भारत में दोपहिया वाहन बाजार (Two-wheeler market in India) में जल्द ही एक बड़ा बदलाव आने वाला है। प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (GST) में व्यापक सुधार (GST overhaul) के तहत, छोटी क्षमता वाले दोपहिया वाहन (Small capacity two-wheelers) अब अधिक किफायती हो सकते हैं, जबकि 350cc से ऊपर की बड़ी बाइक्स (Big bikes above 350cc) के लिए आपको अपनी जेब और ढीली करनी पड़ सकती है। यह खबर उन सभी बाइक प्रेमियों (Bike enthusiasts), संभावित खरीदारों (Potential buyers) और ऑटोमोबाइल उद्योग (Automobile industry) से जुड़े लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो भारत में आगामी जीएसटी दरों (Upcoming GST rates in India) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
छोटी बाइक्स के लिए राहत, बड़ी बाइक्स पर बोझ
वर्तमान में, 350cc तक की मोटरसाइकिलें और स्कूटर 28% जीएसटी दर (28% GST rate) के अधीन हैं। प्रस्तावित बदलावों के अनुसार, यह दर घटाकर 18% कर दी जाएगी, जिससे ये वाहन उपभोक्ताओं के लिए अधिक सुलभ हो जाएंगे। यह कदम निश्चित रूप से प्रवेश-स्तर के दोपहिया सेगमेंट (Entry-level two-wheeler segment) को बढ़ावा देगा, जो भारतीय बाजार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
हालांकि, 350cc और उससे अधिक क्षमता वाले इंजनों (Engine capacity above 350cc) वाली मोटरसाइकिलों के खरीदारों को झटका लग सकता है। नई योजना के तहत, इन “बड़ी बाइक्स” या “प्रीमियम मोटरसाइकिलों” (Premium motorcycles) पर 40% की भारी जीएसटी दर (40% GST rate) लगने की संभावना है। इसका सीधा असर उनकी ऑन-रोड कीमत (On-road price of bikes) पर पड़ेगा, जिससे वे काफी महंगी हो जाएंगी।
GST 2.0: सरकार का नया दृष्टिकोण
भारत सरकार ने 2017 में जीएसटी व्यवस्था (GST regime) की शुरुआत चार-स्लैब टैक्स संरचना के साथ की थी: 5%, 12%, 18% और 28%। प्रस्तावित बदलाव एक व्यापक प्रयास का हिस्सा है जिसका उद्देश्य जीएसटी को सरल बनाना है। इसमें 12% और 28% स्लैब को खत्म करके केवल दो मानक दरों – आवश्यक वस्तुओं के लिए 5% और सामान्य वस्तुओं के लिए 18% – के साथ आगे बढ़ने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त, “सिन गुड्स” (Sin goods) और लक्जरी वस्तुओं (Luxury items) जैसे प्रीमियम कारों और मोटरसाइकिलों के लिए 40% की विशेष दर प्रस्तावित की गई है।
ये सुधार अभी तक लागू नहीं किए गए हैं, लेकिन जीएसटी परिषद (GST Council) की आगामी सितंबर बैठक में इन पर आगे चर्चा की जाएगी। यह बैठक भारत के टैक्स ढांचे (India’s tax structure) और ऑटोमोबाइल उद्योग के भविष्य (Future of automobile industry) के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
GST 2.0 का खरीदार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
वर्तमान प्रणाली में, 350cc और उससे अधिक के दोपहिया वाहनों पर 28% जीएसटी के साथ 3% अतिरिक्त सेस (Cess) लगता है, जिससे प्रभावी टैक्स 31% हो जाता है। छोटी बाइक्स और स्कूटर पर बिना सेस के 28% चार्ज लगता है। संशोधित जीएसटी संरचना छोटी क्षमता वाले दोपहिया वाहनों के लिए स्लैब को 18% तक ला सकती है, जबकि 350cc से ऊपर की बाइक्स पर विशेष 40% दर से टैक्स लगने की संभावना है।
यदि इसे लागू किया जाता है, तो नई जीएसटी व्यवस्था का सीधा असर ऑन-रोड कीमत पर पड़ेगा। सभी वाहनों की एक्स-शोरूम कीमत (Ex-showroom price) में जीएसटी शामिल होता है, और टैक्स दरों में कोई भी बदलाव सीधे कीमत और खरीदार की अंतिम लागत को प्रभावित करेगा। मूल कम्यूटर बाइक्स (Commuter bikes) और स्कूटर (Scooters) यदि नई 18% जीएसटी दर पारित हो जाती है, तो वे अधिक किफायती हो जाएंगे, जिससे एक्स-शोरूम कीमतों में कमी आने की संभावना है।
यह मांग को बढ़ावा देने के लिए तैयार है क्योंकि भारत में दोपहिया वाहनों की अधिकांश बिक्री एंट्री-लेवल मॉडल (Entry-level models) में केंद्रित है। 40% स्लैब और अतिरिक्त क्षतिपूर्ति सेस के साथ बड़ी बाइक्स और लक्जरी मॉडल (Luxury models) अधिक महंगे हो सकते हैं, यदि निर्माता लागत को खरीदार तक पहुंचाता है।
किन ब्रांडों को मिलेगा फायदा?
