Gold Price Today: सोने की कीमतों ने एक बार फिर नया इतिहास रच दिया है। मंगलवार को घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमतें अब तक के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं, जिसने निवेशकों और आम खरीदारों, दोनों को हैरान कर दिया है। 10 ग्राम सोने का भाव ₹1,10,000 के मनोवैज्ञानिक आंकड़े को पार कर गया, जो देश में सोने की कीमत का एक नया कीर्तिमान है। यह अभूतपूर्व तेजी वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतों में आए उछाल का सीधा परिणाम है, जहां डॉलर की कमजोरी और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोने ने निवेशकों के लिए एक बार फिर ‘सेफ हेवन’ (Safe Haven) यानी सबसे सुरक्षित निवेश होने का अपना रुतबा साबित किया है।
वायदा बाजार में सोने का नया कीर्तिमान: ₹1,10,047 प्रति 10 ग्राम
घरेलू मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतों में मंगलवार को जबरदस्त उछाल देखने को मिला।
- दिसंबर डिलीवरी वायदा: MCX पर दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के वायदा अनुबंध की कीमत ₹458 (0.41%) की भारी बढ़त के साथ ₹1,10,047 प्रति 10 ग्राम के अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर (All-Time High) पर पहुंच गई।
- अक्टूबर डिलीवरी वायदा: वहीं, सबसे ज्यादा ट्रेड किए जाने वाले अक्टूबर डिलीवरी वाले सोने के वायदा अनुबंध की कीमत में भी ₹482 (0.44%) का उछाल आया और यह ₹1,09,000 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड शिखर पर पहुंच गया।
यह ऐतिहासिक उछाल दर्शाता है कि निवेशक मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में सोने को सबसे भरोसेमंद संपत्ति के रूप में देख रहे हैं।
आसमान छू रही हैं सोने की कीमतें, जानें इसके पीछे के 3 बड़े कारण
सोने की कीमतों में इस सुनामी जैसी तेजी के पीछे कई वैश्विक कारक जिम्मेदार हैं। रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट, जिगर त्रिवेदी के अनुसार, इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद:
सोने की कीमतों में तेजी का सबसे बड़ा कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस साल के अंत तक ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदें हैं। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो बॉन्ड और फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज पर रिटर्न कम हो जाता है, जिससे निवेशक सोने की ओर आकर्षित होते हैं। - अमेरिका में कमजोर श्रम बाजार के आंकड़े:
पिछले शुक्रवार को अमेरिका में जारी हुए कमजोर नौकरियों के आंकड़ों (Weak US Jobs Report) ने इन अटकलों को और हवा दी है। इन आंकड़ों के बाद, बाजारों ने यह अनुमान लगाना शुरू कर दिया है कि फेडरल रिजर्व इस साल तीन बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जिसमें अगले सप्ताह होने वाली फेड की नीतिगत बैठक में 25 आधार अंकों की कटौती भी शामिल है। - अमेरिकी डॉलर में कमजोरी:
जब अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है, तो अन्य मुद्राओं वाले देशों के लिए सोना खरीदना सस्ता हो जाता है, जिससे इसकी मांग बढ़ जाती है। अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों के कारण डॉलर में गिरावट आई है, जिसका सीधा फायदा सोने की कीमतों को मिला है।
सिर्फ भारत ही नहीं, वैश्विक बाजार में भी सोना बना ‘सुल्तान’
सोने की यह चमक सिर्फ भारतीय बाजारों तक ही सीमित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने ने नया रिकॉर्ड बनाया है।
- विदेशी बाजारों में, कॉमेक्स (COMEX) गोल्ड फ्यूचर्स में दिसंबर डिलीवरी के लिए सोना $3,694.75 प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
यह वैश्विक रुझान स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता के इस दौर में, दुनिया भर के निवेशक इक्विटी और अन्य जोखिम भरी संपत्तियों के बजाय सोने जैसे सुरक्षित निवेश की ओर भाग रहे हैं।
निवेशकों के लिए यह एक शानदार अवसर हो सकता है, लेकिन आम खरीदारों, खासकर त्योहारी और शादी के सीजन में सोना खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए यह एक बड़ी चुनौती भी है। आने वाले दिनों में सोने की कीमतें किस ओर जाएंगी, यह काफी हद तक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसलों और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगा।