HDFC बैंक ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1 FY26) के अपने समेकित नतीजे (Consolidated Results) घोषित किए हैं। नतीजों के अनुसार, बैंक का समेकित शुद्ध लाभ (Consolidated Net Profit) घटकर ₹16,258 करोड़ हो गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि (YoY) के ₹16,475 करोड़ की तुलना में थोड़ी सी कमी दर्शाता है। यह गिरावट तब दर्ज की गई जब कंपनी ने अपनी सहायक HDB Financial Services (HDB FS) के IPO (Initial Public Offering) से ₹9,128 करोड़ का एकमुश्त प्री-टैक्स लाभ (One-time Pre-tax Gain) दर्ज किया था।
सब-लाइन प्रदर्शन पर प्रोविजन्स का असर, ₹14,442 करोड़ की लागत:
बैंक के सब-लाइन प्रदर्शन (Subdued Bottom-line Performance) का एक मुख्य कारण यह है कि बैंक ने कुल ₹14,442 करोड़ के प्रोविजन्स (Total Provisions) बनाए हैं। इसमें ₹9,000 करोड़ के फ्लोटिंग प्रोविजन्स (Floating Provisions) और ₹1,700 करोड़ के आकस्मिक बफर (Contingent Buffers) शामिल हैं। ये प्रोविजन्स संभावित संपत्ति गुणवत्ता दबाव (Potential Asset Quality Pressure) को लेकर बैंक की सतर्कता (Caution) को दर्शाते हैं, जो भविष्य के जोखिमों से निपटने के लिए एक आवश्यक कदम है।
HDB IPO के बाद शेयरधारिता में बदलाव, पर मुख्य व्यवसायों पर फोकस:
अपनी सहायक कंपनी HDB Financial Services के IPO के बाद, HDFC बैंक की हिस्सेदारी पिछले तिमाही के 94.32% से घटकर 30 जून, 2025 तक 74.19% रह गई है। यह कदम, कंपनी की मुख्य व्यवसाय (Core Business), जैसे कि कोर इंफ्रास्ट्रक्चर (Core Infrastructure), पर अपने फोकस को और तेज करने (Sharpen its Focus) की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
स्टैंडअलोन प्रदर्शन और नेट इंटरेस्ट इनकम (NII):
तिमाही के लिए बैंक की स्टैंडअलोन नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 5.4% बढ़कर ₹31,438 करोड़ हो गई। यह बैंक की कोर आय उत्पन्न करने की क्षमता (Core Income Generating Capacity) में सुधार का संकेत देता है, जो प्रमुख वित्तीय प्रदर्शन संकेतकों (Key Financial Performance Indicators) में से एक है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने YES बैंक के बदले YES बैंक (YES Bank) नहीं, बल्कि HDFC बैंक के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड और बेसल III टियर II बॉन्ड (कुल ₹24,460.80 करोड़) को ‘ICRA AA- / स्टेबल’ (Stable) में अपग्रेड किया है। यह अपग्रेड बैंक के संचालन के बढ़ते पैमाने (Growing Scale of Operations), बढ़ी हुई लोन बुक (Healthier Loan Book), लगातार तनावग्रस्त परिसंपत्तियों में कमी (Continued Reduction in Stressed Assets), और आस्थिर आय और पूंजी स्थिति (Stability to Earnings and Capital Position) प्रदान करने वाले कारकों के कारण हुआ है। ICRA ने सुरक्षा प्राप्तियों से स्थिर वसूली (Steady Recoveries from Security Receipts) की भी प्रशंसा की, जिसने हाल की तिमाहियों में लाभप्रदता को बढ़ावा दिया।
शेयरों की चाल और भविष्य के अनुमान:
HDFC बैंक के शेयर ने आज, 16 जुलाई 2025 को, 3.3% की तेजी के साथ ₹20.65 का इंट्रा-डे उच्च स्तर (Intraday High) दर्ज किया। यह शेयर जुलाई 2024 में दर्ज अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर ₹27.20 से 24% नीचे है। हालाँकि, यह मार्च 2025 में ₹16.02 के 52-सप्ताह के निम्न स्तर (52-Week Low) को भी छू चुका है। पिछले एक साल में, शेयर में 22% की गिरावट आई है, लेकिन 2025 में साल-दर-तारीख (Year-to-date) आधार पर 5% की मामूली बढ़त दर्ज की गई है।
विश्लेषकों का मानना ‘होल्ड’ या ‘बाय’:
Nuvama, Axis Capital, Morgan Stanley, Jefferies, और Nomura जैसी ब्रोकरेज फर्मों ने HDFC बैंक पर ‘खरीदें’ (Buy) या ‘ओवरवेट’ (Overweight) रेटिंग बनाए रखी है, भले ही 34 में से 34 विश्लेषकों ने ‘खरीदें’ की सिफारिश की है, जबकि दो ने ‘बेचें’ (Sell) और एक ने ‘होल्ड’ (Hold) की। उनका मानना है कि बैंक का दीर्घकालिक दृष्टिकोण (Long-term Outlook) मजबूत बना हुआ है, खासकर नए जमाओं (Deposit Growth) और संपत्ति गुणवत्ता प्रबंधन (Asset Quality Management) में।
क्या निवेश करें? यहाँ है सब कुछ:
हालांकि Q1 के नतीजों में मुनाफे में थोड़ी गिरावट आई है, और प्रोविजन्स बढ़े हैं, फिर भी बैंक का मजबूत फंडामेंटल, विस्तार करने वाली लोन बुक, और कुशल लागत प्रबंधन इसे निवेश के लिए आकर्षक (Attractive for Investment) बनाते हैं। यह उन निवेशकों के लिए है जो बैंकिंग क्षेत्र (Banking Sector) में स्थिर और दीर्घकालिक विकास (Stable and Long-term Growth) की तलाश में हैं।