जबकि ऑटो सेक्टर (Auto sector) ने बड़े पैमाने पर नए प्रस्ताव के लिए समर्थन व्यक्त किया है, ओईएम (OEMs) पर बड़े प्रभाव उनके मॉडलों की सटीक इंजन क्षमता (Engine capacity) के आधार पर अलग-अलग होंगे। क्लासिक लीजेंड्स (Classic Legends) के तहत जावा-येज़दी (Jawa-Yezdi), साथ ही होंडा (Honda) और रॉयल एनफील्ड (Royal Enfield) जैसे ब्रांडों को संशोधित संरचना से लाभ होने की संभावना है, क्योंकि उनके अधिकांश मॉडल 334 सीसी और 349 सीसी के बीच आते हैं, जो 350 सीसी कटऑफ से ठीक नीचे है। रॉयल एनफील्ड की प्रीमियम रेंज (Royal Enfield premium range), जो 450 सीसी और 650 सीसी के बीच आती है, 40% दर के साथ अतिरिक्त सेस के साथ महंगी होने की उम्मीद है।
चेन्नई स्थित निर्माता अभी भी बजाज-ट्रायम्फ (Bajaj-Triumph) और हार्ले-हीरो (Harley-Hero) से सीधी प्रतिस्पर्धा के बावजूद सबसे अधिक लाभ उठाने के लिए तैयार है, जिनके पास 350 सीसी से बड़े इंजन वाली मोटरसाइकिलें हैं।
बजाज ऑटो (Bajaj Auto) 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिलों की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करती है, दोनों इन-हाउस और विदेशी ब्रांडों के सहयोग से। बजाज पल्सर NS400Z (Bajaj Pulsar NS400Z), जो 373 सीसी सिंगल-सिलेंडर इंजन द्वारा संचालित है, भारत की सबसे किफायती 40+ bhp बाइक के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने के बाद अपनी बिक्री के आंकड़ों में गिरावट देख सकती है। 350 सीसी से अधिक विस्थापन वाले बजाज-केटीएम (Bajaj-KTM) मॉडल प्रभावित होंगे, लेकिन भारत में ऑस्ट्रियाई ब्रांड की बिक्री मुख्य रूप से उसकी छोटी बाइक्स द्वारा समर्थित है।
बजाज-केटीएम द्वारा उत्पादित हुस्कर्ण (Husqvarna) रेंज दोनों छोर पर प्रभावित होगी। विटपिलन 250 (Vitpilen 250) नए प्रस्ताव के तहत 18% जीएसटी दर के साथ सस्ता हो जाएगा। कैफे रेसर की वर्तमान एक्स-शोरूम कीमत ₹2.19 लाख है, जो प्रस्तावित 18% स्लैब के साथ लगभग ₹2.01 लाख हो जाएगी। दूसरी ओर, स्वार्टपिलन 401 (Svartpilen 401) की एक्स-शोरूम कीमत वर्तमान ₹2.92 लाख से बढ़कर लगभग ₹3.20 लाख हो जाएगी।