भारत और इंग्लैंड के बीच बहुप्रतीक्षित “एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी” का पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच लंदन के ऐतिहासिक ‘द ओवल’ (The Oval) मैदान पर खेला जाएगा। श्रृंखला में 2-2 की बराबरी करने के लक्ष्य के साथ, भारतीय टीम इस मैदान पर अपने पिछले प्रदर्शनों से प्रेरणा लेने की कोशिश करेगी। मैनचेस्टर में श्रृंखला जीतने का मौका चूकने के बाद, भारत अब ओवल में श्रृंखला अपने नाम करने या कम से कम बराबर करने के इरादे से मैदान में उतरेगा।
ओवल में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड: मिला-जुला रहा है प्रदर्शन
ऐतिहासिक ‘द ओवल’ मैदान पर भारत का टेस्ट रिकॉर्ड मिला-जुला रहा है:
- कुल खेले गए टेस्ट: 15
- जीते: 2
- ड्रॉ (बराबर): 7
- हारे: 6
- पिछला परिणाम: 2023 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 209 रनों से हार।
यह रिकॉर्ड दिखाता है कि भारत ने यहाँ कुछ यादगार जीतें दर्ज की हैं, लेकिन ओवल को फतेह करना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है।
ओवल में टेस्ट मैचों के आंकड़े (2000 के बाद):
- कुल खेले गए टेस्ट: 25
- पहले बल्लेबाजी कर जीती: 13
- पहले गेंदबाजी कर जीती: 8
- ड्रॉ: 4
- सर्वाधिक स्कोर: भारत 664/10 बनाम इंग्लैंड (2007)
- न्यूनतम स्कोर: भारत 94/10 बनाम इंग्लैंड (2014)
- सर्वाधिक रन चेज: श्रीलंका 219/2 बनाम इंग्लैंड (2024)
- पहले बल्लेबाजी चुनी: 15 बार (6 जीत, 4 ड्रॉ, 5 हार)
- पहले गेंदबाजी चुनी: 10 बार (3 जीत, 7 हार)
टॉस जीतने वाले कप्तान के लिए पहले बल्लेबाजी का विकल्प थोड़ा अधिक प्रभावी रहा है, लेकिन गेंदबाजों के लिए भी यह मैदान मौके प्रदान करता है।
ओवल की पिच रिपोर्ट:
हाल के दिनों में ‘द ओवल’ की पिच को रन स्कोरिंग के लिए काफी अनुकूल पाया गया है। इस साल काउंटी चैम्पियनशिप (County Championship) और वाइटेलिटी ब्लास्ट (Vitality Blast) जैसे घरेलू टूर्नामेंट में पिच बल्लेबाजों के लिए शानदार रही है। हाल ही में सरे (Surrey) टीम ने डरहम (Durham) के खिलाफ काउंटी मैच में 820/9 (घोषित) का स्कोर खड़ा किया था, जिसमें डॉम सिबली (Dom Sibley) का तिहरा शतक और सैम करन, डैन लॉरेंस, और विल जैक्स के शतक शामिल थे।
2000 के बाद से, पेस (तेज गेंदबाजों) और स्पिन (स्पिन गेंदबाजों) दोनों की प्रभावशीलता लगभग समान रही है। तेज गेंदबाजों ने 584 विकेट 33.42 की औसत से लिए हैं, जबकि स्पिनरों ने 132 विकेट 35.20 की औसत से झटके हैं।
‘द ओवल’ में खेला गया पिछला टेस्ट मैच यादगार रहा, जब श्रीलंका ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथी पारी में 219 रनों का पीछा करते हुए 8 विकेट से जीत दर्ज की थी। यह 2000 के बाद चौथा विकेट खोकर सबसे बड़ी सफल चेज़ थी, जिसमें पथुम निस्सांका (Pathum Nissanka) का शतक महत्वपूर्ण रहा था।
भारत के लिए यह मैच श्रृंखला बचाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, और ओवल की पिच पर बल्लेबाजों को अच्छी शुरुआत मिलेगी, लेकिन स्पिनरों और तेज गेंदबाजों दोनों के लिए भी मौके मौजूद रहेंगे। भारतीय टीम को अपनी पिछली गलतियों से सीखते हुए एक संतुलित प्रदर्शन करना होगा।







