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ITR फाइलिंग की तारीख फिर बढ़ी: अब 15 सितंबर तक भरें रिटर्न, जानें क्यों मिली यह बड़ी राहत

Published On: August 31, 2025
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ITR फाइलिंग की तारीख फिर बढ़ी: अब 15 सितंबर तक भरें रिटर्न, जानें क्यों मिली यह बड़ी राहत
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देश के करोड़ों करदाताओं (taxpayers) के लिए एक बड़ी और बेहद राहत भरी खबर है! आयकर पोर्टल पर लगातार आ रही तकनीकी गड़बड़ियों और नए नियमों के कारण हो रही परेशानियों को देखते हुए, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (मूल्यांकन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि को एक बार फिर बढ़ा दिया है

अब, व्यक्तिगत करदाता और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) जिनके खातों का ऑडिट होना जरूरी नहीं है, वे 31 जुलाई, 2025 की बजाय 15 सितंबर, 2025 तक बिना किसी लेट फीस के अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। यह फैसला चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (Chartered Accountants) और विभिन्न पेशेवर निकायों द्वारा बार-बार अनुरोध किए जाने और करदाताओं द्वारा सामना की जा रही वास्तविक कठिनाइयों को उजागर करने के बाद आया है।


क्यों बढ़ानी पड़ी आखिरी तारीख, ये हैं 4 बड़ी वजहें

इस साल टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया किसी सिरदर्द से कम नहीं रही है। टैक्स पेशेवरों ने इस साल कई मुद्दों को हरी झंडी दिखाई, जिसके कारण CBDT को यह फैसला लेना पड़ा:

1. पोर्टल की तकनीकी गड़बड़ियां (Portal glitches):

  • कई उपयोगकर्ताओं ने आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर रिटर्न अपलोड करते समय त्रुटियों, धीमे लॉगिन, और विफलताओं की सूचना दी। वेबसाइट का कछुए की चाल चलना सबसे बड़ी समस्याओं में से एक रहा।

2. डेटा में भारी गड़बड़ी (Data mismatches):

  • वार्षिक सूचना विवरण (AIS) और फॉर्म 26AS के बीच विसंगतियों ने कर क्रेडिट को लेकर भ्रम पैदा कर दिया, जिससे करदाताओं को डेटा का मिलान करने में अतिरिक्त समय खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

3. फॉर्मों का देरी से जारी होना (Delayed forms):

  • अपडेट किए गए ITR फॉर्म और यूटिलिटीज उम्मीद से कहीं ज्यादा देर से जारी किए गए, जिससे करदाताओं को रिटर्न भरने के लिए प्रभावी रूप से एक छोटी खिड़की मिली।

4. ICAI का नया रिपोर्टिंग प्रारूप (New ICAI reporting format):

  • भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (ICAI) द्वारा पेश की गई संशोधित प्रकटीकरण आवश्यकताओं ने अनुपालन के बोझ को और बढ़ा दिया, जिससे CAs के लिए समय पर रिटर्न दाखिल करना मुश्किल हो गया।

चंडीगढ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स टैक्सेशन एसोसिएशन (CCATAX) और अन्य निकायों ने CBDT से इन चुनौतियों पर विचार करने का आग्रह किया था। इन अनुरोधों पर कार्रवाई करते हुए, बोर्ड ने 27 मई, 2025 को एक सर्कुलर जारी कर समय-सीमा को छह सप्ताह के लिए बढ़ा दिया था, और अब इसे और आगे बढ़ाया गया है।

(ध्यान दें: जिन करदाताओं के खातों का ऑडिट होना आवश्यक है, उन्हें अभी भी 30 सितंबर, 2025 तक फाइल करना होगा, क्योंकि उस समय-सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।)


क्यों है समय पर ITR फाइल करना जरूरी?

15 सितंबर की नई समय-सीमा से चूकने पर आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है:

  • धारा 234F के तहत लेट फीस लग सकती है।
  • धारा 234A, 234B, और 234C के तहत ब्याज देना पड़ सकता है।
  • करदाता कुछ प्रकार के नुकसान को आगे ले जाने (carry forward) का विकल्प भी खो सकते हैं।

इस विस्तार के साथ, व्यक्तियों को अब सटीक रिटर्न दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है, लेकिन विशेषज्ञ अंतिम समय में फाइलिंग से बचने की सलाह देते हैं क्योंकि आगे और विस्तार की संभावना नहीं है।

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