चेन्नई/भारत: तमिलनाडु और दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला पावन पर्व ‘आडि पेरुकु’ (Aadi Perukku), जिसे ‘आडी 18’ के नाम से भी जाना जाता है, इस वर्ष 3 अगस्त, 2025 को रविवार के दिन मनाया जाएगा। यह त्योहार मुख्य रूप से देवी प्रकृति (Bhumidevi) या आदिलाक्ष्मी (Adilakshmi) के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और कावेरी नदी (Kaveri River) जैसी जीवनदायिनी जल धाराओं के महत्व को सम्मान देने का एक पावन अवसर है। मान्यता है कि इस दिन नदियों में जल का प्रवाह बढ़ जाता है, जो कृषि की समृद्धि का प्रतीक है। इस पवित्र दिन पर किए जाने वाले कुछ विशेष कार्य सुहाग (Saubhagyas) और मांगल्य (Mangalya) को बढ़ाने वाले माने जाते हैं।
‘आदि पेरुकु’ का महत्व और पौराणिक कथा:
‘आदि पेरुकु’ का दिन बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। यह त्योहार विशेष रूप से महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके ‘मांगल्य बल’ (Magnayan Bal – पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य) को बढ़ाने वाला माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन देवी-देवताओं का आशीर्वाद विशेष रूप से प्राप्त होता है।
3 अगस्त 2025 को ‘आदि पेरुकु’ का शुभ संयोग:
इस वर्ष, 3 अगस्त, 2025 को रविवार के दिन ‘आदि पेरुकु’ पड़ रहा है, जो इस पर्व के महत्व को और बढ़ाता है।
घर पर पूजा की तैयारी:
- मंगला गौरी (Gauri Puja): घर पर पूजा करने वाले महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे पीले चावल (Manjal) से गणेश जी की मूर्ति बनाकर पूजा शुरू करें। किसी भी शुभ कार्य या पूजा का शुभारंभ गणेश जी की पूजा से करना विजय दिलाता है। सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें, दीया जलाएं, और फिर देवी पार्वती को घी (Ghee) का भोग लगाकर उनकी आराधना करें।
‘ताली’ (मंगलसूत्र) बदलना – सौभाग्य की वृद्धि:
- मांगल्य का प्रतीक: ‘आदि पेरुकु’ के दिन ताली (जो सौभाग्य का प्रतीक है) की डोरी या धागा बदलना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मांगल्य बल को बढ़ाता है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाता है।
- पीला धागा: अगर आप पहले से पीला धागा पहन रही हैं, तो उसे बदलना भी अच्छा रहता है।
- नए लोगों के लिए: जो महिलाएं पहली बार या नए सिरे से सुहाग का धागा (Sarangadu) पहन रही हैं, उनके लिए भी यह दिन विशेष है।
ताली बदलने का शुभ मुहूर्त:
- विशाख नक्षत्र (Vishakha Nakshatra): यह नक्षत्र सुबह 7:24 बजे शुरू होकर अगले दिन सुबह 9:50 बजे तक रहेगा।
- शुभ मुहूर्त: ताली या धागा बदलने का शुभ समय सुबह 7:45 से 8:45 तक और शाम 3:15 से 4:15 तक है।
- अन्य महत्वपूर्ण समय: यह सलाह दी जाती है कि सुबह 9 बजे तक पूजा समाप्त कर लें, उसके बाद नई ‘ताली’ पहनना अच्छा रहता है।
घर के लिए आवश्यक वस्तुएं – खुशहाली का भंडार:
‘आदि पेरुकु’ के दिन कुछ विशेष वस्तुओं को घर में लाना और रखना बहुत शुभ माना जाता है, जिससे घर में समृद्धि आती है:
- मुख्य खाद्य वस्तुएं: चावल, दाल, नमक, इमली, सूखी लाल मिर्च (मिर्च का बीट), और तेल जैसी दैनिक उपयोग की चीजों को खरीदकर घर में भरकर रखना चाहिए।
- कुंदु मंजन (Gundu Manjal – पीला हल्दी): शास्त्र कहते हैं कि यदि आप सोने-चांदी जैसी महंगी चीजें न खरीद सकें, तो पीली हल्दी (Gundu Manjal) खरीदना भी उतना ही शुभ फलदायक होता है। यह धन की वृद्धि का प्रतीक है।
धन और समृद्धि का विशेष महत्व:
ऐसी मान्यता है कि ‘आदि पेरुकु’ के दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु कई गुना बढ़कर (பன்மடங்கு பெருகும்) फल देती है। इस दिन, खासकर धन-सम्पन्न लोग सोने-चांदी के आभूषण खरीदते हैं, जिससे उनकी समृद्धि बढ़ती है। ज्वेलरी की दुकानों पर इस दिन काफी भीड़ देखी जाती है।
परंपराओं का पालन:
यह त्योहार प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने, सौभाग्य को बढ़ाने और परिवार में खुशहाली लाने का एक सुंदर अवसर है। इन सरल और शुभ कार्यों को करने से न केवल मान्यताएं पूरी होती हैं, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।
अस्वीकरण (Disclaimer):
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