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Income Tax Department: सीएम शिंदे का दिल्ली दौरा, IT नोटिस और होटल निविदा पर मचा बवाल

Published On: July 11, 2025
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Income Tax Department: सीएम शिंदे का दिल्ली दौरा, IT नोटिस और होटल निविदा पर मचा बवाल
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Income Tax Department: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बुधवार शाम को अपनी निर्धारित बैठकें रद्द कर दीं और भाजपा (BJP) के प्रमुख नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली (Delhi) रवाना हो गए। यह अचानक यात्रा उनके पार्टी के प्रवक्ता और राज्य मंत्री संजय शिरसाट (Sanjay Shirsat) को पिछले हफ्ते आयकर विभाग (Income Tax Department) से 2019 और 2024 के उनके चुनाव हलफनामों (Election Affidavits) में कथित विसंगतियों (Discrepancies) के लिए नोटिस (Notice) मिलने के बाद हुई। साथ ही, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने इस सप्ताह की शुरुआत में छत्रपति संभाजीनगर (Chhatrapati Sambhajinagar) में विट्स होटल (VITS Hotel) की बोली (Bid) में उनके बेटे सिद्धांत (Siddhant) द्वारा कथित अनियमितताओं की जांच (Probe into Irregularities) की घोषणा की थी। इस पृष्ठभूमि में, शिंदे की दिल्ली यात्रा को राजनीतिक गलियारों (Political Circles) में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) इस समय उबाल पर है।

यह यात्रा उन अफवाहों (Rumours) के बीच हुई जब शिरसाट को IT नोटिस मिला। शिंदे, दिल्ली में इस पूरे घटनाक्रम के बीच प्रमुख BJP नेताओं से मिलने पहुंचे। राजनीतिक विश्लेषकों (Political Analysts) का मानना ​​है कि यह कदम राज्य की राजनीतिक गतिशीलता (Political Dynamics) को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

शिरसाट को IT नोटिस और बेटे के होटल बिड पर जांच: क्या हैं चिंताएं?

शिरसाट (Shirsat) हाल ही में आईटी नोटिस (IT Notice) और विट्स होटल (VITS Hotel) की बोली प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की जांच (Probe into Irregularities) की घोषणा से घिरे हुए हैं। उन्होंने इस साल फरवरी में ही अपने इलेक्शन एफिडेविट में विसंगतियों के चलते आई-टी नोटिस पर क्लेरिफिकेशन (Clarifications) माँगा था। उन्होंने यह भी कहा कि 18 साल पहले जो चीजें मैंने कही थीं, वो मेरी पार्टी के अनुसार थी, अभी मेरे अनुसार मेरी पार्टी का स्टैंड है, वो सही है. 75 वर्ष के होने वाले नेताओं को एक तरफ करने की बयानबाजी ने फिर से वरिष्ठ नेताओं की सेवानिवृत्ति (Retirement of Senior Leaders) की चर्चा शुरू कर दी है। शिरसाट की टिप्पणी के अनुसार यह बयान बीजेपी (BJP) के केंद्रीय नेताओं के तरफ से जारी हुआ है।

यह राजनीतिक विवाद (Political Controversy) कई कोणों से देखा जा रहा है, जिसमें राजनीतिक मंशा (Political Motives) और भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई (Anti-Corruption Action) जैसे मुद्दे शामिल हैं।

जानकार सूत्रों ने HT को बताया कि शिंदे ने देर रात दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से मुलाकात की, हालांकि शिव सेना (Shiv Sena) से कोई आधिकारिक पुष्टि (Official Confirmation) नहीं हुई थी। शिंदे के सहयोगियों (Aides) ने खुलासा किया कि वह शिरसाट (Shirsat) को आईटी विभाग (IT Department) से नोटिस मिलने से नाखुश थे, और विट्स होटल (VITS Hotel) की निविदा प्रक्रिया (Tendering Process) में जांच को लेकर भी चिंतित (Anxious) थे। महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के अंदर चल रही अनबन (Internal Discord) के संकेत मिल रहे हैं।

