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UPI ऐप पर सबसे बड़ी लूट, सॉफ्टवेयर अपडेट आते ही लोगों के उड़े ₹40 करोड़, जानें कैसे

Published On: September 18, 2025
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UPI ऐप पर सबसे बड़ी लूट, सॉफ्टवेयर अपडेट आते ही लोगों के उड़े ₹40 करोड़, जानें कैसे
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UPI (Unified Payments Interface) ने हमारी जिंदगी को जितना आसान बनाया है, वहीं इसने ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) और साइबर ठगों (Cyber Criminals) के लिए भी नए दरवाजे खोल दिए हैं। इसका एक बेहद चौंकाने वाला और भयावह मामला हाल ही में सामने आया है, जहाँ प्रसिद्ध डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक (MobiKwik) के UPI ऐप में एक तकनीकी गड़बड़ी के कारण आम लोगों ने मात्र 48 घंटों में अपने ₹40 करोड़ गंवा दिए!

यह मामला इस बात की गंभीर चेतावनी है कि कैसे एक छोटा सा सॉफ्टवेयर अपडेट भी ठगों को करोड़ों रुपये लूटने का मौका दे सकता है।

एक सॉफ्टवेयर अपडेट… और लुट गए ₹40 करोड़, जानें ठगों ने कैसे रचा पूरा खेल

यह पूरा गोरखधंधा एक सॉफ्टवेयर अपडेट के कारण हुआ, जिसे कंपनी ने अपने सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए जारी किया था। लेकिन बेहतरी की जगह, इस अपडेट ने कंपनी के सुरक्षा कवच में एक ऐसी बड़ी सेंध लगा दी, जिसका इंतजार शातिर ठग कर रहे थे।

  • क्या थी तकनीकी गड़बड़ी?
    दरअसल, यह एक गलत सॉफ्टवेयर अपडेट था, जिसके कारण कंपनी का सिक्योरिटी चेक ही डिसेबल हो गया। आसान भाषा में समझें तो, ट्रांजैक्शन को प्रमाणित (authenticate) करने वाले सुरक्षा प्रोटोकॉल ने काम करना बंद कर दिया।
  • ठगों को मिला सुनहरा मौका:
    बस इसी मौके के इंतजार में बैठे ठगों का एक संगठित गिरोह सक्रिय हो गया और उन्होंने ताबड़तोड़ लोगों के मोबिक्विक UPI से पैसे निकालने शुरू कर दिए।
  • गलत पासवर्ड, जीरो बैलेंस पर भी ट्रांजैक्शन सक्सेसफुल!
    पुलिस जांच में इस धोखाधड़ी का जो तरीका सामने आया, वह दिल दहला देने वाला है।
    • तकनीकी खराबी इतनी गंभीर थी कि बैंक या वॉलेट में जीरो बैलेंस (Zero Balance) होने पर भी ट्रांजैक्शन सफल हो रहा था!
    • यही नहीं, ऐप में गलत UPI पिन या पासवर्ड डालने पर भी पैसे ट्रांसफर हो रहे थे!

ठगों ने जानबूझकर इस खामी का फायदा उठाते हुए मोबिक्विक ऐप से अलग-अलग बैंक खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर कर दिए।

पुलिस की कार्रवाई: हरियाणा से 6 गिरफ्तार, ₹9 लाख बरामद

जैसे ही कंपनी को इस भारी धोखाधड़ी का पता चला, उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। मामले की जांच करते हुए, पुलिस ने हरियाणा के नूंह और पलवल जैसे इलाकों से 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों के खातों से चोरी किए गए ₹9 लाख भी बरामद किए गए हैं। हालांकि, अधिकारियों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए ट्रांसफर किए गए लगभग ₹8 करोड़ को फ्रीज भी कर दिया था।

अभी भी ₹26 करोड़ की रिकवरी बाकी

मोबिक्विक के एक प्रवक्ता ने बताया कि अब तक चोरी हुई राशि में से ₹14 करोड़ वापस मिल चुके हैं, और बाकी रकम को भी जल्द से जल्द वापस लाने की कोशिश की जा रही है।

  • कंपनी को फिलहाल कुल ₹26 करोड़ का सीधा नुकसान हुआ है, जिसकी रिकवरी अभी बाकी है।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि इस धोखाधड़ी का तरीका इतना जटिल है कि यह बिना किसी अंदरूनी मिलीभगत (internal conspiracy) के संभव नहीं है। पुलिस और बैंक मिलकर बाकी पैसे को ट्रैक करने में जुटे हैं।

कंपनी ने क्या कहा और आपके लिए क्या है सबक?

मोबिक्विक ने अपने यूजर्स को भरोसा दिलाया है कि वे अपने सिस्टम को और भी मजबूत करने पर काम कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो। कंपनी ने ग्राहकों को भी कुछ सलाह दी है:

  • सतर्क रहें: अपने बैंक खातों और UPI ट्रांजैक्शन की नियमित रूप से जांच करते रहें।
  • अज्ञात लिंक्स से बचें: किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें या अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
  • अलग-अलग खातों को एक UPI से न जोड़ें: सुरक्षा के लिहाज से, अपने मुख्य बैंक खाते को कई सारे ऐप्स से लिंक करने से बचें।

यह घटना हम सभी के लिए एक बड़ी सीख है कि डिजिटल सुविधा के साथ-साथ हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने की भी जरूरत है, क्योंकि एक छोटी सी चूक भी हमारी मेहनत की कमाई को पल भर में खत्म कर सकती है।

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