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2 अगस्त को नहीं होगा ग्लोबल ब्लैकआउट, जानिए NASA का पूरा सच सोलर एक्लिप्स को लेकर

Published On: August 2, 2025
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2 अगस्त को नहीं होगा ग्लोबल ब्लैकआउट, जानिए NASA का पूरा सच सोलर एक्लिप्स को लेकर
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सोलर एक्लिप्स अलर्ट: 2 अगस्त को ‘6 मिनट के संपूर्ण अंधकार’ वाली खबर निकली झूठी, नासा का बड़ा खुलासा: असली ग्रहण 2027 में, जानिए कब और कहाँ दिखेगा

आजकल सोशल मीडिया पर एक ऐसी झूठी खबर तेजी से फैल रही है कि 2 अगस्त, यानी आज, एक सोलर एक्लिप्स (Solar Eclipse) के कारण पूरी दुनिया 6 मिनट के लिए पूरी तरह से अंधेरे में डूब जाएगी। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स तो यहाँ तक दावा कर रही हैं कि यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है और ऐसा एक सदी तक दोबारा नहीं होगा, जिसने लोगों में जिज्ञासा के साथ-साथ डर भी पैदा कर दिया है। लेकिन, विशेषज्ञों ने इसकी पुष्टि की है कि यह एक धोखा (hoax) है। 2025 में कोई ग्लोबल ब्लैकआउट नहीं आने वाला है। असल में, नासा (NASA) के खगोलीय रिकॉर्ड्स के अनुसार, इस परिमाण (magnitude) का अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण 2 अगस्त, 2027 को निर्धारित है, न कि 2025 में, जैसा कि वायरल दावों और अफवाहों में फैलाया जा रहा है। आइए जानते हैं इस खगोलीय घटना के इर्द-गिर्द फैले ‘बज़’ के बारे में पूरी सच्चाई।

नासा के रिकॉर्ड्स: 2 अगस्त 2025 को कोई सोलर एक्लिप्स नहीं
नासा के खगोलीय आंकड़ों के अनुसार, इस परिमाण का अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण 2 अगस्त, 2027 को होगा, न कि 2025 में जैसा कि वायरल दावों और अफवाहों में कहा जा रहा है। इसके अलावा, यह घटना निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होगी, लेकिन यह पूरी दुनिया को अंधेरे में नहीं डूबोएगी

  • ग्रहण का पथ: ग्रहण का यह मार्ग (path of totality), जहाँ सूर्य पूरी तरह से चंद्रमा द्वारा अवरुद्ध (blocked) हो जाएगा, लगभग 160 मील (258 किमी) चौड़ा होगा। यह 11 देशों को कवर करेगा, जिनमें स्पेन, जिब्राल्टर, मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया, मिस्र, सूडान, सऊदी अरब, यमन, और सोमालिया शामिल हैं।
  • स्थानीय प्रभाव: इस पथ के भीतर रहने वाले लोग दिन के उजाले में थोड़ी देर के लिए आकाश को अंधेरे में पाएंगे, जिससे एक नाटकीय गोधूलि (dramatic twilight) जैसा प्रभाव बनेगा। इस पथ के बाहर के क्षेत्रों में आंशिक ग्रहण (partial eclipse) दिखाई दे सकता है, लेकिन कोई ब्लैकआउट नहीं होगा

‘सदी का ग्रहण’ – 2027 में 6 मिनट से अधिक का अंधकार:
2 अगस्त, 2027 के पूर्ण सूर्य ग्रहण को “सदी का ग्रहण” (Eclipse of the Century) कहा जा रहा है क्योंकि यह 21वीं सदी में भूमि पर सबसे लंबी कुल अवधि (longest duration of totality) प्रदान करेगा – जो 6 मिनट 22 सेकंड तक रहेगी, जो 1991 के बाद का सबसे लंबा ग्रहण होगा।

पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान क्या होता है?
एक पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सीधे पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। इस खगोलीय गति के परिणामस्वरूप, सूर्य का प्रकाश अवरुद्ध हो जाता है, जिससे पृथ्वी के कुछ हिस्सों पर छाया पड़ती है। पूर्णता (totality) के दौरान, दर्शक सूर्य के कोरोना (corona – उसकी बाहरी परत) को देख सकते हैं, जो आमतौर पर सूर्य की चकाचौंध के कारण छिपा रहता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण केवल भूमि की एक संकीर्ण पट्टी से दिखाई देते हैं, और इनकी अवधि आमतौर पर कुछ ही मिनटों की होती है।

21 सितंबर 2025 को आंशिक ग्रहण:
जबकि 2025 में कोई पूर्ण ग्रहण नहीं होगा, 21 सितंबर, 2025 को एक आंशिक सूर्य ग्रहण (partial solar eclipse) अपेक्षित है। इस घटना के दौरान, चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से अस्पष्ट करेगा, जिससे ऐसा प्रतीत होगा जैसे सूर्य का एक “टुकड़ा” खा लिया गया हो। यह आंशिक ग्रहण न तो अंधकार का कारण बनेगा, और न ही यह विश्व स्तर पर दिखाई देगा।

अफवाहों से बचें, नासा की जानकारी पर भरोसा करें:
यह महत्वपूर्ण है कि लोग सोशल मीडिया पर फैल रही झूठी अफवाहों से बचें और विश्वसनीय स्रोतों, जैसे नासा, से खगोलीय घटनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें। 2025 में कोई ‘6 मिनट का वैश्विक अंधकार’ नहीं होगा।

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