देवभूमि उत्तराखंड एक बार फिर कुदरत के रौद्र रूप का सामना कर रही है। उत्तरकाशी जिले में बादल फटने (Uttarkashi Cloudburst) के बाद आई विनाशकारी आकस्मिक बाढ़ (Flash Flood) ने ऊंचाई पर बसे धारली गांव में भीषण तबाही मचाई है। पानी और मलबे का एक विशाल सैलाब कुछ ही सेकंड में पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले गया, जिससे इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं और कई लोग बह गए। इस आपदा ने एक बार फिर हिमालयी क्षेत्र की संवेदनशीलता और प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे को उजागर कर दिया है।
धारली गांव, जो गंगोत्री (गंगा का स्रोत) के मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और कई होटलों, रेस्तरां और होमस्टे का घर है, अब मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है। अधिकारियों के अनुसार, गांव का लगभग आधा हिस्सा कीचड़, मलबे और पानी के सैलाब में दफन हो गया है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इस जल प्रलय में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग लापता हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। बचाव दल नाजुक हिमालयी इलाके में भारी चुनौतियों के बीच राहत कार्य में जुटे हुए हैं।
आपदा की पूरी कहानी: 10 बड़े अपडेट्स
- सेना का बड़ा बचाव अभियान: भारतीय सेना की टीमें धारली और पास के सुखी टॉप इलाके में बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान (Rescue Operations) चला रही हैं। लापता लोगों की तलाश सर्वोच्च प्राथमिकता है।
- अवरुद्ध सड़कें, थमा जीवन: उत्तरकाशी में बादल फटने के कारण आई आकस्मिक बाढ़ और भूस्खलन (Landslides) के बाद, उत्तरकाशी-हर्षिल राजमार्ग कई हिस्सों में अवरुद्ध हो गया है, जिससे बचाव कार्यों में बाधा आ रही है।
- मशीनरी से हटाया जा रहा मलबा: संपर्क बहाल करने और मलबे को साफ करने के लिए जेसीबी (JCB) और अन्य भारी मशीनरी को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ (NDRF) की एक टीम को भी मौके पर भेजा गया है।
- प्राचीन मंदिर मलबे में दफन: इस आपदा में एक बड़ा सांस्कृतिक नुकसान भी हुआ है। खीर गंगा नदी में आई बाढ़ के मलबे में प्राचीन कल्प केदार मंदिर पूरी तरह से दब गया है।
- केंद्र और राज्य का समन्वय: प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से धारली आपदा और चल रहे राहत कार्यों के बारे में बात की। उत्तराखंड सीएमओ ने बताया कि सीएम धामी ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि भारी बारिश की चुनौतियों के बावजूद सभी एजेंसियां समन्वय में काम कर रही हैं, और पीएम ने पूर्ण केंद्रीय समर्थन का आश्वासन दिया है।
- मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण: स्थिति का जायजा लेने के लिए सीएम धामी खुद मौके पर पहुंचे और उत्तरकाशी के धारली में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।
- डूबा हर्षिल का हेलीपैड: उत्तराखंड के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने बताया है कि हर्षिल का हेलीपैड पानी में डूब गया है। मौसम में सुधार होने के बाद 4-5 हेलिकॉप्टरों के साथ बचाव के प्रयास फिर से शुरू किए जाएंगे।
- सेना के जवान लापता: हर्षिल में बचाव प्रयासों के दौरान, भारतीय सेना के 9 जवान लापता हो गए, जबकि 2 को सुरक्षित बचा लिया गया है। उनकी तलाश जारी है।
- मौसम विभाग की चेतावनी: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य भर में, विशेषकर पहाड़ी जिलों में, भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है, जिससे और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।
- स्कूल-कॉलेज बंद: IMD की भारी बारिश की चेतावनी के बाद उत्तराखंड सरकार ने अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली और रुद्रप्रयाग में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया है।
एनडीआरएफ के डीआईजी, मोहसिन शाहिदी ने कहा, “आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, बीआरओ की टीमें मौके पर बचाव अभियान चला रही हैं। लगभग 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। हमारी तीन टीमें रास्ते में हैं और सड़क के खुलते ही वे मौके पर पहुंच जाएंगी। पंत नगर, गौचर और जोशीमठ में हमारी टीमें स्टैंडबाय पर हैं। मौसम में सुधार होते ही उन्हें भेजा जाएगा।”







