत (Surat), और नवी मुंबई (Navi Mumbai) ने ‘सुपर स्वच्छ लीग’ (Super Swachh League) में जगह बनाई है, जो उत्कृष्ट सार्वजनिक स्वच्छता (Exemplary Public Cleanliness) प्रदर्शित करने वाले शहरों के लिए आरक्षित है।
‘स्क्विड गेम’ से प्रेरित प्रदर्शन: अव्यवस्थित बुनियादी ढांचा
शहर के बिगड़ते बुनियादी ढांचे (Decaying Infrastructure) पर बढ़ती निराशा के बीच, कुछ निवासियों ने नेटफ्लिक्स हिट शो ‘स्क्विड गेम’ (Squid Game) से प्रेरित होकर एक आकर्षक स्ट्रीट परफॉरमेंशन (Striking Street Performance) आयोजित किया। इस प्रदर्शन में, समूह ने रंगीन, पहचानने योग्य वेशभूषा (Colourful, Recognizable Costumes) पहनीं और ‘फुटपाथ’ (Footpath) पर चले, जो ढीले पत्थरों, खुले तारों, और दरारों से भरा एक चुनौतीपूर्ण बाधा कोर्स (Challenging Obstacle Course) था। निवासियों ने खुले नालों (Open Drains) को भी कूदकर पार किया, जो पैदल चलने वालों (Pedestrians) के दैनिक संघर्षों का नाटकीयकरण (Dramatizing) करता है।
यह ‘स्क्विड गेम’ से प्रेरित प्रदर्शन न केवल शहर की अव्यवस्थित बुनियादी ढांचे पर प्रकाश डालता है, बल्कि स्थानीय सरकार (Local Government) और नगर निगम (City Corporation) की नागरिक उदासीनता (Civic Apathy) को भी उजागर करता है।
यह घटना ‘डेटा’ (Data) और ‘ जमीनी हकीकत’ (Ground Reality) के बीच बढ़ते अंतर को दर्शाता है, और यह बताती है कि ‘सुशासन’ (Good Governance) और ‘सार्वजनिक स्वच्छता’ (Public Sanitation) सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदमों की आवश्यकता है।