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Jhalawar में स्कूल छत गिरी, 4 बच्चों की मौत, 10+ घायल, क्या था हादसे का कारण

Published On: July 25, 2025
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Jhalawar के स्कूल में छत गिरी, 4 बच्चों की मौत, 10+ घायल, क्या था हादसे का कारण
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राजस्थान (Rajasthan) के झालावाड़ जिले (Jhalawar District) के पीपलोद गांव (Piplod Village) से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। शुक्रवार सुबह, सरकारी स्कूल (Government School) की जर्जर छत (Dilapidated Roof) अचानक ढह गई, जिससे सातवीं कक्षा (Class 7) के बच्चे मलबे (Debris) में दब गए। इस दुखद हादसे (Tragic Accident) में चार मासूम बच्चों (Four Innocent Children) की मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक अन्य बच्चे घायल हो गए।

ग्रामीणों का अदम्य साहस और मानवता:

हादसे की खबर फैलते ही, पूरा गांव (Entire Village) एक साथ खड़ा हो गया। बिना किसी मशीनरी (Without Machinery) के, ग्रामीणों ने हाथों से ही मलबा हटाना (Manually Removing Debris) शुरू कर दिया। उनकी एकमात्र प्रेरणा (Sole Motivation) अपने बच्चों की जान बचाना थी। चीख-पुकार के बीच, ग्रामीणों का जोश और एकजुटता (Enthusiasm and Unity of Villagers) देखने लायक थी। उन्होंने मलबे में दबे बच्चों को निकालकर गोद में लेकर अस्पताल (Hospital) की ओर दौड़ाया।

‘उम्मीद की किरण’ से ‘शून्य की ओर’:

दुर्घटनास्थल पर किताबें (Books), टिफिन बॉक्स (Tiffin Boxes), और बच्चों के बैग (Children’s Bags) बिखरे हुए थे, जो उस अफरा-तफरी का मंजर बयान कर रहे थे जो कुछ क्षण पहले ही हुआ था। ग्रामीणों की हिम्मत ने उस अंधेरे माहौल में उम्मीद की किरण जगाई। कई बच्चों को उनके द्वारा अस्पताल ले जाया गया, और गंभीर रूप से घायल बच्चों को मनोहर थाना अस्पताल (Manohar Thana Hospital) से झालावाड़ जिला अस्पताल (Jhalawar District Hospital) रेफर किया गया।

‘इंसानियत की मिसाल’ और प्रशासन की भूमिका:

प्रशासन (Administration) और बचाव दल (Rescue Team) के पहुंचने से पहले ही, गांव वालों ने लगभग 100 से अधिक बच्चों को मलबे से निकाल लिया था। हालाँकि, दुख की बात यह है कि इस त्रासदी में चार बच्चों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल की छत लंबे समय से जर्जर (Dilapidated) थी, और भारी बारिश (Heavy Rain) ने इस त्रासदी को और गंभीर बना दिया।

सामुदायिक एकजुटता का प्रतीक:

इस हादसे ने ‘मानवता’ (Humanity) की उस ताकत को दिखाया है जो मुश्किल वक्त (Difficult Times) में सामने आती है। ‘गाँव की एकजुटता’ (Village Unity) और ‘अदम्य साहस’ (Indomitable Courage) ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मुश्किलों में इंसान ही इंसान के काम आता है। यह घटना ‘राजस्थान’ में ‘आपदा प्रबंधन’ (Disaster Management) के तैयारियों पर भी सवाल खड़े करती है, लेकिन साथ ही, ‘सामुदायिक भावना’ (Community Spirit) की एक प्रेरणादायक मिसाल भी पेश करती है।

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