हालांकि शिंदे ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया, सामाजिक न्याय मंत्री (Social Justice Minister) संजय शिरसाट ने कहा, “आयकर विभाग ने अपना काम किया है। उन्होंने मेरे 2019 और 2024 के हलफनामों (Affidavits) के बारे में कुछ स्पष्टीकरण (Clarifications) मांगे थे। उन्होंने मुझे 9 जुलाई को बुलाया था, लेकिन मैंने और अधिक समय मांगा है। मैं उनकी पूछताछ का जवाब दूंगा।” गुरुवार को, शिरसाट की टिप्पणी कि शिंदे के बेटे श्रीकांत (Shrikant) को भी इसी तरह का नोटिस मिला था, ने पार्टी में हलचल मचा दी, हालांकि पूर्व ने तुरंत अपने बयान को वापस ले लिया। यह घटना मंत्रिमंडल (Cabinet) के भीतर समन्वय (Coordination) की कमी को उजागर करती है।

शिरसाट (Shirsat) विट्स होटल (VITS Hotel) खरीदने के लिए सिद्धांत के बोली (Siddhant’s Bid) पर विवाद में फंसे हुए हैं, जिसके लिए अदालत ने पिछले महीने राज्य सरकार (State Government) से नीलामी (Auction) आयोजित करने को कहा था। उस समय, शिवसेना (यूबीटी) के विपक्ष के नेता अंबादास दानवे (Ambadas Danve) ने अनियमितताओं का आरोप लगाया था, यह कहते हुए कि नीलामी प्रक्रिया को सिद्धांत की कंपनी के पक्ष में प्रबंधित (Managed to Favor Siddhant’s Company)** किया गया था। इसके बाद, शिरसाट (Shirsat) ने घोषणा की कि उनके बेटे ने बोली (Bid) से नाम वापस ले लिया (Withdrawing)। सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) ने इस मुद्दे को फिर से विधान परिषद (Legislative Council) में उठाया, जिसके बाद फडणवीस (Fadnavis) ने जांच की घोषणा की, भले ही शिरसाट ने सौदे में किसी भी अनियमितता (Irregularity in the Deal) से इनकार किया हो। फडणवीस की घोषणा शिरसेना (यूबीटी) की मांग के जवाब में शिंदे को पसंद नहीं आई। यह राजनीतिक शक्ति संघर्ष (Political Power Struggle) को दर्शाता है।

गठबंधन में ‘शीत युद्ध’ या रणनीति? ठाकरे परिवार का एकीकरण!

महाराष्ट्र के पूर्व कांग्रेस प्रमुख ** नाना पटोले (Nana Patole)** ने फडणवीस (Fadnavis) और शिंदे (Shinde) के बीच एक “शीत युद्ध (Cold War)” का संकेत दिया और कहा: “हम जानते हैं कि राज्य में क्या हो रहा है। महायुति (Mahayuti) में आंतरिक गैंगवार (Internal Gangwar) है।” यह बयान राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन (Ruling Alliance) की आंतरिक स्थिति पर प्रकाश डालता है।

Ruling alliance (सत्तारूढ़ गठबंधन) के एक पदाधिकारी ने कहा कि शिंदे (Shinde) भी ठाकरे चचेरे भाईयों (Thackeray Cousins) के फिर से एक होने के राजनीतिक परिणामों (Political Ramifications) पर शीर्ष भाजपा नेताओं (Top BJP Leaders) के साथ चर्चा करने के इच्छुक थे। यह बीजेपी (BJP) में कोई रहस्य नहीं है कि राज (Raj) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बीच सुलह (Rapprochement) से आगामी नगरपालिका चुनावों (Municipal Elections) में शिवसेना (यूबीटी) को वोट मिलेंगे। माना जाता है कि शिंदे, शाह से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) को महायुति (Mahayuti) शिविर में लुभाने (Woo) के लिए दबाव बनाने की उम्मीद कर रहे थे। यह महाराष्ट्र के राजनीतिक गठजोड़ (Maharashtra Political Alliance) को एक नई दिशा दे सकता है।

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