यह पल अनंथ वी जोशी (Anant V Joshi) के करियर के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है। उनकी दो सबसे चर्चित और महत्वपूर्ण फिल्मों – ‘कथल’ (Kathal) और ’12वीं फेल’ (12th Fail) – को 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (71st National Film Awards) में बड़े सम्मान मिले हैं। ‘कथल’ को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म (Best Hindi Film) का पुरस्कार मिला, जबकि ’12वीं फेल’ को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म (Best Feature Film) का प्रतिष्ठित खिताब मिला। इन पुरस्कारों ने अनंथ वी जोशी को एक ऐसे कलाकार के रूप में स्थापित किया है जो प्रभावशाली कहानी कहने (impactful storytelling) के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध हैं।
‘कथल’ और ’12वीं फेल’: ज़मीन से जुड़े मुद्दे और सामाजिक प्रासंगिकता
ये दोनों फिल्में, अपनी अलग-अलग शैलियों और टोन के बावजूद, ज़मीन से जुड़ी वास्तविकता (grounded narratives) और मजबूत सामाजिक प्रासंगिकता (strong social relevance) रखती हैं।
- ‘कथल’: एक अनोखी सामाजिक व्यंग्य (social satire) जिसने मनोरंजन के साथ-साथ दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया।
- ’12वीं फेल’: संघर्ष, दृढ़ता और सपनों की हकीकत को दर्शाने वाली एक प्रेरणादायक कहानी, जिसने लाखों लोगों के दिलों को छुआ।
अनंथ वी जोशी की बहुमुखी प्रतिभा:
चाहे वह ’12वीं फेल’ में चंबल के एक दृढ़ निश्चयी युवा की भूमिका निभाना हो, या ‘कथल’ में एक विचित्र छोटे शहर के हवलदार (havaldar) का किरदार निभाना हो, अनंथ की विभिन्न भूमिकाओं में आसानी से बदलने की क्षमता उनकी बहुमुखी प्रतिभा (versatility) और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उनकी प्रस्तुतियों में ईमानदारी (honesty) और गहराई (profundity) ने समीक्षकों और दर्शकों दोनों का दिल जीत लिया है।
‘कथल’ का पुरस्कार:
‘कथल’ के सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार जीतना यह दर्शाता है कि कैसे स्थानीय और समसामयिक मुद्दों को रचनात्मक और मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है। फिल्म की कहानी दर्शकों से सीधे जुड़ने में सफल रही।
’12वीं फेल’ की अभूतपूर्व सफलता:
’12वीं फेल’ की सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार जीतना यह साबित करता है कि वास्तविक जीवन की संघर्ष गाथाओं और प्रेरणादायक कहानियों का आज भी दर्शकों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। फिल्म की सादगी, यथार्थवाद और सकारात्मक संदेश (positive message) ने इसे सभी उम्र के लोगों का प्रिय बना दिया।
अनंथ वी जोशी के लिए यह दोहरी जीत उनके करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करती है, और यह उम्मीद जगाती है कि वह भविष्य में भी ऐसी ही दमदार और अर्थपूर्ण भूमिकाएँ निभाते रहेंगे।







