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HDFC Bank Vs ICICI Bank: Q1 नतीजों के बाद कौन सा बैंक है 2025 के लिए बेहतर दांव

Published On: September 1, 2025
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HDFC Bank Vs ICICI Bank: Q1 नतीजों के बाद कौन सा बैंक है 2025 के लिए बेहतर दांव
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बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) पिछले कुछ समय से भारी दबाव में है, और पिछले 3 महीनों में निफ्टी बैंक इंडेक्स (Nifty Bank Index) में लगभग 4% की गिरावट आई है। हालांकि, कुछ प्रमुख लार्ज-कैप प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने इस दबाव के बावजूद इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है। अगर हम बैंक सेक्टर के शेयरों की सूची देखें, तो दो नाम प्रमुखता से सामने आते हैं – एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)

दोनों ही बैंकों ने अपनी पहली तिमाही (Q1FY26) के नतीजों में बाजार के अनुमानों को पीछे छोड़ा है, और लगभग सभी प्रमुख ब्रोकरेज हाउसों की टॉप बैंकिंग पिक्स में ये दोनों स्टॉक प्रमुखता से शामिल हैं। ऐसे में निवेशकों के मन में यह बड़ा सवाल है कि 2025 के लिए इन दोनों में से कौन सा बैंक बेहतर दांव हो सकता है?

आइए, शेयर की कीमत की चाल से लेकर मार्जिन और आय प्रदर्शन तक, इन दो अग्रणी निजी बैंकों के प्रमुख मापदंडों की एक त्वरित और विस्तृत तुलना करते हैं।


HDFC Bank Vs ICICI Bank: शेयर की कीमत का प्रदर्शन (Share price performance)

  • HDFC बैंक: एचडीएफसी बैंक का शेयर पिछले 1 महीने में 5% गिरा है, लेकिन स्टॉक ने 6 महीनों में 10% का रिटर्न दिया है और पिछले एक साल में 17% से अधिक बढ़ा है।
  • ICICI बैंक: आईसीआईसीआई बैंक का शेयर पिछले 1 महीने में लगभग 6% गिरा है। 6 महीने के आधार पर, शेयरों ने लगभग 16% का रिटर्न दिया है और 1 साल के आधार पर, स्टॉक 13.5% बढ़ा है।
  • निष्कर्ष: 6 महीने के प्रदर्शन में आईसीआईसीआई बैंक थोड़ा आगे है, लेकिन 1 साल के आधार पर एचडीएफसी बैंक ने बेहतर रिटर्न दिया है, जो लंबी अवधि में इसकी स्थिरता को दर्शाता है।

HDFC Bank Vs ICICI Bank: एसेट क्वालिटी (Asset quality stable)

दोनों ही बैंकों ने अपनी एसेट क्वालिटी को मजबूत बनाए रखा है।

  • HDFC बैंक: एचडीएफसी बैंक ने FY25 में 0.4% और Q1FY26 में 0.5% के नेट एनपीए (NPA) अनुपात के साथ मजबूत संपत्ति की गुणवत्ता बनाए रखी है। बैंक के पास ₹21,400 करोड़ का फ्लोटिंग प्रावधान और ₹15,200 करोड़ का आकस्मिक प्रावधान है, जो किसी भी संकट से निपटने के लिए एक बड़ा बफर प्रदान करता है।
  • ICICI बैंक: आईसीआईसीआई बैंक के लिए Q1FY26 का नेट एनपीए अनुपात 0.41% था, जो Q1FY25 के 0.43% से एक मामूली सुधार है। यह बैंक की स्थिर संपत्ति की गुणवत्ता को इंगित करता है, और यह ₹13,100 करोड़ (ऋण का 1%) का आकस्मिक प्रावधान बफर बनाए हुए है।

HDFC Bank Vs ICICI Bank: मार्जिन का गणित (Margins stack up)

हालिया दर कटौती (rate cut) के कारण दोनों बैंकों के मार्जिन में कुछ कमी आई है।

  • HDFC बैंक: Q1FY26 में HDFC बैंक ने 9.5% पर 10 बीपीएस QoQ NIM (नेट इंटरेस्ट मार्जिन) में संकुचन दर्ज किया। मोतीलाल ओसवाल के अनुमानों के अनुसार, “केवल 45% ऋण रेपो दर से जुड़े होने और महंगे उधार में चल रही कमी के साथ, HDFC बैंक मध्यम अवधि में मार्जिन प्रभाव का प्रबंधन करने के लिए अच्छी स्थिति में है।”
  • ICICI बैंक: आईसीआईसीआई बैंक ने Q1FY26 में 4.34% पर 7 बीपीएस QoQ का अपेक्षाकृत नियंत्रित NIM गिरावट दर्ज की, जबकि कई प्रतिस्पर्धियों द्वारा दो अंकों के संकुचन की सूचना दी गई थी। मोतीलाल ओसवाल ने संकेत दिया कि “बैंक के प्रौद्योगिकी में निवेश के परिणामस्वरूप लगातार उत्पादकता लाभ और लागत अनुपात में स्थिर सुधार हुआ है।”

स्लिपेज: एक चिंता का विषय? (Slippages a concern?)

दोनों बैंकों के स्लिपेज (slippages) यानी नए खराब ऋणों में थोड़ी वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण कृषि ऋणों में मौसमी स्लिपेज है। हालांकि, दोनों ही बैंकों का सकल स्लिपेज मोटे तौर पर स्थिर था, जो एक सकारात्मक संकेत है।


HDFC Bank Vs ICICI Bank: ब्रोकरेज की राय और टारगेट प्राइस

प्रमुख ब्रोकरेज हाउस दोनों शेयरों के लिए महत्वपूर्ण उछाल देखते हैं।

  • सबसे हालिया जेफरीज (Jefferies) रिपोर्ट दोनों शेयरों के लिए 20% से अधिक की तेजी देखती है।
  • मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) भी दोनों बैंकों के लिए 14-17% की सीमा में तेजी देखता है, और ये दोनों समग्र वित्तीय क्षेत्र में उनकी शीर्ष पसंद में से हैं।
ब्रोकरेज फर्मHDFC Bank (Target Price)ICICI Bank (Target Price)
Jefferies₹2,400₹1,760
Motilal Oswal₹2,300₹1,670

निष्कर्ष: HDFC बैंक अपनी मजबूत एसेट क्वालिटी और विशाल प्रावधान बफर के कारण स्थिरता की तलाश करने वाले निवेशकों के लिए एक सुरक्षित दांव हो सकता है। दूसरी ओर, ICICI बैंक अपनी प्रौद्योगिकी-संचालित दक्षता और नियंत्रित मार्जिन के कारण थोड़ी अधिक ग्रोथ की संभावना प्रदान कर सकता है। दोनों ही बैंक मजबूत स्थिति में हैं, और चुनाव निवेशक की जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश के नजरिए पर निर्भर करेगा।


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