ITR Filing FY 2024-25 की अंतिम तिथियों को लेकर करदाताओं (Taxpayers) के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट आया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes – CBDT) ने आकलन वर्ष 2025-26 (Assessment Year AY 2025-26) के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तिथि को 15 सितंबर, 2025 तक बढ़ा दिया है। यह उन सभी करदाताओं के लिए राहत की खबर है जो निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए थे।
बढ़ी हुई समय सीमाएं और राहत के उपाय:
- आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग की नई अंतिम तिथि: अब करदाता 15 सितंबर, 2025 तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
- ऑडिटेड बिजनेस रिटर्न (Audited Business Returns): जिन व्यवसायों को अपने खातों का ऑडिट करवाना होता है, उनके लिए अंतिम तिथि 31 अक्टूबर, 2025 ही रखी गई है।
- ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट (Transfer Pricing Report): ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2025 तय की गई है।
यह राहत उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जिन्हें देर से ITR फाइल करने पर धारा 234A (Section 234A) के तहत ब्याज का भुगतान करना पड़ता था।
अपडेटेड रिटर्न (Updated Return) की सुविधा: धारा 139 (8A)
कानून यह भी सुनिश्चित करता है कि यदि करदाता अपनी देय तिथि तक ITR फाइल कर देता है और कोई भी लंबित स्व-मूल्यांकन कर (Pending Self-Assessment Tax) का भुगतान कर देता है, तो उन्हें कोई ब्याज (Interest) नहीं देना पड़ेगा।
इसके अतिरिक्त, यदि किसी करदाता ने अपनी नियत तारीख तक ITR फाइल नहीं किया है, तो वे अभी भी धारा 139 (8A) के तहत ‘अपडेटेड रिटर्न’ (Updated Return) दाखिल करने का विकल्प चुन सकते हैं। यह सुविधा उन्हें कुछ शर्तों और शुल्कों के साथ अपने दाखिल किए गए रिटर्न में सुधार या संशोधन करने की अनुमति देती है।
अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया और फायदे:
- कब फाइल करें: आप नियत तारीख के बाद, लेकिन आकलन वर्ष के समाप्त होने से दो साल पहले तक अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
- क्या होगा जब आप अपडेटेड रिटर्न फाइल करेंगे: आपको कर (Tax) का भुगतान करना होगा, साथ ही उस कर पर लागू ब्याज का भी भुगतान करना होगा।
- आप अपडेटेड रिटर्न में क्या कर सकते हैं: आप या तो अपनी आय को बढ़ाकर दिखा सकते हैं या अघोषित विदेशी आय (Undisclosed Foreign Income) की रिपोर्ट कर सकते हैं।
देरी से ITR फाइल करने पर क्या होता है?
यदि आप देय तिथि तक अपना ITR दाखिल नहीं करते हैं और CBDT द्वारा विस्तारित समय सीमा (Extended Deadline by CBDT) के बाद भी फाइल नहीं करते हैं, तो आपको धारा 234A के तहत ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है। यह ब्याज आपकी बकाया कर राशि पर लगाया जाता है।
भारत, अमेरिका और ब्रिटेन में टैक्स फाइलिंग की सामान्य प्रक्रियाएं (SEO Keywords):
जबकि यह विशेष जानकारी भारत के आयकर नियमों पर केंद्रित है, यह ध्यान देने योग्य है कि भारत, अमेरिका (USA), और ब्रिटेन (UK) जैसे देशों में कर कानूनों का पालन करना नागरिकों का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है।
- भारत में ITR फाइलिंग: Income Tax Return (ITR) फाइलिंग के लिए इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट का उपयोग किया जाता है।
- USA Tax Filing: अमेरिकी निवासियों को IRS (Internal Revenue Service) के माध्यम से अपना रिटर्न दाखिल करना होता है।
- UK Tax Filing: यूके के निवासियों को HMRC (Her Majesty’s Revenue and Customs) के नियमों का पालन करना होता है।
यह समझना महत्वपूर्ण है कि चाहे देश कोई भी हो, कर कानूनों का समय पर अनुपालन न करने पर जुर्माना (Penalty) और ब्याज (Interest) लग सकता है। इसलिए, नवीनतम Tax Deadlines और नियमों से अवगत रहना आवश्यक है।
महत्वपूर्ण तिथियों का ध्यान रखें:
- ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि: 15 सितंबर, 2025 (सामान्य करदाताओं के लिए)।
- ऑडिटेड बिजनेस रिटर्न की अंतिम तिथि: 31 अक्टूबर, 2025।
- ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट की अंतिम तिथि: 30 नवंबर, 2025।
यह सुनिश्चित करें कि आप सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें और अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए समय से पहले अपना रिटर्न दाखिल कर दें। आयकर नियमों का अनुपालन (Compliance with Tax Regulations) सुनिश्चित करना प्रत्येक करदाता की जिम्मेदारी है।