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Bihar Politics: मतदाता सूची पर गरमाई बहस, सम्राट चौधरी बोले – ‘घुसपैठिये कर रहे हैं हंगामा

Published On: July 9, 2025
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Bihar Politics: मतदाता सूची पर गरमाई बहस, सम्राट चौधरी बोले - 'घुसपैठिये कर रहे हैं हंगामा
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Bihar Politics: बिहार (Bihar) के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने एनडीटीवी (NDTV) को दिए एक विशेष साक्षात्कार (Exclusive Interview) में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के लिए भाजपा (BJP) के “अभी के लिए” पूर्ण समर्थन (Full Support for Now) की पुष्टि की है। इसके साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal – RJD) और कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व वाले महागठबंधन (Mahagathbandhan) पर “तुष्टिकरण की राजनीति” (Appeasement Politics) का आरोप लगाते हुए एक पूर्ण-स्पेक्ट्रम हमला (Full-Spectrum Attack) बोला है। यह बयान बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में चल रहे तीव्र घटनाक्रम को दर्शाता है और आगामी चुनावों (Upcoming Elections) से पहले गठबंधन (Alliance) की स्थिति पर प्रकाश डालता है। बिहार में बीजेपी (BJP in Bihar) का यह कदम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को और मजबूत करेगा।

सम्राट चौधरी ने एनडीटीवी को बताया, “हम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में काम कर रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व (Central Leadership) सीट बंटवारे (Seat Sharing) और मुख्यमंत्री पद के चेहरे (Chief Minister Face) पर फैसला करेगा। जब भाजपा नेतृत्व (BJP Leadership) बैठेगा, तो वह इस पर विचार कर सकता है। अभी के लिए नीतीश (Nitish) नेतृत्व कर रहे हैं।” यह बयान एनडीए गठबंधन (NDA Alliance) में सत्ता के समीकरण (Power Equation) को स्पष्ट करता है।

मतदाता सूची पर विवाद: ‘बांग्लादेशी घुसपैठिए’ और किशनगंज में सत्यापन

चुनाव आयोग (Election Commission) के मतदाता सूची संशोधन (Voter List Revision) अभ्यास को लेकर विरोध प्रदर्शनों (Protests) के बीच, चौधरी (Choudhary) ने जोर देकर कहा कि यह प्रक्रिया “बांग्लादेशी घुसपैठियों (Bangladeshi Infiltrators) द्वारा अवैध मतदान (Illegal Voting) को रोकने के लिए आवश्यक थी,” विशेष रूप से किशनगंज (Kishanganj) जैसे सीमावर्ती जिलों (Border Districts) में।

सम्राट चौधरी ने कहा, “पिछले छह महीनों में, किशनगंज में आवासीय प्रमाण पत्रों (Residential Certificates) के लिए एक भीड़ देखी गई है। 2.41 लाख आवेदन प्राप्त हुए। लोग बाहर से आकर बस गए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अगर बिहार के लोग मतदाता (Voters) बनना चाहते हैं तो क्या दिक्कत है? लेकिन अगर डेटा दिखाता है कि दस गुना अधिक आवेदन आ रहे हैं, तो यह सवाल उठाता है। चिंता घुसपैठ (Infiltration) के बारे में है, न कि मुसलमानों (Muslims) को निशाना बनाने के बारे में।” उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) ने बिहार (Bihar) के मतदाता सूचियों (Voter Rolls) को अपडेट करने के लिए चुनाव आयोग के विशेष अभियान (Special Drive) का बचाव किया, विपक्ष (Opposition) के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि यह अभ्यास अल्पसंख्यकों (Minorities) को निशाना बनाता है। बिहार में चुनाव (Elections in Bihar) और मतदाता पंजीकरण (Voter Registration) हमेशा एक संवेदनशील मुद्दा रहा है।

चौधरी ने पूछा, “उन्हें चुनाव आयोग पर भरोसा करना चाहिए। 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई निर्धारित (Hearings are Scheduled) है। सड़कों पर उतरकर आम लोगों (Common People) को परेशानी क्यों दे रहे हैं?” उनकी टिप्पणियां कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व वाले विपक्षी इंडिया गठबंधन (INDIA bloc) द्वारा शक्ति प्रदर्शन के एक नाटकीय backdrop पर आईं, जिसमें आरजेडी के तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), भाकपा (माले) के दीपंकर भट्टाचार्य (Dipankar Bhattacharya), और अन्य विपक्षी नेताओं (Opposition Leaders) ने पटना (Patna) में चुनाव आयोग कार्यालय (Election Commission Office) तक एक विरोध मार्च (Protest March) का नेतृत्व किया, जिसमें मतदाता सूची संशोधन की निंदा की गई।

चौधरी (Choudhary) ने कहा, “जो लोग अलार्म बजा रहे हैं, वे वही हैं जिन्हें बूथ कैप्चरिंग (Booth Capturing) से फायदा हुआ। आरजेडी (RJD) ने बिहार को लूटा, कांग्रेस (Congress) ने देश को लूटा। मेरी सलाह है कि बूथ स्तर पर अभियान चलाएं, सड़कों पर नहीं।” यह बयान राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप (Political Allegations and Counter-Allegations) को दर्शाता है।

बिहार के ‘दो मॉडल’: लालू मॉडल बनाम नीतीश मॉडल

सम्राट चौधरी ने कहा, “बिहार में केवल दो मॉडल हैं – लालू मॉडल (Lalu Model) और नीतीश मॉडल (Nitish Model)। लालू ने लोगों को बिहार से भगाया। हम उन्हें वापस बुला रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “लालू के समय में एक लाख नौकरियां भी नहीं दी गईं। नीतीश (Nitish) ने सात लाख नौकरियां (Jobs) पैदा कीं और 2.5 लाख लोगों को सरकारी रोजगार (Government Employment) दिया। अब, हम 12 लाख सरकारी नौकरियों (Government Jobs) और 38 लाख रोजगार के अवसर (Employment Opportunities) का लक्ष्य रखते हैं।” यह बिहार में रोजगार नीति (Employment Policy) और आर्थिक विकास (Economic Development) पर दोनों मॉडलों के अंतर को स्पष्ट करता है।

कानून व्यवस्था (Law and Order) पर, चौधरी (Choudhary) ने स्वीकार किया कि व्यक्तिगत अपराध (Individual Crimes) होंगे, लेकिन नीतीश सरकार ने संगठित अपराध (Organised Crime) को नियंत्रण में रखा है।

चौधरी ने कहा, “व्यक्तिगत हत्याओं को कोई नहीं रोक सकता। लेकिन हमने खेमका मामले (Khemka Case) को 72 घंटे में सुलझाया। उन्होंने अपनी सुरक्षा वापस कर दी थी जो उन्हें छह साल बाद प्रदान की गई थी। इस साजिश का आरजेडी से संबंध था। सत्ता अब अपराध को पोषित नहीं कर रही है। हमें याद है जब फिरौती (Ransom Payments) के भुगतान की मध्यस्थता खुद लालू करते थे।” यह कानून व्यवस्था में बिहार सरकार की सफलता (Bihar Government’s Success) को दर्शाता है।

NDA (एनडीए) में चिराग पासवान (Chirag Paswan) की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर, चौधरी (Choudhary) ने कहा, “वह बिहार से तीसरी बार के सांसद (Third-term MP) हैं। shifting का कोई मुद्दा नहीं है। हम सभी, चिराग (Chirag) सहित – बिहार फर्स्ट कहते हैं।” यह एनडीए (NDA) में गठबंधन सहयोगियों (Alliance Partners) के बीच एकता को दर्शाता है। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) के लिए यह सब राजनीतिक पृष्ठभूमि (Political Background) बन रही है।

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